पौराणिक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Mythological Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations a...Read More


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Featured Books

श्री सुदामा जी By Renu

विप्रवर सुदामा जन्मसे ही दरिद्र थे। श्रीकृष्णचन्द्र जब अवन्तीमें महर्षि सान्दीपनिके यहाँ शिक्षा प्राप्त करने गये, तब सुदामाजी भी वहीं गुरुके आश्रममें थे। वहाँ श्रीकृष्णचन्द्रसे उनक...

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महर्षि मैत्रेय जी By Renu

महर्षि मैत्रेय पुराणवक्ता ऋषि हैं। वे 'मित्र' के पुत्र होने के कारण मैत्रेय कहलाये। श्रीमद्भागवत में इनके सम्बन्ध में इतना ही मिलता है कि ये महर्षि पराशर के शिष्य और वेदव्य...

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भक्त पाण्डव By Renu

भक्त पाण्डव धर्मो विवर्धति युधिष्ठिरकीर्तनेन पापं प्रणश्यति वृकोदरकीर्तनेन। शत्रुर्विनश्यति धनञ्जयकीर्तनेन माद्रीसुतौ कथयतां न भवन्ति रोगा: ॥ *जैसे शरीर में पाँच प्राण होते हैं, वै...

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पौराणिक कथाये - 28 - माघ कृष्ण षटतिला एकादशी व्रत कथा By Devaki Ďěvjěěţ Singh

एक समय दालभ्य ऋषि ने पुलस्त्य ऋषि से पूछा कि हे महाराज, पृथ्वी लोक में मनुष्य ब्रह्महत्यादि महान पाप करते हैं, पराए धन की चोरी तथा दूसरे की उन्नति देखकर ईर्ष्या करते हैं। साथ ही अन...

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श्री विदुर जी एवं उनकी धर्मपत्नी By Renu

माण्डव्य ऋषि के शापसे यमराजजी ने ही दासीपुत्र के रूपमें धृतराष्ट्र तथा पाण्डु के भाई होकर जन्म लिया था। यमराजजी भागवताचार्य हैं। अपने इस रूप में मनुष्य-जन्म लेकर भी वे भगवान्‌ के प...

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श्रीलक्ष्मी जी By Renu

श्रीकमला (श्रीलक्ष्मी जी) भगवती लक्ष्मी जी विष्णुवल्लभा हैं, वे भगवान् विष्णु से अभिन्न हैं। उनके विषय में बताते हुए पराशर जी श्रीमैत्रेय जी से कहते हैं— हे द्विजश्रेष्ठ! भगवान् ‌क...

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 20 By Mansi

भाग २० अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने देखा वीरेन तो वही लड़का है जो उसे मैदान में मिला था वह अपने माता पिता से वीरेन की शिकायत कर रही थी अब आगे की कहानी देखते है। वीरेन भी...

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रामायण युद्ध में हनुमान By SR Daily

रामायण युद्ध में हनुमानरामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमान जी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है। हनुमानजी की भेंट रामजी से उनके वनवास के समय तब हुई जब रामजी अपने भ्राता लछ...

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एकलव्य की गुरुभक्ति By SR Daily

एकलव्य की गुरुभक्तिआचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे द्रोणाचार्य...

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दानवीर कर्ण By SR Daily

दानवीर कर्णकर्ण कुंती का पुत्र था| पाण्डु के साथ कुंती का विवाह होने से पहले ही इसका जन्म हो चुका था| लोक-लज्जा के कारण उसने यह भेद किसी को नहीं बताया और चुपचाप एक पिटारी में रखकर...

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महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञा By SR Daily

महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञामहाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़के अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पाण्डवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने च...

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भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी By SR Daily

भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जीएक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई साल बीत गये थे धरती पर आये, ओर वह अ...

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स्वर्ण मंदिर By SR Daily

स्वर्ण मंदिरस्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब भी कहा जाता है। इसके आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स...

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श्री शबरी जी By Renu

'पवित्र जीवन के बिना पवित्रतम परमात्मा को कोई नहीं प्राप्त कर सकता।’ उष:काल में पम्पासर के तटपर महर्षि मतंग अपने शिष्यों से कह रहे थे। अतः मनसा, वाचा, कर्मणा पवित्रता का पालन क...

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श्रीपृथुजी महाराज By Renu

महाराज 'अङ्ग' की पत्नी सुनीथा, जो साक्षात् मृत्यु की कन्या थीं, उससे 'वेन' नामक पुत्र हुआ, जो अपने नाना मृत्यु के स्वभाव का अनुसरण करने के कारण अत्यन्त क्रूर कर्म क...

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श्री नारदजी By Renu

‘उत्सङ्गान्नारदो जज्ञे’ अर्थात् प्रजापति ब्रह्माजी की गोद से श्रीनारदजी उत्पन्न हुए। जब ब्रह्माजी ने इन्हें भी सृष्टि-विस्तार की आज्ञा दी तो श्रीनारदजी ने यह कहकर कि 'अमृत से भ...

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श्री अलर्कजी By Renu

महाराज अलर्क महाराज ऋतध्वज और महारानी मदालसाके चार पुत्रों में सबसे छोटे थे। इनके अन्य ज्येष्ठ भाइयों के नाम विक्रान्त, सुबाहु और शत्रुमर्दन थे। इनकी माता महारानी मदालसा अत्यन्त वि...

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कुछ अंजान जिंदगी की कहानियां - 2 By Your Dreams

श्रीकृष्ण मणि एक बार भगवान श्रीकृष्ण बलरामजी के साथ हस्तिनापुर गए। उनके हस्तिनापुर चले जाने के बाद अक्रूर और कृतवर्मा ने शतधन्वा को स्यमंतक मणि छीनने के लिए उकसाया। शतधन्वा बड़े दु...

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मेरा जीवन मेरा परिवार देवी का चमत्कार By neena asrani

बहुत समय पहले की बात है माता वैष्णो देवी की चढ़ाई बहुत कठिन हुआ करती  थी.    छोटा सा रास्ता था.    लोगों की श्रद्धा बहुत  ज़ायदा हुआ करती थी. जब मात रानी का धयान आटा  था मुझे  कटरा...

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बाली वध By Arun

मैं राम-दूत को प्रणाम करता हूँ जो रुद्र के अवतार में राम के सेवक थे, जो सदा राम की भक्ति में लीन रहते थे, जिनके हृदय में सदा राम का वास था, जिन्होंने लक्ष्मण को बचाया और उनकी शक्ति...

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सुग्रीव मित्र हनुमान By Arun

हनुमान का स्मरण करने वाला विख्यात हो जाएगा और उसे बुद्धि, बल और साहस की प्राप्ति होगी, वह भय और रोग से मुक्त हो जाएगा तथा वाक्पटुता में पारंगत हो जाएगा। —हनुमन स्तोत्र सुग्रीव, हनु...

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श्रीजाम्बवान् जी By Renu

ऋक्षराज जाम्बवान् ब्रह्मा के अंशावतार हैं। एक रूप से सृष्टि करते-करते ही दूसरे रूपसे भगवान्‌की आराधना, सेवा एवं सहायता की जा सके, इसी भाव से वे जाम्बवान्के रूपमें अवतीर्ण हुए थे। ऋ...

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केसरी-नंदन हनुमान की शिक्षा By Arun

हनुमान जब पाँच वर्ष के हो गए तो केसरी ने सोचा कि अब उनके पुत्र को औपचारिक शिक्षा लेनी चाहिए। अगस्त्य मुनि ने हनुमान को शिक्षा के लिए सूर्यदेव के पास भेजने का सुझाव दिया। “सूर्यदेव...

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श्री राजा बली By Renu

जन्मकर्मवयोरूपविद्यैश्वर्यधनादिभिः । यद् यस्य न भवेत्स्तम्भस्तत्रायं मदनुग्रहः ॥* प्रह्लादजीके पुत्र विरोचन और विरोचनजीके पुत्र लोकविख्यात दानिशिरोमणि महाराज बलि हुए। दैत्यकुलमें उ...

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श्री सुदामा जी By Renu

विप्रवर सुदामा जन्मसे ही दरिद्र थे। श्रीकृष्णचन्द्र जब अवन्तीमें महर्षि सान्दीपनिके यहाँ शिक्षा प्राप्त करने गये, तब सुदामाजी भी वहीं गुरुके आश्रममें थे। वहाँ श्रीकृष्णचन्द्रसे उनक...

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महर्षि मैत्रेय जी By Renu

महर्षि मैत्रेय पुराणवक्ता ऋषि हैं। वे 'मित्र' के पुत्र होने के कारण मैत्रेय कहलाये। श्रीमद्भागवत में इनके सम्बन्ध में इतना ही मिलता है कि ये महर्षि पराशर के शिष्य और वेदव्य...

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भक्त पाण्डव By Renu

भक्त पाण्डव धर्मो विवर्धति युधिष्ठिरकीर्तनेन पापं प्रणश्यति वृकोदरकीर्तनेन। शत्रुर्विनश्यति धनञ्जयकीर्तनेन माद्रीसुतौ कथयतां न भवन्ति रोगा: ॥ *जैसे शरीर में पाँच प्राण होते हैं, वै...

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पौराणिक कथाये - 28 - माघ कृष्ण षटतिला एकादशी व्रत कथा By Devaki Ďěvjěěţ Singh

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श्रीलक्ष्मी जी By Renu

श्रीकमला (श्रीलक्ष्मी जी) भगवती लक्ष्मी जी विष्णुवल्लभा हैं, वे भगवान् विष्णु से अभिन्न हैं। उनके विषय में बताते हुए पराशर जी श्रीमैत्रेय जी से कहते हैं— हे द्विजश्रेष्ठ! भगवान् ‌क...

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 20 By Mansi

भाग २० अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने देखा वीरेन तो वही लड़का है जो उसे मैदान में मिला था वह अपने माता पिता से वीरेन की शिकायत कर रही थी अब आगे की कहानी देखते है। वीरेन भी...

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रामायण युद्ध में हनुमान By SR Daily

रामायण युद्ध में हनुमानरामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमान जी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है। हनुमानजी की भेंट रामजी से उनके वनवास के समय तब हुई जब रामजी अपने भ्राता लछ...

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दानवीर कर्णकर्ण कुंती का पुत्र था| पाण्डु के साथ कुंती का विवाह होने से पहले ही इसका जन्म हो चुका था| लोक-लज्जा के कारण उसने यह भेद किसी को नहीं बताया और चुपचाप एक पिटारी में रखकर...

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भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जीएक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई साल बीत गये थे धरती पर आये, ओर वह अ...

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स्वर्ण मंदिर By SR Daily

स्वर्ण मंदिरस्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब भी कहा जाता है। इसके आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स...

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श्रीपृथुजी महाराज By Renu

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श्री अलर्कजी By Renu

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मेरा जीवन मेरा परिवार देवी का चमत्कार By neena asrani

बहुत समय पहले की बात है माता वैष्णो देवी की चढ़ाई बहुत कठिन हुआ करती  थी.    छोटा सा रास्ता था.    लोगों की श्रद्धा बहुत  ज़ायदा हुआ करती थी. जब मात रानी का धयान आटा  था मुझे  कटरा...

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सुग्रीव मित्र हनुमान By Arun

हनुमान का स्मरण करने वाला विख्यात हो जाएगा और उसे बुद्धि, बल और साहस की प्राप्ति होगी, वह भय और रोग से मुक्त हो जाएगा तथा वाक्पटुता में पारंगत हो जाएगा। —हनुमन स्तोत्र सुग्रीव, हनु...

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श्रीजाम्बवान् जी By Renu

ऋक्षराज जाम्बवान् ब्रह्मा के अंशावतार हैं। एक रूप से सृष्टि करते-करते ही दूसरे रूपसे भगवान्‌की आराधना, सेवा एवं सहायता की जा सके, इसी भाव से वे जाम्बवान्के रूपमें अवतीर्ण हुए थे। ऋ...

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केसरी-नंदन हनुमान की शिक्षा By Arun

हनुमान जब पाँच वर्ष के हो गए तो केसरी ने सोचा कि अब उनके पुत्र को औपचारिक शिक्षा लेनी चाहिए। अगस्त्य मुनि ने हनुमान को शिक्षा के लिए सूर्यदेव के पास भेजने का सुझाव दिया। “सूर्यदेव...

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श्री राजा बली By Renu

जन्मकर्मवयोरूपविद्यैश्वर्यधनादिभिः । यद् यस्य न भवेत्स्तम्भस्तत्रायं मदनुग्रहः ॥* प्रह्लादजीके पुत्र विरोचन और विरोचनजीके पुत्र लोकविख्यात दानिशिरोमणि महाराज बलि हुए। दैत्यकुलमें उ...

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