पौराणिक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Mythological Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations a...Read More


Categories
Featured Books
  • राजकुमारी शिवन्या - भाग 25

    अंतिम भाग २५ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या को राजकुमार वीरेन का खत मिला थ...

  • घटोत्कच

    घटोत्कच महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक है। कुंती के पुत्र भीम का राक्षस पुत...

  • Shiv️️ Shakti

    Shiv Shakti️The Ultimate Reality is #Paramashiva or ShivaTattwa, and the nature...

राजकुमारी शिवन्या - भाग 25 By Mansi

अंतिम भाग २५ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या को राजकुमार वीरेन का खत मिला था उन्हों ने वह पढ़ा दूसरे दिन शादी थी इसलिए वह खत पढ़ कर सो गई अब आगे की कहानी देखते है। उन्हों ने अ...

Read Free

द्रोणाचार्य By Renu

भरद्वाज का वीर्य किसी द्रोणी में स्खलित होने से जिस पुत्र का जन्म हुआ, उसे द्रोण कहा गया। ऐसा उल्लेख भी मिलता है कि भारद्वाज ने गंगा में स्नान करती घृताची को देखा, आसक्त होने के का...

Read Free

अम्बरीष By Renu

अम्बरीष इक्ष्वाकुवंशीय परमवीर राजा थे। यह भगीरथ के प्रपौत्र, वैवस्वत मनु के पौत्र और नाभाग के पुत्र थे। राजा अम्बरीष की कथा 'रामायण', 'महाभारत' और पुराणों में विस्त...

Read Free

श्रीकृष्ण By Renu

श्रीकृष्ण को हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देव...

Read Free

शिशुपाल By Renu

शिशुपाल महाभारत कालीन चेदि राज्य का स्वामी था। महाभारत में चेदि जनपद के निवासियों के लिए आदिपर्व[1] में लिखा है- "चेदि जनपद के लोग धर्मशील, संतोषी ओर साधु हैं। यहाँ हास-परिहास में...

Read Free

घटोत्कच By Renu

घटोत्कच महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक है। कुंती के पुत्र भीम का राक्षस पुत्र घटोत्कच था। द्रौपदी के अतिरिक्त भीम की एक अन्य पत्नी का नाम हिडिंबा था, जिससे भीम का परमवीर पुत्र...

Read Free

गांधारी By Renu

गांधारी गांधार देश के सुबल नामक राजा की कन्या थीं। क्योंकि वह गांधार की राजकुमारी थीं, इसीलिए उनका नाम गांधारी पड़ा। वह हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधन आदि कौर...

Read Free

Shiv️️ Shakti By Sakshi Rote

Shiv Shakti️The Ultimate Reality is #Paramashiva or ShivaTattwa, and the nature of Shiva is Sacchidananda.#Parashakti or Shakti Tattwa refers to the lccha,Gyana & Kriya Shaktis, an...

Read Free

द्रौपदी By Renu

द्रौपदी महाभारत में पाँच पांडवों की रानी थी। उसका जन्म महाराज द्रुपद के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था। अतः यह ‘यज्ञसेनी’ भी कहलाई। द्रौपदी पूर्वजन्म में किसी ऋषि की कन्या थी। उसने पति प...

Read Free

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 7 By Kishanlal Sharma

"भैया यह सब मेरी वजह सेलक्ष्मण भाई को सम्हालने लगें।सीता का हरण दोनों भाइयों के आत्मसम्मान पर गहरी चोट थी।राम काफी देर तक विलाप करते रहे और लक्ष्मण भाई को सांत्वना देते रहे।काफी दे...

Read Free

खाटूश्याम (बर्बरीक) By Renu

खाटूश्याम बर्बरीक के रूप हैं। श्रीकृष्ण ने ही बर्बरीक को 'खाटूश्याम' नाम दिया था। भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी खाटू में विराजित हैं। वीर घटोत्कच और मौरवी को...

Read Free

बर्बरीक By Renu

बर्बरीक महान पाण्डव भीम के पुत्र घटोत्कच और नाग कन्या अहिलवती के पुत्र थे। कहीं-कहीं पर मुर दैत्य की पुत्री 'कामकंटकटा' के उदर से भी इनके जन्म होने की बात कही गई है। इनके ज...

Read Free

यक्ष By Renu

यक्ष एक अर्ध देवयोनि (नपुंसक लिंग) है जिसका उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है। उसका अर्थ है 'जादू की शक्ति'। 'यच' सम्भवत: 'यक्ष' का ही एक प्राकृत रूप है। अतएव सम्भवत...

Read Free

अर्जुन By Renu

अर्जुन महाभारत के मुख्य पात्र थे। महाराज पांडु एवं रानी कुन्ती के वह तीसरे पुत्र और सबसे अच्छे धर्नुधारी थे। वे द्रोणाचार्य के श्रेष्ठ शिष्य थे। जीवन में अनेक अवसरों पर अर्जुन ने इ...

Read Free

इरावत By Renu

इरावत अर्जुन तथा नागराज की कन्या उलूपी का पुत्र था। इसने महाभारत के युद्ध में महाबली राजकुमार विंद और अनुविंद को हरा दिया था।महाभारत के युद्ध में इरावत ने सुबल के पुत्रों अर्थात शक...

Read Free

जब हनुमान ने तीनों का घमण्ड चूर किया By Rajiya

संसार में किसी का कुछ नहीं| ख्वाहमख्वाह अपना समझना मूर्खता है, क्योंकि अपना होता हुआ भी, कुछ भी अपना नहीं होता| इसलिए हैरानी होती है, घमण्ड क्यों? किसलिए? किसका? कुछ रुपये दान करने...

Read Free

श्रीकृष्ण मणि By Rajiya

श्रीकृष्ण मणिएक बार भगवान श्रीकृष्ण बलरामजी के साथ हस्तिनापुर गए। उनके हस्तिनापुर चले जाने के बाद अक्रूर और कृतवर्मा ने शतधन्वा को स्यमंतक मणि छीनने के लिए उकसाया। शतधन्वा बड़े दुष...

Read Free

एकलव्य By Renu

एकलव्य एक निषाद बालक था, जो कि अद्भुत धर्नुधर बन गया था। वह द्रोणाचार्य को अपना इष्ट गुरु मानता था और उनकी मूर्ति बनाकर उसके सामने अभ्यास कर धर्नुविद्या में पारंगत हो गया था। अर्जु...

Read Free

रावण का जन्म By Rajiya

जब श्रीराम अयोध्या में राज्य करने लगे तब एक दिन समस्त ऋषि-मुनि श्रीरघुनाथजी का अभिनन्दन करने के लिये अयोध्यापुरी में आये। श्रीरामचन्द्रजी ने उन सबका यथोचित सत्कार किया। वार्तालाप क...

Read Free

अश्वत्थामा By Renu

अश्वत्थामा पाण्डवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे। द्रोणाचार्य ने भगवान शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न करके उन्हीं के अंश से अश्वत्थामा नामक पुत्र को प्राप्त किया था। इन...

Read Free

जब हनुमान से हारे शनि By Rajiya

शनि के नाम से ही हर व्यक्ति डरने लगता है। शनि की दशा एक बार शुरू हो जाए तो साढ़ेसात साल बाद ही पीछा छोड़ती है। लेकिन हनुमान भक्तों को शनि से डरने की तनिक भी जरूरत नहीं। शनि ने हनुम...

Read Free

अभिमन्यु By Renu

अभिमन्यु महाभारत के महत्त्वपूर्ण पात्र थे, जो पाँच पांडवों में से अर्जुन के पुत्र थे। उनका छल द्वारा कारुणिक अंत बताया गया है। अभिमन्यु महाभारत के नायक अर्जुन और सुभद्रा, जो बलराम...

Read Free

योद्धा अश्वत्थामा By Rajiya

अश्वत्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र था| कृपी उसकी माता थी| पैदा होते ही वह अश्व की भांति रोया था| इसलिए अश्व की भांति स्थाम (शब्द) करने के कारण उसका नाम अश्वत्थामा पड़ा था| वह बहुत ही...

Read Free

कुरु By Renu

कुरु महाभारत में वर्णित 'कुरु वंश' के प्रथम पुरुष कहे जाते हैं। वे बड़े प्रतापी और तेजस्वी राजा थे। उन्हीं के नाम पर कुरु वंश की शाखाएँ निकलीं और विकसित हुईं। एक से एक प्रत...

Read Free

शौर्य अभिमन्यु By Rajiya

अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था| श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा इनकी माता थी| यह बालक बड़ा होनहार था| अपने पिता के-से सारे गुण इसमें विद्यमान थे| स्वभाव का बड़ा क्रोधी था और डरना तो किसी से...

Read Free

रामायण की कथा भजन के माध्यम से मेरे शब्दों में - 4 By Dave Rup

जनक दुलारी कुलवधू दशरथजी की,राजरानी होके दिन वन में बिताती है,रहते थे घेरे जिसे दास दासी आठों याम,दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है,धरम प्रवीना सती, परम कुलीना,सब विधि दोष हीना जीना...

Read Free

स्वामी हरिदास (हरिपुरुषजी) By Renu

भारतीय प्रदेश में पंद्रहवीं, सोलहवीं, सत्रहवीं शताब्दियां विशेष महत्‍वप्रद रही हैं। इनमें अनेकों ईश्‍वर के परम भक्त एवं अनेकों संत-महात्‍मा अवतरित हुए। नानक, कबीर, नामदेव, रैदास, द...

Read Free

भगवतगीता ( सम्पूर्ण हिंदी में ) By Stylish Aishwarya

अध्याय 1 - अर्जुन विषाद योग    धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?   संजय बोले- उस समय राजा दुर्य...

Read Free

पौराणिक कथाये - 31- फल्गुन शुक्ल आमलकी एकादशी By Devaki Ďěvjěěţ Singh

आमलकी एकादशी फाल्गुन मास में मनाई जाती है इसलिए इसे फाल्गुन शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है। साथ ही इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैआमलकी एकादशी के दिन, भक्त आंवला के पेड़ क...

Read Free

भक्त सखा श्री सुग्रीवजी By Renu

श्रीसुग्रीव जी न सर्वे भ्रातरस्तात भवन्ति भरतोपमाः। मद्विधा वा पितुः पुत्राः सुहृदो वा भवद्विधाः॥ श्रीराम जी सुग्रीवसे कहते हैं—‘भैया! सब भाई भरत के समान आदर्श नहीं हो सकते। सब पुत...

Read Free

श्री दधीचि जी By Renu

परोपकाराय सतां विभूतयः। एक बार की बात है, देवराज इन्द्र अपनी सभा में बैठे थे। उन्हें अभिमान हो आया कि हम तीनों लोकों के स्वामी हैं। ब्राह्मण हमें यज्ञमें आहुति देते हैं, देवता हमार...

Read Free

राजा रहूगण और जडभरत By Renu

प्राचीनकाल में भरत नाम के एक महान् प्रतापी एवं भगवद्भक्त राजा हो गये हैं, जिनके नाम से यह देश 'भारतवर्ष' कहलाता है । अन्त समय में उनकी एक मृगशावक में आसक्ति हो जाने के कारण...

Read Free

ग्वारिया बाबा By Renu

वृन्दावन में एक संत रहते थे। गौर वर्ण, लंबा शरीर, पैर तक लटकता ढीला-ढाला कुर्ता; शरीर का एक-एक रोम तक सफ़ेद हो गया था। उनके शरीर की थोड़ी झुर्रियां, रोम एवं केशों की श्वेतता ही कहत...

Read Free

श्री सगरजी By Renu

इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नामके चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्रका नाम रोहित था। रोहित से हरित का और हरित से चम्प का जन्म हुआ, जिसने चम्पापुरी बसायी। चम्प का सुदेव, सुदेव क...

Read Free

श्री शतरूपा जी By Renu

शतरूपाजी मानव सर्गकी आदिमाता हैं। ये स्वायम्भुव मनुकी पत्नी थीं। मनु और शतरूपासे ही मानवसृष्टिका आरम्भ हुआ । श्रुति भी कहती है- 'ततो मनुष्या अजायन्त।' मनु और शतरूपा दोनों ह...

Read Free

राजकुमारी शिवन्या - भाग 25 By Mansi

अंतिम भाग २५ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या को राजकुमार वीरेन का खत मिला था उन्हों ने वह पढ़ा दूसरे दिन शादी थी इसलिए वह खत पढ़ कर सो गई अब आगे की कहानी देखते है। उन्हों ने अ...

Read Free

द्रोणाचार्य By Renu

भरद्वाज का वीर्य किसी द्रोणी में स्खलित होने से जिस पुत्र का जन्म हुआ, उसे द्रोण कहा गया। ऐसा उल्लेख भी मिलता है कि भारद्वाज ने गंगा में स्नान करती घृताची को देखा, आसक्त होने के का...

Read Free

अम्बरीष By Renu

अम्बरीष इक्ष्वाकुवंशीय परमवीर राजा थे। यह भगीरथ के प्रपौत्र, वैवस्वत मनु के पौत्र और नाभाग के पुत्र थे। राजा अम्बरीष की कथा 'रामायण', 'महाभारत' और पुराणों में विस्त...

Read Free

श्रीकृष्ण By Renu

श्रीकृष्ण को हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देव...

Read Free

शिशुपाल By Renu

शिशुपाल महाभारत कालीन चेदि राज्य का स्वामी था। महाभारत में चेदि जनपद के निवासियों के लिए आदिपर्व[1] में लिखा है- "चेदि जनपद के लोग धर्मशील, संतोषी ओर साधु हैं। यहाँ हास-परिहास में...

Read Free

घटोत्कच By Renu

घटोत्कच महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक है। कुंती के पुत्र भीम का राक्षस पुत्र घटोत्कच था। द्रौपदी के अतिरिक्त भीम की एक अन्य पत्नी का नाम हिडिंबा था, जिससे भीम का परमवीर पुत्र...

Read Free

गांधारी By Renu

गांधारी गांधार देश के सुबल नामक राजा की कन्या थीं। क्योंकि वह गांधार की राजकुमारी थीं, इसीलिए उनका नाम गांधारी पड़ा। वह हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधन आदि कौर...

Read Free

Shiv️️ Shakti By Sakshi Rote

Shiv Shakti️The Ultimate Reality is #Paramashiva or ShivaTattwa, and the nature of Shiva is Sacchidananda.#Parashakti or Shakti Tattwa refers to the lccha,Gyana & Kriya Shaktis, an...

Read Free

द्रौपदी By Renu

द्रौपदी महाभारत में पाँच पांडवों की रानी थी। उसका जन्म महाराज द्रुपद के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था। अतः यह ‘यज्ञसेनी’ भी कहलाई। द्रौपदी पूर्वजन्म में किसी ऋषि की कन्या थी। उसने पति प...

Read Free

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 7 By Kishanlal Sharma

"भैया यह सब मेरी वजह सेलक्ष्मण भाई को सम्हालने लगें।सीता का हरण दोनों भाइयों के आत्मसम्मान पर गहरी चोट थी।राम काफी देर तक विलाप करते रहे और लक्ष्मण भाई को सांत्वना देते रहे।काफी दे...

Read Free

खाटूश्याम (बर्बरीक) By Renu

खाटूश्याम बर्बरीक के रूप हैं। श्रीकृष्ण ने ही बर्बरीक को 'खाटूश्याम' नाम दिया था। भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी खाटू में विराजित हैं। वीर घटोत्कच और मौरवी को...

Read Free

बर्बरीक By Renu

बर्बरीक महान पाण्डव भीम के पुत्र घटोत्कच और नाग कन्या अहिलवती के पुत्र थे। कहीं-कहीं पर मुर दैत्य की पुत्री 'कामकंटकटा' के उदर से भी इनके जन्म होने की बात कही गई है। इनके ज...

Read Free

यक्ष By Renu

यक्ष एक अर्ध देवयोनि (नपुंसक लिंग) है जिसका उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है। उसका अर्थ है 'जादू की शक्ति'। 'यच' सम्भवत: 'यक्ष' का ही एक प्राकृत रूप है। अतएव सम्भवत...

Read Free

अर्जुन By Renu

अर्जुन महाभारत के मुख्य पात्र थे। महाराज पांडु एवं रानी कुन्ती के वह तीसरे पुत्र और सबसे अच्छे धर्नुधारी थे। वे द्रोणाचार्य के श्रेष्ठ शिष्य थे। जीवन में अनेक अवसरों पर अर्जुन ने इ...

Read Free

इरावत By Renu

इरावत अर्जुन तथा नागराज की कन्या उलूपी का पुत्र था। इसने महाभारत के युद्ध में महाबली राजकुमार विंद और अनुविंद को हरा दिया था।महाभारत के युद्ध में इरावत ने सुबल के पुत्रों अर्थात शक...

Read Free

जब हनुमान ने तीनों का घमण्ड चूर किया By Rajiya

संसार में किसी का कुछ नहीं| ख्वाहमख्वाह अपना समझना मूर्खता है, क्योंकि अपना होता हुआ भी, कुछ भी अपना नहीं होता| इसलिए हैरानी होती है, घमण्ड क्यों? किसलिए? किसका? कुछ रुपये दान करने...

Read Free

श्रीकृष्ण मणि By Rajiya

श्रीकृष्ण मणिएक बार भगवान श्रीकृष्ण बलरामजी के साथ हस्तिनापुर गए। उनके हस्तिनापुर चले जाने के बाद अक्रूर और कृतवर्मा ने शतधन्वा को स्यमंतक मणि छीनने के लिए उकसाया। शतधन्वा बड़े दुष...

Read Free

एकलव्य By Renu

एकलव्य एक निषाद बालक था, जो कि अद्भुत धर्नुधर बन गया था। वह द्रोणाचार्य को अपना इष्ट गुरु मानता था और उनकी मूर्ति बनाकर उसके सामने अभ्यास कर धर्नुविद्या में पारंगत हो गया था। अर्जु...

Read Free

रावण का जन्म By Rajiya

जब श्रीराम अयोध्या में राज्य करने लगे तब एक दिन समस्त ऋषि-मुनि श्रीरघुनाथजी का अभिनन्दन करने के लिये अयोध्यापुरी में आये। श्रीरामचन्द्रजी ने उन सबका यथोचित सत्कार किया। वार्तालाप क...

Read Free

अश्वत्थामा By Renu

अश्वत्थामा पाण्डवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे। द्रोणाचार्य ने भगवान शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न करके उन्हीं के अंश से अश्वत्थामा नामक पुत्र को प्राप्त किया था। इन...

Read Free

जब हनुमान से हारे शनि By Rajiya

शनि के नाम से ही हर व्यक्ति डरने लगता है। शनि की दशा एक बार शुरू हो जाए तो साढ़ेसात साल बाद ही पीछा छोड़ती है। लेकिन हनुमान भक्तों को शनि से डरने की तनिक भी जरूरत नहीं। शनि ने हनुम...

Read Free

अभिमन्यु By Renu

अभिमन्यु महाभारत के महत्त्वपूर्ण पात्र थे, जो पाँच पांडवों में से अर्जुन के पुत्र थे। उनका छल द्वारा कारुणिक अंत बताया गया है। अभिमन्यु महाभारत के नायक अर्जुन और सुभद्रा, जो बलराम...

Read Free

योद्धा अश्वत्थामा By Rajiya

अश्वत्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र था| कृपी उसकी माता थी| पैदा होते ही वह अश्व की भांति रोया था| इसलिए अश्व की भांति स्थाम (शब्द) करने के कारण उसका नाम अश्वत्थामा पड़ा था| वह बहुत ही...

Read Free

कुरु By Renu

कुरु महाभारत में वर्णित 'कुरु वंश' के प्रथम पुरुष कहे जाते हैं। वे बड़े प्रतापी और तेजस्वी राजा थे। उन्हीं के नाम पर कुरु वंश की शाखाएँ निकलीं और विकसित हुईं। एक से एक प्रत...

Read Free

शौर्य अभिमन्यु By Rajiya

अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था| श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा इनकी माता थी| यह बालक बड़ा होनहार था| अपने पिता के-से सारे गुण इसमें विद्यमान थे| स्वभाव का बड़ा क्रोधी था और डरना तो किसी से...

Read Free

रामायण की कथा भजन के माध्यम से मेरे शब्दों में - 4 By Dave Rup

जनक दुलारी कुलवधू दशरथजी की,राजरानी होके दिन वन में बिताती है,रहते थे घेरे जिसे दास दासी आठों याम,दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है,धरम प्रवीना सती, परम कुलीना,सब विधि दोष हीना जीना...

Read Free

स्वामी हरिदास (हरिपुरुषजी) By Renu

भारतीय प्रदेश में पंद्रहवीं, सोलहवीं, सत्रहवीं शताब्दियां विशेष महत्‍वप्रद रही हैं। इनमें अनेकों ईश्‍वर के परम भक्त एवं अनेकों संत-महात्‍मा अवतरित हुए। नानक, कबीर, नामदेव, रैदास, द...

Read Free

भगवतगीता ( सम्पूर्ण हिंदी में ) By Stylish Aishwarya

अध्याय 1 - अर्जुन विषाद योग    धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?   संजय बोले- उस समय राजा दुर्य...

Read Free

पौराणिक कथाये - 31- फल्गुन शुक्ल आमलकी एकादशी By Devaki Ďěvjěěţ Singh

आमलकी एकादशी फाल्गुन मास में मनाई जाती है इसलिए इसे फाल्गुन शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है। साथ ही इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैआमलकी एकादशी के दिन, भक्त आंवला के पेड़ क...

Read Free

भक्त सखा श्री सुग्रीवजी By Renu

श्रीसुग्रीव जी न सर्वे भ्रातरस्तात भवन्ति भरतोपमाः। मद्विधा वा पितुः पुत्राः सुहृदो वा भवद्विधाः॥ श्रीराम जी सुग्रीवसे कहते हैं—‘भैया! सब भाई भरत के समान आदर्श नहीं हो सकते। सब पुत...

Read Free

श्री दधीचि जी By Renu

परोपकाराय सतां विभूतयः। एक बार की बात है, देवराज इन्द्र अपनी सभा में बैठे थे। उन्हें अभिमान हो आया कि हम तीनों लोकों के स्वामी हैं। ब्राह्मण हमें यज्ञमें आहुति देते हैं, देवता हमार...

Read Free

राजा रहूगण और जडभरत By Renu

प्राचीनकाल में भरत नाम के एक महान् प्रतापी एवं भगवद्भक्त राजा हो गये हैं, जिनके नाम से यह देश 'भारतवर्ष' कहलाता है । अन्त समय में उनकी एक मृगशावक में आसक्ति हो जाने के कारण...

Read Free

ग्वारिया बाबा By Renu

वृन्दावन में एक संत रहते थे। गौर वर्ण, लंबा शरीर, पैर तक लटकता ढीला-ढाला कुर्ता; शरीर का एक-एक रोम तक सफ़ेद हो गया था। उनके शरीर की थोड़ी झुर्रियां, रोम एवं केशों की श्वेतता ही कहत...

Read Free

श्री सगरजी By Renu

इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नामके चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्रका नाम रोहित था। रोहित से हरित का और हरित से चम्प का जन्म हुआ, जिसने चम्पापुरी बसायी। चम्प का सुदेव, सुदेव क...

Read Free

श्री शतरूपा जी By Renu

शतरूपाजी मानव सर्गकी आदिमाता हैं। ये स्वायम्भुव मनुकी पत्नी थीं। मनु और शतरूपासे ही मानवसृष्टिका आरम्भ हुआ । श्रुति भी कहती है- 'ततो मनुष्या अजायन्त।' मनु और शतरूपा दोनों ह...

Read Free