जीवनी कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Biography in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures...Read More


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प्रकृति मैम - हरा भरा वन By Prabodh Kumar Govil

9. हरा भरा वनमुंबई में अलग - अलग कारणों से हमने कई मकान बदले। नई मुंबई या अणुशक्ति नगर एरिया में बड़े अफ़सर लोग घर खरीद तो लेते थे किन्तु उन्हें बाद में सरकारी मकान मिल जाता तो वो...

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कच्ची उम्र का मायाजाल... By सिमरन जयेश्वरी

हिमांशी अपने परिवार में सबसे छोटी थी। उसके अलावा परिवार में उसके बाबा, बड़ा भाई और बड़ी बहन थी। जब 5 साल की तब टी.बी. होने और इलाज न करवाने के कारण उसकी माँ का देहांत हो गया था। बचपन...

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पिता से 1,800 रुपये उधार लेकर शुरू की कंपनी, लाखों का टर्नओवर By Mrityunjay Singh

मृत्युंजय सिंह ने 21 साल की उम्र में ही एडवर्टाइजमेंट टेक्नोलॉजी से रिलेटेड स्टार्टअप Adjuction.com की स्थापना की और उन्हें 20 दिन में ही मिल गयी 10 लाख की फंडिंग। मृत्युजंय सिंह...

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भूख की आग By Dinesh Tripathi

मै तब बारह वर्ष का था |मेरा रोज का नियम था सुबह नास्ते में एक लोटा गाय का ताजा दूध पीना |उस दिन गॉव के पश्चिम दिशा के हनुमान मन्दिर मे अखण्ड रामायण थी |मै भी रामायण पाठ में था तो स...

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माँ की गोंद - 2 By pradeep Kumar Tripathi

माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर किस्सा है।माँ के बिना तो शृष्टि का निर्माण अधूरा है, माँ से ही ईश्वर का हर ग्यान भी पूरा है।।"माँ" 'जननी जन्म भुमिस्च&...

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बचपन का दोस्त और मेरा जुर्म By Akshay Choudhary

मेरी दोस्त मुझसे नाराज़ थी क्योंकि मेंने उसे कंजूस कि उपाधी  दी थी उसकी बात करु तो अब तक के मेरे  सबसे अच्छी दोस्त।       उसकी बात करु तो मुंह पर हंसी...

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मुझे सजा ना दो By Surjeet Singh Bindra

जीत :1  ये उन दिनों की बात है जब मैं घुटने के बल पर चलता था. मेरे पिताजी गरीबी से तंग आकर मां से लड़ते हुए घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं और झगड़ रहे हैं, मां गिड़गिड़ा...

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मेरा जीवन - रोहिडा By Mahipal

आज गया था वहां जहाँ कभी मैंने अपने नन्हे पाव रखें थे जमी पर ,जहां कभी लहरातें खेत-खलीयान मे छोटी सी चार पाई पर सोया था कभी ,अपने आँखों उस आसु को रोक नहीं पाया जब मैने उन खेतो को दे...

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माँ की गोद By pradeep Kumar Tripathi

मेरे इस कहानी के दो पात्र  हैं मै और मेरी माँ. वैसे तो मेरे घर में पांच लोग हैं मै माँ छोटा भाई संदीप छोटी बहन सुधा मेरे पिता जी, मेरे पिता जी किसान है| हम सब एक छोटे से...

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मेरी जींदगी की तीन गलती भाग - २ By Shaimee oza Lafj

    में जिंदगी मे अपनी गलतीयों से ही सीखी हुं कभी कभी हम दुसरो पर खुद से भी ज्यादा भरोसा कर ते है, वहीं हमको जिंदगी जीना शिखा जाते है,मेरी गलती मुजे सही गलत को परख ना सिख...

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किस्मत और मेहनत By ऋषभ विश्वकर्मा

सन 1985सिहोर में राठौर परिवार में मेरा जन्म हुआ और इसी के साथ जगदीश जी भी बाप बन गए जो मेरे ही पिता है पूरे परिवार में  एक खुशी की लहर सी दौड़ गई सब बहुत खुस थे जी मेरा ना...

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प्रेरणा की जोत By SIJI GOPAL

जोत दीदी तो उस दिन से ही हमारे परिवार का हिस्सा बन गई थी। गिल्ल आंटी थोड़ी शांत स्वभाव की थी, ज़्यादातर बीमार रहतीं थीं, इसलिए घर की ज़िम्मेदारी भी जोत दीदी पर थी। दीदी ने अभी बारह...

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मेरा पहला अनुभव.... By Deepak Singh

सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार । जब मैं मातृभारती पर आया तो मुझे इसके लेख बहुत पसंद आये । नये लेखको के लिए यह बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है। मुझे भी लिखने का बहुत शौक था लेकि...

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मेरी जींदगी की तीन गलती By Shaimee oza Lafj

मेरी जींदगी की तीन गलती जो मेरा आयना बदल गइ.....       गलती मे तो इंसान की दुनिया बदल जाती है.गलती कभी इंसान को तोड कर रख देतीहै.कभी गलती इंसान को अंदर से...

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हरियाली से निकला समृद्धि का रास्ता By Ashish Kumar Trivedi

एक समय था जब कृषि प्रधान हमारे इस देश में जनता का पेट भरने लायक खाद्यान्न उत्पादन भी नहीं हो पाता था। हमें दूसरे देशों से अनाज का आयात करना पड़ता था। यह एक शर्मनाक स्थिति थी। इस स्...

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स्वामी केशवानंद By Govind Sharma

#GreatIndianstories Gems of India स्वामी केशवानन्द एक था बालक बीरमा। गरीब किसान घर से। मां खेत में काम करती तो पिता अपने ऊंट पर सामान लाद कर यहां वहां पहुंचाया करते। बालक के जिम्मे...

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मानवता के मशीहा - बाबा साहेब By Lakshmi Narayan Panna

मानवता का मशीहा , नारी मुक्तिदाता , ज्ञान का प्रतीक या आधुनिक भारत के सम्विधान का जनक कहें । उनकी महानता , जीवन संघर्ष और उपलब्धियों से देश का प्रत्येक व्यक्ति परिचित है । बहुजन...

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भारत के अनमोल रत्न By Namita Gupta

#GreatIndianStories भारत के अनमोल रत्न “ रवींद्र नाथ टैगोर” रवींद्रनाथ टैगोर एक ऐसा व्यक्तित्व जिसे शब्दों...

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Sri A.B Vajpayee By c P Hariharan

This is a story about one of the Gems of India Sri A.B Vajpayee, a great political leader and also a great Hindi Poet world has ever seen. He dedicated his whole life for the natio...

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सोसियल मीडिया के साइड इफ़ेक्ट By Mamta shukla

मनुष्य अक्सर अच्छी यादों को संजो कर रखता है,एवं दूसरो से साझा करता है।अच्छी बातें  जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।इसके विपरीत बुरी यादें मष्तिस्क के किसी कोने में...

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अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन व् यादें By MB (Official)

एक मंजा हुआ राजनेता, कुशल प्रशासक ओजपूर्ण वक्ता, बेहतरीन कवि यह सभी विशेषण एक साथ ही दिवंगत नेता अटल बिहारी बाजपेई के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं। वह एक ऐसी महान विभूति थे जो आज की...

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निज जीवन की एक छटा - राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा By Ram Prasad Bismil

तोमरधार में चम्बल नदी के किनारे पर दो ग्राम आबाद हैं, जो ग्वालियर राज्य में बहुत ही प्रसिद्ध हैं, क्योंकि इन ग्रामों के निवासी बड़े उद्दण्ड हैं। वे राज्य की सत्ता की कोई चिन्ता नही...

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चलो कहीं घूम आएं....Ola Cabs story By Ashish Kumar Trivedi

Ola Cabs की सफलता की कहानी उन नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो जीवन में कुछ नया तथा बड़ा करना चाहते हैं। किसी भी उपक्रम की सफलता ग्राहकों की संतुष्टि पर निर्भर करती है। ग्राह...

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क्षण भर जीवन मेरा परिचय By Ashish Kumar Trivedi

वह कवि जिसकी कविताएं कठिनाइयों की बात करते हुए भी जीवन से भागने की बजाय उसे गले लगाने की प्रेरणा देती हैं। जहाँ सपनों का मधुर संसार तो है किंतु पांव पूरी दृढ़ता से ज़मीन पर चिपके र...

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कबिरा खड़ा बजार में By Ashish Kumar Trivedi

कबीरदास एक महान संत थे। जिनकी वाणी ने वह अमृत बरसाया जिसमें आज भी कई झुलसती आत्माएं तृप्ति पाती हैं। संसार रूपी मरुथल में भटकते लोगों को उनके उपदेशों ने सही राह दिखाई। कबीरदास की व...

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भारतीय फिल्म जगत के संस्थापक By Ashish Kumar Trivedi

भारतीय फिल्म जगत के संस्थापक का नाम था धुंदीराज गोविंद फाल्के। जिन्हें हम सब दादा साहेब फाल्के के नाम से जानते हैं। इनका जन्म 30 अप्रैल 1870 में महाराष्ट्र के नाशिक शहर से लगभग 20-...

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परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाएं By Ashish Kumar Trivedi

भारत के सर्वश्रेष्ठ प्राईवेट बैंक ICICI की CEO तथा MD चंदा कोचर ने भी अपनी मेहनत लगन व धैर्य के बल पर परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ लिया।
चंदा कोचर सभी भारतीय महिलाओं के लिए...

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अपने पर हंस कर जग को हंसाया By Ashish Kumar Trivedi

उस दौर में जब पूरा युरोप आर्थिक महामंदी झेल रहा था और हिटलर का नाज़ीवाद अपने चरम पर था तब चार्ली किसी शीतल झोंके की मानिंद लोगों को अपने हास्य से सहला रहे थे। चार्ली ने सिखाया कि ज...

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बिना खंजर के हत्यारे! - National Story Competition –Jan By Jahnavi Suman

आज के युग में लोग सोशल मीडिया के माध्यम से आपस में जुड़े रहना पसन्द करते हैं। व्यक्तिगत रूप से मिलना जुलना कम हो गया, जिस कारण वे सच्ची संवेदनाओं को महसूस करने में असफल रहते हैं।
स...

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हॉकी का जादूगर ध्यानचंद By Ashish Kumar Trivedi

ध्यानचंद जी ने विश्व हॉकी पर चौथाई सदी तक अपना वर्चस्व बनाए रखा। 3 दिसंबर 1979 को झांसी में इनकी मृत्यु हो गई। उनका अंतिम संस्कार उस मैदान में हुआ जहाँ वह हॉकी खेलते थे।
ध्यानचंद...

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सुधार द रिफॉर्मेंशन - National Story Competition-Jan’ By VIRENDER VEER MEHTA

रिश्तों और भावनाओं की बुनियाद पर अपराधी को छोड़ देने के बाद बेटी के सामने सच आने पर बेटी द्वारा सच के उजाले में एक नया अहसास दिलाती और सोचने को विवश करती कथा.....

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डॉ अब्दुल कलाम की जीवनी By Mrityunjaya Dikshit

15 अक्टूबर 1931 के तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे भारतरत्न राष्ट्रपति डॉ कलाम का पूरा नाम अबुल ज़ाकिर जैनुल आबेदीन अब्दुल कलाम था अब्दुल कलाम के जीवन पर विभिन्न धर्मों के लोगों का...

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दोहरा दर्द By Lakshmi Narayan Panna

दोहरा दर्द भाग -2 का कुछ अंश
मेरे और पिताजी के बीच बहुत सारी बातें हुईं मैं उन्हें भविष्य में आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराता और वे भाग्य और भगवान की बातें करते । मैं कहता समय पर...

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दास्ताने ज़िदगी By zeba Praveen

ye ak chote ladke ki kahani hai jo bahut gareeb family se belong karta hai,usne apne ma-baap ki madad karne ke liye khud ke bachpan ko kurban kar diya or bahut hi kum umr me ak saf...

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दोहरा दर्द By Lakshmi Narayan Panna

मैं जिस विद्द्यालय में पढ़ता था वहाँ एक रोज किसी के टाइटल पूछने पर मैंने कहा कि टाइटल तो कोई नही लिखता जाति का चमार हूँ । जिस पर पहले तो किसी को यकीन नही हुआ सब कहने लगे सर आप नारा...

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दोहरा दर्द By Lakshmi Narayan Panna

( हम अक्सर ही लोग जीवन में बहुत से कष्टों का सामना करते हैं । कभी कभी तो लगता है जिंदगी ही व्यर्थ है । हर व्यक्ति अपने जीवन के कुछ पहलुओं में फिल्मों के नायक की तरह होता है । हमें...

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छत्रपति शिवाजी By Mrityunjaya Dikshit

छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक और उनका कुशल नेतृत्व मृत्युंजय दीक्षित महाराष्ट्र केे ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक वीर छत्रपति शिवाजी महाराज। एक अत्यंत महान कुशल योद्धा और रणनी...

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चाणक्य By Vinay kuma singh

इतिहास के पन्नो से… ( महान व्यक्तित्व )
भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पहले विचारक - चाणक्य !

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दीलीप कुमार By Khushi Saifi

Filmy Duniya Ke famous actor Dilip Kumar Sahab Ki Zindagi Ke Kuch Ansune Pehlu.

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दार्शनिक अरस्तु By Anubhav verma

arastu यानि के दार्शनिक अरस्तु की गिनती अपने समय के साथ साथ संसार में पैदा होने वाले समस्त महान लोगो और खासकर दार्शनिकों की बीच होती है
हर कोई व्यक्ति अपनी जगह दुनिया में खुद बना...

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इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी - 2 By Dholiya Mayur

1960 के दशक में विशेषीकृत अभिनव कृषि कार्यक्रम और सरकार प्रदत्त अतिरिक्त समर्थन लागु होने पर अंततः भारत में हमेशा से चले आ रहे खाद्द्यान्न की कमी को, मूलतः गेहूं, चावल, कपास और दूध...

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इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी - Part 1 By Dholiya Mayur

इन्दिरा का जन्म 19 नवम्बर 1917 को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली नेहरू परिवार में हुआ था। इनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं।

इन्दिरा को उनका गांधी उपनाम फिरोज़...

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लाला लाजपत राय - 2 By Dholiya Mayur

लालाजी केवल राजनैतिक नेता और कार्यकर्ता ही नहीं थे। उन्होंने जन सेवा का भी सच्चा पाठ पढ़ा था। जब 1896 तथा 1899 (इसे राजस्थान में छप्पन का अकाल कहते हैं, क्योंकि यह विक्रम का 1956 क...

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लाला लजपतराय By Dholiya Mayur

हम लाला लाजपतराय के जीवन वृत्त, लालाजी की मौत का बदला, हिन्दी सेवा, वकालत के क्षेत्र में, जन-सेवा के कार्य के बारे में जानेंगे

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सुभाष चंद्र बोस - 3 By Dholiya Mayur

हम सुभास चंद्र बोस के कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना, नजरबन्दी से पलायन, नाजी जर्मनी में प्रवास एवं हिटलर से मुलाकात, पूर्व एशिया में अभियान, सुभाष चन्...

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प्रकृति मैम - हरा भरा वन By Prabodh Kumar Govil

9. हरा भरा वनमुंबई में अलग - अलग कारणों से हमने कई मकान बदले। नई मुंबई या अणुशक्ति नगर एरिया में बड़े अफ़सर लोग घर खरीद तो लेते थे किन्तु उन्हें बाद में सरकारी मकान मिल जाता तो वो...

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कच्ची उम्र का मायाजाल... By सिमरन जयेश्वरी

हिमांशी अपने परिवार में सबसे छोटी थी। उसके अलावा परिवार में उसके बाबा, बड़ा भाई और बड़ी बहन थी। जब 5 साल की तब टी.बी. होने और इलाज न करवाने के कारण उसकी माँ का देहांत हो गया था। बचपन...

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पिता से 1,800 रुपये उधार लेकर शुरू की कंपनी, लाखों का टर्नओवर By Mrityunjay Singh

मृत्युंजय सिंह ने 21 साल की उम्र में ही एडवर्टाइजमेंट टेक्नोलॉजी से रिलेटेड स्टार्टअप Adjuction.com की स्थापना की और उन्हें 20 दिन में ही मिल गयी 10 लाख की फंडिंग। मृत्युजंय सिंह...

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भूख की आग By Dinesh Tripathi

मै तब बारह वर्ष का था |मेरा रोज का नियम था सुबह नास्ते में एक लोटा गाय का ताजा दूध पीना |उस दिन गॉव के पश्चिम दिशा के हनुमान मन्दिर मे अखण्ड रामायण थी |मै भी रामायण पाठ में था तो स...

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माँ की गोंद - 2 By pradeep Kumar Tripathi

माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर किस्सा है।माँ के बिना तो शृष्टि का निर्माण अधूरा है, माँ से ही ईश्वर का हर ग्यान भी पूरा है।।"माँ" 'जननी जन्म भुमिस्च&...

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बचपन का दोस्त और मेरा जुर्म By Akshay Choudhary

मेरी दोस्त मुझसे नाराज़ थी क्योंकि मेंने उसे कंजूस कि उपाधी  दी थी उसकी बात करु तो अब तक के मेरे  सबसे अच्छी दोस्त।       उसकी बात करु तो मुंह पर हंसी...

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मुझे सजा ना दो By Surjeet Singh Bindra

जीत :1  ये उन दिनों की बात है जब मैं घुटने के बल पर चलता था. मेरे पिताजी गरीबी से तंग आकर मां से लड़ते हुए घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं और झगड़ रहे हैं, मां गिड़गिड़ा...

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मेरा जीवन - रोहिडा By Mahipal

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माँ की गोद By pradeep Kumar Tripathi

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मेरी जींदगी की तीन गलती भाग - २ By Shaimee oza Lafj

    में जिंदगी मे अपनी गलतीयों से ही सीखी हुं कभी कभी हम दुसरो पर खुद से भी ज्यादा भरोसा कर ते है, वहीं हमको जिंदगी जीना शिखा जाते है,मेरी गलती मुजे सही गलत को परख ना सिख...

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किस्मत और मेहनत By ऋषभ विश्वकर्मा

सन 1985सिहोर में राठौर परिवार में मेरा जन्म हुआ और इसी के साथ जगदीश जी भी बाप बन गए जो मेरे ही पिता है पूरे परिवार में  एक खुशी की लहर सी दौड़ गई सब बहुत खुस थे जी मेरा ना...

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प्रेरणा की जोत By SIJI GOPAL

जोत दीदी तो उस दिन से ही हमारे परिवार का हिस्सा बन गई थी। गिल्ल आंटी थोड़ी शांत स्वभाव की थी, ज़्यादातर बीमार रहतीं थीं, इसलिए घर की ज़िम्मेदारी भी जोत दीदी पर थी। दीदी ने अभी बारह...

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मेरा पहला अनुभव.... By Deepak Singh

सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार । जब मैं मातृभारती पर आया तो मुझे इसके लेख बहुत पसंद आये । नये लेखको के लिए यह बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है। मुझे भी लिखने का बहुत शौक था लेकि...

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मेरी जींदगी की तीन गलती By Shaimee oza Lafj

मेरी जींदगी की तीन गलती जो मेरा आयना बदल गइ.....       गलती मे तो इंसान की दुनिया बदल जाती है.गलती कभी इंसान को तोड कर रख देतीहै.कभी गलती इंसान को अंदर से...

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हरियाली से निकला समृद्धि का रास्ता By Ashish Kumar Trivedi

एक समय था जब कृषि प्रधान हमारे इस देश में जनता का पेट भरने लायक खाद्यान्न उत्पादन भी नहीं हो पाता था। हमें दूसरे देशों से अनाज का आयात करना पड़ता था। यह एक शर्मनाक स्थिति थी। इस स्...

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स्वामी केशवानंद By Govind Sharma

#GreatIndianstories Gems of India स्वामी केशवानन्द एक था बालक बीरमा। गरीब किसान घर से। मां खेत में काम करती तो पिता अपने ऊंट पर सामान लाद कर यहां वहां पहुंचाया करते। बालक के जिम्मे...

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मानवता का मशीहा , नारी मुक्तिदाता , ज्ञान का प्रतीक या आधुनिक भारत के सम्विधान का जनक कहें । उनकी महानता , जीवन संघर्ष और उपलब्धियों से देश का प्रत्येक व्यक्ति परिचित है । बहुजन...

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भारत के अनमोल रत्न By Namita Gupta

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Sri A.B Vajpayee By c P Hariharan

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अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन व् यादें By MB (Official)

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निज जीवन की एक छटा - राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा By Ram Prasad Bismil

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कबिरा खड़ा बजार में By Ashish Kumar Trivedi

कबीरदास एक महान संत थे। जिनकी वाणी ने वह अमृत बरसाया जिसमें आज भी कई झुलसती आत्माएं तृप्ति पाती हैं। संसार रूपी मरुथल में भटकते लोगों को उनके उपदेशों ने सही राह दिखाई। कबीरदास की व...

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भारतीय फिल्म जगत के संस्थापक By Ashish Kumar Trivedi

भारतीय फिल्म जगत के संस्थापक का नाम था धुंदीराज गोविंद फाल्के। जिन्हें हम सब दादा साहेब फाल्के के नाम से जानते हैं। इनका जन्म 30 अप्रैल 1870 में महाराष्ट्र के नाशिक शहर से लगभग 20-...

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परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाएं By Ashish Kumar Trivedi

भारत के सर्वश्रेष्ठ प्राईवेट बैंक ICICI की CEO तथा MD चंदा कोचर ने भी अपनी मेहनत लगन व धैर्य के बल पर परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ लिया।
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हॉकी का जादूगर ध्यानचंद By Ashish Kumar Trivedi

ध्यानचंद जी ने विश्व हॉकी पर चौथाई सदी तक अपना वर्चस्व बनाए रखा। 3 दिसंबर 1979 को झांसी में इनकी मृत्यु हो गई। उनका अंतिम संस्कार उस मैदान में हुआ जहाँ वह हॉकी खेलते थे।
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डॉ अब्दुल कलाम की जीवनी By Mrityunjaya Dikshit

15 अक्टूबर 1931 के तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे भारतरत्न राष्ट्रपति डॉ कलाम का पूरा नाम अबुल ज़ाकिर जैनुल आबेदीन अब्दुल कलाम था अब्दुल कलाम के जीवन पर विभिन्न धर्मों के लोगों का...

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दोहरा दर्द By Lakshmi Narayan Panna

दोहरा दर्द भाग -2 का कुछ अंश
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( हम अक्सर ही लोग जीवन में बहुत से कष्टों का सामना करते हैं । कभी कभी तो लगता है जिंदगी ही व्यर्थ है । हर व्यक्ति अपने जीवन के कुछ पहलुओं में फिल्मों के नायक की तरह होता है । हमें...

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छत्रपति शिवाजी By Mrityunjaya Dikshit

छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक और उनका कुशल नेतृत्व मृत्युंजय दीक्षित महाराष्ट्र केे ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक वीर छत्रपति शिवाजी महाराज। एक अत्यंत महान कुशल योद्धा और रणनी...

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दार्शनिक अरस्तु By Anubhav verma

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इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी - 2 By Dholiya Mayur

1960 के दशक में विशेषीकृत अभिनव कृषि कार्यक्रम और सरकार प्रदत्त अतिरिक्त समर्थन लागु होने पर अंततः भारत में हमेशा से चले आ रहे खाद्द्यान्न की कमी को, मूलतः गेहूं, चावल, कपास और दूध...

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इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी - Part 1 By Dholiya Mayur

इन्दिरा का जन्म 19 नवम्बर 1917 को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली नेहरू परिवार में हुआ था। इनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं।

इन्दिरा को उनका गांधी उपनाम फिरोज़...

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लाला लाजपत राय - 2 By Dholiya Mayur

लालाजी केवल राजनैतिक नेता और कार्यकर्ता ही नहीं थे। उन्होंने जन सेवा का भी सच्चा पाठ पढ़ा था। जब 1896 तथा 1899 (इसे राजस्थान में छप्पन का अकाल कहते हैं, क्योंकि यह विक्रम का 1956 क...

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लाला लजपतराय By Dholiya Mayur

हम लाला लाजपतराय के जीवन वृत्त, लालाजी की मौत का बदला, हिन्दी सेवा, वकालत के क्षेत्र में, जन-सेवा के कार्य के बारे में जानेंगे

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सुभाष चंद्र बोस - 3 By Dholiya Mayur

हम सुभास चंद्र बोस के कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना, नजरबन्दी से पलायन, नाजी जर्मनी में प्रवास एवं हिटलर से मुलाकात, पूर्व एशिया में अभियान, सुभाष चन्...

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