फिर भी शेष - 26 Raj Kamal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें फिर भी शेष - 26 फिर भी शेष - 26 Raj Kamal द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (17) 2.1k 3.5k सुखदेव ने साठ बरस के जीवन में कभी भी ऐसा अनुभव नहीं किया था। आज उसके पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। दुनिया रंग—बिरंगी दिख रही थी। सब कुछ अच्छा ही अच्छा लग रहा था। सब उससे कितने ...और पढ़ेऔर सम्मान के साथ पेश आ रहे थे। जो कल तक उसे दुत्कारते थे, आज उसके तलवे चाटने को तैयार थे। किसी के लिए वह सेठ सुखदेव था तो किसी के लिए लाला सुखदेव। कोई उसे व्यापार करने की सलाह दे रहा था तो कोई बिजनेस के गुरुमंत्र सिखा रहा था। कोई प्रॉपर्टी का धंधा करने की सलाह दे रहा था तो कोई पैसा ब्याज पर चढ़ाने के फायदे गिनवा रहा था। उसका बिल्डर के साथ लेन—देन पूरा हो गया था और कागजात पर दस्तखत इत्यादि हो गए थे। आज से सुखदेव अपने आधे हिस्से के बूते पर लाखों रुपये और एक शानदार फ्लैट का मालिक था। सारा दिन उन्हीं कामों में अलग—अलग बैंकों में चेक—कैश जमा कराने में बीत गया। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें फिर भी शेष - उपन्यास Raj Kamal द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ (548) 210.4k 140.7k Free Novels by Raj Kamal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Raj Kamal फॉलो