नई जारी की गई हिंदी कहानियाँ

Reading stories is a greatest experience, that introduces you to the world of new thoughts and imagination. It introduces you to the characters that can inspire you in your life. The stories on Matrubharti are published by independent authors having beautiful and creative thoughts with an exceptional capability to tell a story for online readers.


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  • उजाले की राह

    उत्तराखंड के छोटे से शहर कोटद्वार में अमन का बचपन एक साधारण लेकिन स्नेहभरे माहौल...

  • ट्रिपलेट्स भाग 1

    ट्रिपलेट्स भाग 1 अमर – प्रेम – राजअध्याय 1 : अंधेरी रात, एक माँ और अधूरा सचबरसात...

  • जहाँ से खुद को पाया - 1

    Part .1 ‎‎गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा...

  • चंदनी - भाग 1

    चंदनी लेखक राज फुलवरेसुनहरे चंदन के पेड़ों की लंबी कतारों के बीच, एक छोटी-सी गुफ...

  • त्योहारों की छुट्टियां और आपका दिल

                                      त्योहारों की छुट्टियां और आपका दिल   क्या आप ज...

  • पहली नजर का पहला प्यार

    कहते हैं न,कभी-कभी उम्र कम पड़ जाती है प्यार करने के लिए,और कभी-कभी पूरी उम्र भी...

  • सर्जा राजा - भाग 1

     सर्जा राजा – भाग 1(बैलों का महान मेला – शुरुआत)लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 – बैलों...

  • एक शादी ऐसी भी - 1

    घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन...

  • The Great Gorila - 1

    घने जंगल के हृदय में, जहाँ सूरज की रोशनी भी डरते-डरते ज़मीन तक पहुँचती थी, वहाँ...

  • कुछ पल अनजाने से - भाग 1

    सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाए...

दूसरा चेहरा By Vijay Erry

दूसरा चेहरालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की चकाचौंध भरी शामें हमेशा धोखा देती हैं। नेहरू प्लेस की ऊँची-ऊँची इमारतों के बीच जब सूरज डूबता है, तो लगता है जैसे सोने की परत चढ़ी हुई दीवारें...

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The Book of the Secrets of Enoch.... - 3 By Tanu Kadri

अध्याय 11, XI1 उन पुरूषों ने मुझे पकड़ लिया, और चौथे स्वर्ग पर ले गए, और मुझे सब क्रमिक मार्ग, और सूर्य और चन्द्रमा की सारी किरणें दिखाईं। 2 और मैं ने उनकी गति मापी, और उनकी रोशनी...

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तेरे मेरे दरमियान - 43 By CHIRANJIT TEWARY

अशोक कहता है ----->" ये पैरो मे चोट और कल तुम कहां गयी थी , दामाद जी से पूछा तो उन्होने कहा के तुम अपने दोस्तो के साथ बाहर गयी हो । पर मैं जानता हूँ के तुम्हारे ऐसे कोई दोस्त है ही...

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मन का विरोधाभाष By Rajeev kumar

   विरोधापभाष कम होता प्रतीत नहीं हो रहा था, बल्कि बढ़ता ही जा रहा था। बाहर का विरोधाभाष होता तो स्नेहा उन बातों पर बिल्कूल भी ध्यान नहीं देती और खुद को एक कमरे में बंद करके अपने का...

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अन्तर्निहित - 23 By Vrajesh Shashikant Dave

[23]“शैल जी, मृतदेह के विषय में कुछ ज्ञात हुआ क्या?”“क्या ज्ञात करना चाहती हो?”“यही कि वह व्यक्ति कौन थी? किस देश परदेश की थी? क्या आयु होगी? आदि।”“आयु का भी अनुमान नहीं लगा सका पो...

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तुमसे मिलने की छुट्टी - 9 By soni

“पहली छुट्टी… और परिवार का नया सपना”  के बाद की सुबह कुछ अलग थी।हवा हल्की थी, सूरज नरम…और घर में पहली बार कोई अलार्म नहीं बजा।आयुष देर तक सोया रहा—न यूनिफॉर्म, न बूट,बस एक आम-सा इं...

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जहाँ से खुद को पाया - 1 By vikram kori

Part .1 ‎‎गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू घुली हुई थी। वह उसी गाँव में पला-बढ़ा था, सयुग जहाँ हर कोई एक-दूसरे को नाम...

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उड़ान (5) By Asfal Ashok

दिव्या की ट्रेन नई पोस्टिंग की ओर बढ़ रही थी। अगला जिला—एक छोटा-सा पहाड़ी इलाका, जहां सड़कें संकरी थीं और हवा में चीड़ की ताजगी भरी खुशबू। प्रोबेशन का दूसरा चरण। रेस्ट हाउस यहां भी...

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The Great Gorila - 2 By Ravi Bhanushali

जंगल अब पहले जैसा नहीं रहा था। जहाँ कभी राख और सन्नाटा था, वहाँ फिर से हरियाली लौट आई थी। नई बेलें पुराने पेड़ों से लिपट गई थीं, पक्षियों की आवाज़ें सुबह को जगाने लगी थीं और नदी का...

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अधुरी खिताब - 52 By kajal jha

एपिसोड 52 — “हवेली का प्रेत और रक्षक रूह का जागना”(सीरीज़: अधूरी किताब)️ 1. हवा फटी — और हमला शुरू हुआकाली रूह ने जैसे ही चीखकर अपना रूप फैलाया,हवेली की नीली रेखाएँ काली पड़ने लगीं...

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