"कृष्ण का सारथी" धर्म, समर्पण और कर्तव्य का प्रतीक..महाभारत का युद्ध केवल दो राज्यों के बीच का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह मानव जीवन के सबसे गहरे प्रश्नों, हृद्दों और आदशों को उजागर करता है। इसी महायुद्ध में, भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी चने और यह घटना भारतीय दर्शन में एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गई।जब अर्जुन कुरुक्षेत्र के मैदान में खड़े होकर अपने ही रिश्तेदारों, गुरुओं और मित्रों के खिलाफ युद्ध करने में संकोच कटने लगे, तव कृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश दिया। इस उपदेश ने न केवल अर्जुन को अपने कर्तव्यों का बोध कढाया, बल्कि पूरे मानव समाज