आईने में सुन्दरता Akshat Kothiyal द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

आईने में सुन्दरता

आगरा किला का शीश महल, मुगलकालीन हमाम है। इसका निर्माण मुगल शहंशाह शाहजहां ने वर्ष 1637 में अपने परिवार के सदस्यों के लिए तुर्की हमाम के रूप में कराया था। इसका उपयोग महिलाओं द्वारा हमाम एवं परिधान कक्ष के रूप में किया जाता था। शाहजहां ने इसकी तामीर को सीरिया से कांच मंगाया था। इसकी दीवार, मेहराब व छत में छोटे-छोटे शीशे जड़े हुए हैं। दो कमरों वाले शीश महल में गर्म व ठंडे पानी के टैंक और फुव्वारे इसे हर मौसम के लिए विशेष बनाते हैं। शीश महल में दर्पणों की श्रृंखला के बीच हल्की रोशनी की किरण में ही पूरा कक्ष धीरे-धीरे रोशन हो जाता है। प्रत्येक दर्पण में देखने वाले का अक्स नजर आता है। शीशमहल को सैलानियों ने ही ऐसे जख्म दिए कि उन्हें भरा नहीं जा सका। वर्ष 2003 से पूर्व शीश महल खुला हुआ था। उसको खास बनाने वाले दर्पणों को सैलानियों ने ही खरोंच दिया। हाथ की ऊंचाई तक के कई दर्पण निकल चुके हैं। इसके चलते भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इसे सैलानियों के लिए वर्ष 2003 में बंद कर दिया था। इसके बाद इसे दोबारा जाली लगाकर खोला गया, लेकिन 2014 में दोबारा बंद कर दिया गया। इसके करीब एक मीटर चौड़े द्वार पर एएसआइ ने शीशे का फ्रेम लगा रखा है, जिससे सैलानी इसे झांककर देख सकते हैं। शीशे के फ्रेम से शीश महल देखने में वो मजा नहीं आता, जो इस स्मारक को अंदर से देखने पर आता था।

गाईड सुरेश सैलानियों को बाहर से शीश महल दिखाते हुए इसका इतिहास बता रहा था। उन्हीं सैलानियों के बीच में एक लड़की थी, जिसका नाम था रुचिका। रुचिका बेहद ही जिज्ञासु किस्म की लड़की थी इतिहास में खासकर उसकी रूचि ज्यादातर रहती थी अपने कॉलेज की छुट्टियों में वह अक्सर ऐतिहासिक स्मारकों पर घूमने जाया करती थी । लेकिन अबकी बार कुछ अलग था, रुचिता का परिवार आगरा से ही बिलॉन्ग करता था इसलिए उसने आगरा के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था और उन्हीं में से एक किस्सा था शीश महल का। जैसे कि आप लोगों को ऊपर बताया गया है कि शीश महल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था 1637 में अपने परिवार के लिए। लेकिन तब क्या हुआ जब शाहजहां का शासन हट गये और उस पर आ गए थे उनके बेटे ।,,ऐसी ही एक कहानी जो शायद दबी हुई है या फिर कहिए कि बस स्थानीय लोगों को ही पता है की शीश महल जितना खूबसूरत है उतना ही डरावना भी और उतनी ही डरावनी है उसकी कहानी, कहानी बेगम ज़रीन और उसके तिलिस्मी आईने की, कहा जाता है जितनी दुनिया उस आईने के बाहर थी उतनी ही आईने के अंदर लेकिन वह कोई सामान्य दुनिया नहीं आईने की दुनिया थी जिस पर राज करती थी बेगम ज़रीन !!! लेकिन ऐसे ही कोई कहानी सालों तक किसी की जुबां पर नहीं रहती उससे कुछ ना कुछ ऐसा जुड़ा होता है जो उसे आगे बढ़ाने पर मजबूर कर देता हैं ऐसी ही एक किस्सा जुड़ा हुआ है कहानी से इस शीश महल की ,,,।

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SEEMARANI RAM

SEEMARANI RAM 1 साल पहले

Kamal

Kamal 1 साल पहले

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