दरमियाना - 11 Subhash Akhil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें दरमियाना - 11 दरमियाना - 11 Subhash Akhil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2.3k 5.3k दरमियाना भाग - ११ दरअसल, इसके जर्मनी जाने की बात प्रताप गुरू को पता चल गई थी । वह नहीं चाहता था कि यह उसके हाथ से निकले । इसीलिए वह एक दिन अपनी मंडली के कुछ दरमियानों को ...और पढ़ेलेकर आया था ...और इसे किसी बातचीत के बहाने गाड़ी में बैठा लिया था । उस समय 21 हजार रूपये भी उसके पास थे । धीरे-धीरे इनकी बातचीत और गाड़ी चलती रही । रास्ते में कब इसे बेहोश कर दिया गया, कुछ पता ही नहीं चला । जब इसे होश आया, तो यह जालंधर छावनी के आसपास किसी बड़े-से नाले कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दरमियाना - 11 दरमियाना - उपन्यास Subhash Akhil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (254) 88.6k 208.5k Free Novels by Subhash Akhil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Subhash Akhil फॉलो