हिंदी सामाजिक कहानियां कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें होम कहानियां सामाजिक कहानियां कहानियां फ़िल्टर: श्रेष्ठ हिंदी कहानियां खौलते पानी का भंवर - 11 - औक़ात द्वारा Harish Kumar Amit औक़ात बड़ी हीनता-सी महसूस हो रही है उसे. अपना अस्तित्व उसे मखमली चादर पर लगे टाट के पैबंद जैसा लग रहा है. हँसते-मुस्कुराते चेहरे, अभिजात्य मुस्कानें, कीमती कपड़े, जेवर ... विश्वासघात--भाग(१७) द्वारा Saroj Verma जब सबने सुना कि साधना बुझी बुझी सी रहती है तो ये सुनकर किसी को अच्छा नहीं लगा,रात को जब लीला और शक्तिसिंह जी अपने कमरें थे तब उनके ... सरहद - 2 द्वारा Kusum Bhatt 2 अकेले पाठषाला जाना किस कदर डरावना था- जंगली जानवरों का खतरा, गाड़-गदेरों का बरसात में उफान, ऊपरी बलाओं का अंदेषा और सबसे ज्यादा डर मनुश्य नाम के प्राणी ... चैट बॉक्स.… - 4 द्वारा Anju Choudhary Anu भाग 4 २७ की उम्र में भी मेरी हर हरकत अब मुझे १७-१८ साल की लकड़ी जैसी लगती थी पर मेरी सब शंकाएँ,नितिन को लेकर मेरा लंबा सा इंतज़ार ... खौलते पानी का भंवर - 10 - शराफ़त द्वारा Harish Kumar Amit शराफ़त भागकर लोकल बस में चढ़ने के बाद जब उसने कंडक्टर से टिकट ले ही ली है, तो पोजीशन लेने के लिए वह इधर-उधर नज़रें दौड़ाने लगा है. पिछले ... विश्वासघात--भाग(१६) द्वारा Saroj Verma शक्तिसिंह और संदीप जैसे ही घर पहुँचे, उन्होंने सारा वाक्या लीला और कुसुम को सुनाया,सब खूब हँसें।। बरखुरदार! बहुत बचें,अगर मोनिका डाँन्स के लिए ले जाती तो बेटा ... आला जी द्वारा Renu Hussain घर में राहत का माहौल काफ़ी लम्बे अरसे बाद बना था। दरअसल बहुत दिनों बल्कि महीनों बाद रसोईया अलाउद्दीन अपने गांव से लौट रहा था। उसे उपनाम ’’आला’’ जी ... सरहद - 1 द्वारा Kusum Bhatt 1 चीड़ के पेड़ों की टहनियां तेज हवा के दबाव से जोरां से हिलती हैं सायं-सायं के कनफोडू षोर से काँंप उठती हूँ। इन चीड़ों से ढेर सूखी पिरूल ... विश्वासघात--भाग(१५) द्वारा Saroj Verma दूसरे दिन प्रदीप को मधु फिर से काँलेज में दिखीं और प्रदीप से उससे फिर से बात करने की कोशिश की और बोला चलों कुछ देर कैंटीन में चलकर ... चैट बॉक्स.… - 3 द्वारा Anju Choudhary Anu भाग ३ पाँच सालों के दौरान मुझे बहुत सी बुक्स पढ़ने, टीवी देखने और समझने का मौका मिला, भाई मुझे बुक्स लाकर देते,मैं पढ़ती और पढ़ कर उन्हें वापिस ... मूकदर्शक द्वारा किशनलाल शर्मा उस दिन होली थी।होली का त्यौहार पहले प्रेम का प्रतीक समझा जाता था।औरत आदमी,बच्चे बूढ़े सब होली के रंग में मस्त एक दूसरे पर रंग डालते,गुलाल लगाते।पर अब होली ... अतीत के चल चित्र - (8) द्वारा Asha Saraswat अतीत के चलचित्र (8) पड़ौस में रहने वाली मौसीजी के यहाँ उनके बेटे के टीके का कार्यक्रम था ।हमारे परिवार को भी निमंत्रित ... खौलते पानी का भंवर - 9 - रोशनी का अंधेरा द्वारा Harish Kumar Amit रोशनी का अंधेरा ‘‘क्यों बे, अपनी पढ़ाई-लिखाई का भी कुछ ख़याल है या सारा दिन इन किस्से-कहानियों में ही डूबे रहना है?’’ राकेश पर उसके बाबूजी बिगड़ रहे थे. ... तलाश - 5 द्वारा डा.कुसुम जोशी #तलाश -5 गंताक से आगेकविता बड़े हैरान होकर उस आकर्षक चित्र को देखते रही, और हैरान थी कि इतनी खूबसूरत और सार्थक पेंटिंग में उसकी ... भाभी मां द्वारा Renu Hussain रमाकान्त की मां को दिल का दौरा पड़ने से गुजर गई थीं। कुल पचास की भी नहीं थीं। अभी तक एक पोते का मुंह देख पाई थीं। बेटी मीनाक्षी ... विश्वासघात--भाग(१४) द्वारा Saroj Verma शक्तिसिंह जी को लीला का शुष्क व्यवहार पसंद नहीं आया,एक तो इतनो सालों बाद मिलती है और जब भी मिलती है तो ऐसा ही शुष्क व्यवहार करती है,शक्तिसिंह जी ... एक और दमयन्ती - 15 द्वारा ramgopal bhavuk उपन्यास- एक और दमयन्ती 15 रामगोपाल भावुक रचना काल-1968 ई0 संपर एक और दमयन्ती - 14 द्वारा ramgopal bhavuk उपन्यास- एक और दमयन्ती 14 रामगोपाल भावुक रचना काल-1968 ई0 संपर खौलते पानी का भंवर - 8 - चक्रव्यूह द्वारा Harish Kumar Amit चक्रव्यूह आख़िर उसने तय कर लिया है कि अपने लिए अलग कमरे काम इन्तज़ाम वह अब कर ही लेगा. अपमान और घुटनभरी ऐसी ज़िंदगी अब और नहीं जी जाती ... विश्वासघात--भाग(१३) द्वारा Saroj Verma प्रदीप का मधु पर हाथ उठाना देख,साधना चुप ना रह सकी और उसने प्रदीप के पास आकर कहा___ मैं मधु की माँ हूँ और प्रदीप! तुम मधु को ... पत्नी बनाम प्रेमिका द्वारा S Sinha आलेख - पत्नी बनाम प्रेमिका कभी कभी शादीशुदा व्यक्ति के जीवन में भी जाने अनजाने प्रेमिका आ जाती है .एक पुरानी उक्ति के अनुसार पुरुष अपनी पत्नी ... एक और दमयन्ती - 13 द्वारा ramgopal bhavuk उपन्यास- एक और दमयन्ती 13 रामगोपाल भावुक रचना काल-1968 ई0 संपर् चैट बॉक्स.… - 2 द्वारा Anju Choudhary Anu भाग 2 एक ही झटके से स्वाति ने उसे अपने से अलग किया और कुछ देर गौर से देखने के बाद वो बोली ''ओह! वंदना ....मेरी गुड़िया'' और स्वाति ... Suicide, Why? - Suicide Story 2: कुमार द्वारा Anil Patel_Bunny Suicide Story 2: कुमार “कुमार मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं!” समीरा ने कहा। “तुम्हें मुझसे इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। तुम कभी भी कुछ भी ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा उपन्यास प्रकरण प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान કંઈપણ एक और दमयन्ती - 12 द्वारा ramgopal bhavuk उपन्यास- एक और दमयन्ती 12 रामगोपाल भावुक रचना काल-1968 ई0 संपर्क कोख - दोषी कौन (अंतिम भाग) द्वारा किशनलाल शर्मा "माँ बनकर ही औरत सम्पूर्ण कहलाती है।इसलिए हर औरस्त माँ बनना चाहती है।मैं भी।लेकिन अभी हमारी शादी को सिर्फ एक साल हुआ है।तुम जानते हो हमारी लाइन मे फिगर ... खौलते पानी का भंवर - 7 - जोंक द्वारा Harish Kumar Amit जोंक दिल को बार-बार तसल्ली दे रहा हूँ, मगर डर फिर भी लग रहा है. प्रदीप बस की लाइन में मेरे पीछे खड़ा स्त्री जाति की महानता पर लगातार ... पप्पन द्वारा Renu Hussain ’’पप्पन, ओ पप्पन,’’ पड़ोस की पुकारों ने मुझे जगा दिया। मैं झुंझलाकर उठ बैठी और बड़बड़ाने लगी, ’’उफ, ये गंवार और अशिक्षित लोग। चैन की नींद तक नहीं लेने ... एक और दमयन्ती - 11 द्वारा ramgopal bhavuk उपन्यास- एक और दमयन्ती 11 रामगोपाल भावुक रचना काल-1968 ई0 संपर् Real Incidents - Incident 2: तेरी बिंदिया रे द्वारा Anil Patel_Bunny Incident 2: तेरी बिंदिया रे शाम के 6 बज गए थे। सुभाष जी अपने कार्यालय का सारा काम निपटा कर अपने घर की ओर चल दिए। आज वे ... तलाश - 4 द्वारा डा.कुसुम जोशी #तलाश भाग -4 (गतांक से आगे) उसके पास कोई साझेदार भी नही था जिसे वह अपने मन की बात बता सके, या अपनी उपेक्षा को साझा ... अतीत के चल चित्र - (7) द्वारा Asha Saraswat अतीत के चलचित्र (7) छोटी सी गलती ने जीवन बरबाद कर दिया । ललित और लीना एक-दूसरे से अक्सर ...