Vakil ka Showroom - 11 book and story is written by Saleem Khan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vakil ka Showroom - 11 is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वकील का शोरूम - भाग 11
Salim द्वारा हिंदी थ्रिलर
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विवरण
उन्होंने सोनेकर को भी बैठने का इशारा किया।"हम यहां अपने स्वार्थ से आए हैं डॉक्टर सोनेकर।" फिर वे बोले- "किसी सरकारी काम से नहीं आए हैं।""फिर भी सर...।"""फिर भी ये कि एक जज बन जाने से हम बड़े नहीं हो गए। हमारी माताजी अक्सर कहा करती हैं कि इंसान धन-दौलत, पद या उम्र मात्र से बड़ा नहीं हो जाता। बड़ा वह तब बनता है, जब वह अपनी धन-दौलत का सदुपयोग करे, अपने पद की गरिमा को बनाए रखे और जिसमें बड़प्पन हो। डॉक्टर साहब, हम आज जज हैं, कल हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन सकते हैं।
न्यायालय परिसर का हॉल खचाखच भरा था।
वहां वकीलों के अलावा उनके मुंशी, क्लाइंट्स व अन्य कामों से आने-जाने वाले लोग मौजूद थे और वहीं एक अलग कोने में ब...
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