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ताज़ा व्यंग्य सरकार और सेंसर सरकार हे और सरकार का ...
अब आगे,रूही के पिता अमर के चले जाने के बाद, वही रूही की दोस्त खुशी उस से कहती है...
जनेंद्रवास एक्सप्रेस: एक रहस्यमयी सफरसर्दियों की हल्की ठंड और घने कोहरे के बीच ज...
आखिरी सफर नगरपालिका की घड़ी ने टन - टन कर चार घंटे बजाए थे । चार बज गए, र...
यहाँ मयंक और राधिका की कहानी का दूसरा भाग है, जहाँ उनकी शादी के बाद की ज़िंदगी औ...
दोस्तीकिसी अन्य समय दूसरी पलटन के डगआउट में इतनी भीड़ और शोर नहीं था जितना उस रा...
नीरज पाण्डे, नाम सुनते ही स्पेशल 26, special ops, ए वेडनेसडे जैसी फ़िल्में या सी...
प्रस्तावना अंतरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ। मालदा, पश्चिम बंगाल। 17 जून1998। उस...
बुजुर्गों से सुना है,शायद यह सच है—————काम करने वाली महिला को चुनते समय आपको यह...
1.दिल का क्या है कहीं भी लग जाए तबाह तो तब होता है जब कहीं ठहर जाए2.ना देख मैरी...
उस क्षण जो उद्विग्न मन से भरे थे उस में एक था अरबी समुद्र, दूसरा था पिछली रात्रि का चन्द्र और तीसरा था एक युवक। समुद्र इतना अशांत था कि वह अपने अस्तित्व को समाप्त कर देना चाहता...
यह कहानी है जानवी की ,,,,,,जो बहुत ही प्यारी है,,,और अपने घरवालों की लाडली है,,,,,,और साथ में बहुत जिद्दी भी।,,,,,,जो काम एक बार थान ले,,,,,,वो कर के ही रहती है।,,,,,,वो कर बैठी है...
काले अंधारा था.. चारो ओर ज्वाला जल रही थी! पूरी तरह से वो किसी नर्क का रास्ता लग रहा था! उसमे ... हा हा हा हा.... तुम्हारा अंत निश्चित है! ... तुम मेरे सामने कुछ नही बालक.... एक...
सीट पर बैठते ही दीपेन की नजर खिड़की के पास बैठी युवती पर पड़ी थी।उसे वह पहली बार देख रहा था।खिड़की के पास वह गुमसुम ,खामोश और चुपचाप बैठी थी।दीपेन ने उसे ध्यान से देखा था। रूखे उलझे...
यह कहानी है अंजलि और विराज की जो उलझे हुए हैं परिवार की दुश्मनी सेजिससे विराज अपने दुश्मनी में कर लेता है अंजलि को अपने मेंशन में कैद और वहीं दूसरी तरफ विधि जो अपने परिवार की दु...
पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...
एक कातिल और श्रापित तो दूसरी कुदरत के तोहफे से नवाज़ी गई! लेकिन असल श्रापित कौन?....वो जिसे श्राप मिला या फिर वो जिसे कुदरत ने तोहफा दिया? बदनामी में एक गुमनाम ज़िंदगी और मासूमि...
बुजुर्गो ने मुझे बहुत सी कहानियाँ सुनाई है उसमें से कुछ.... आशिष / आशीर्वाद *!! समस्या रूपी बंदर !! *एक बार स्वामी विवेकानंद को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बी...
रागिनी का जन्म एक ऐसी रात को हुआ, जो माँ दुर्गा के पूजन के दिनों में ख़ास मानी जाती है—नवरात्रि का चौथा दिन। रात के ठीक तीन बजे, जब चारों ओर सन्नाटा था और रात अपने पूरे अंधकार में...
Manali, एक छोटा सा प्यारा सा शहर, यहीं पर एक फैमिली रहता है।इस फैमिली को ज्यादा गरीब भी नहीं बोल सकते या ज्यादा पैसे वाले भी नहीं बोल सकते। एह एक ठिक ठाक फेमिली है जो अच्छ...
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