हरिशंकर परसायु द्वारा लिखित निबंध "दो नाक वाले लोग", प्रतिक शर्मा के द्वारा परफॉर्म किया गया है। जिसमे समाज पर व्यंग किया गया है। हर एक व्यक्ति के पास दो नाक होते है, एक समाज के लिए और एक अपने पास छुपाने के लिए। जहां पे पैसे वाले लोग एक नकली नाक छिपकाके रखते है, जो कभी कटता ही नहीं। इसके उपरांत समाजकी लग्न व्यवस्था पे प्रहार किये गए है।
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