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अध्याय 12 -धर्म का विज्ञान — करुणा का विरोध लेखक: — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 --- अध्य...
“तेरा नाम आख़िरी साँस तक” ️ ️बारिश की वो दोपहरवो अक्टूबर की दोपहर थी। आसमान...
पुस्तक समीक्षा अनुभवों का पुलिंदा है 'हेमांजलि' (काव्य संग्रह) ...
बेखौफ इश्क – एपिसोड 18 खुद की पहचान, नए रिश्ते और जज़्बातों की गहराईआयाना की वेब...
Chapter 9: गुप्त योजना — DarkZael को रोकने का मिशनपिछले अध्याय में...रहस्यमयी बु...
अशोक :- अब अंकल नही , पापा बोलो दामाद जी ।आदित्य :- जी पापा , आईए बेठिए ना ।अपने...
शहर की रौशनी से भरी शाम थी। हर तरफ सजावट, घर के बाहर झालरें, ढोल की थाप और रिश्त...
एपिसोड 43 — “अधूरी आत्माएँ”(सीरीज़: अधूरी किताब)---1. किताब का फिर खुलनारात फिर...
"छोटी सी छोटी एक एक बात अगर मुझे लगा कुछ छुपाने की कोशिश कर रहे तो याद रखना सेफ...
बरसात की बूँदें टीन की छत पर एक लयबद्ध संगीत पैदा कर रही थीं। बाहर अँधेरा घिर चु...
आयाना हमेशा जानती थी कि उसका घर कुछ खास नहीं है। लोग कहते हैं कि अमीर होना और सब कुछ होना खुशियों की गारंटी है, लेकिन उसके लिए यह सच बिल्कुल उल्टा था। उसके पिता, जो बड़े बिजनेसमैन...
आजमगढ़— एक ऐसा शहर जहाँ सदियों से एक रहस्य सोया हुआ था। लेकिन अब, वक़्त आ गया था उसके जागने का... और सब कुछ बदलने का। बादलों की ओट में छिपा चाँद, धरती पर अंधकार की चादर बिछा चुक...
शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता है । अशोक धनबाद शहर का एक जाना...
मुंबई की शाम हमेशा किसी फिल्म के सेट जैसी लगती थी. ऊँची बिल्डिंग्स की चमकती खिडकियाँ, गाडियों का लगातार शोर, और बीच- बीच में समुद्र की आवाज. उसी समुद्र किनारे खडी थी आयरा मेहता. उस...
एक भयानक खोज दिल्ली की पुरानी लाइब्रेरी, जहां धूल से भरे शेल्फ़ और पन्नों की हल्की महक थी, रिया का पसंदीदा ठिकाना था। 22 साल की रिया, इतिहास की छात्रा थी, और उसे लगता था कि हर पुर...
दिन दहाड़े कॉलेज स्कूल से हो रही लड़किया और बच्चे गायब कैसे,,,? पुलिस गार्ड की सख्त सिक्योरिटी के बाद भी ये सिलसिला जारी रहना लोगो के अंदर खोफ ले रहा जन्म और पुलिस के नाकामी के वज...
गाँव, किले, रेगिस्तान और पुरानी हवेलियाँ—हर जगह इन दोनों की छाप मिलती है, पर साफ़-साफ़ कुछ नहीं मिलता। कुछ बूढ़े बताते हैं कि उनके इर्द–गिर्द जो घटनाएँ हुईं, वो साधारण नहीं थीं।...
मित्रों ! प्रणाम जीवन की गति बहुत अदभुत है | कोई नहीं जानता कब? कहाँ?क्यों? हमारा जीवन अचानक ही बदल जाता है ,कुछ खो जाता है ,कुछ तिरोहित हो जाता है |हम एक आशा की प्रतीक्षा में खड़े...
नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के तहत अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से...
अमावस्या की रात थी और रात के 11 बज रहे थे । भानपुर गांव का एक तांत्रिक अपनी तात्रिकं साधना करने के लिए सुंदरवन की तरफ जा रहा था । गांव मे ये मान्यता थी के जो कोई भी तात्रिकं अमावस्...
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