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Reading stories is a greatest experience, that introduces you to the world of new thoughts and imagination. It introduces you to the characters that can inspire you in your life. The stories on Matrubharti are published by independent authors having beautiful and creative thoughts with an exceptional capability to tell a story for online readers.
उत्तराखंड के छोटे से शहर कोटद्वार में अमन का बचपन एक साधारण लेकिन स्नेहभरे माहौल...
ट्रिपलेट्स भाग 1 अमर – प्रेम – राजअध्याय 1 : अंधेरी रात, एक माँ और अधूरा सचबरसात...
Part .1 गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा...
चंदनी लेखक राज फुलवरेसुनहरे चंदन के पेड़ों की लंबी कतारों के बीच, एक छोटी-सी गुफ...
त्योहारों की छुट्टियां और आपका दिल क्या आप ज...
कहते हैं न,कभी-कभी उम्र कम पड़ जाती है प्यार करने के लिए,और कभी-कभी पूरी उम्र भी...
सर्जा राजा – भाग 1(बैलों का महान मेला – शुरुआत)लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 – बैलों...
घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन...
घने जंगल के हृदय में, जहाँ सूरज की रोशनी भी डरते-डरते ज़मीन तक पहुँचती थी, वहाँ...
सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाए...
रिसेप्शन का दिन; आचार्य हाउस का हॉल बहुत ही अच्छे तरीके से सजाया हुआ था। जैसे कि आज ही शादी हुई हो किरण और विपिन की! आज की रिसेप्शन पार्टी के लिए सभी बड़े लोगो को इनवाइट किया गया थ...
सुबह की धूप कपूर हवेली की दीवारों तक नहीं पहुँच पाई थी। आसमान अब भी बादलों से ढका था, मानो कोई अदृश्य साया पूरे घर को ढक कर बैठा हो।हवेली के बाहर पुलिस की गाड़ियाँ, अन्दर फुसफुसाहट...
समुंदर के किनारे बसा एक छोटा-सा कस्बा था — जहाँ लहरों की आवाज़ घड़ी की टिक-टिक से मिलकर कुछ अजीब-सी धुन बनाती थी।कहते थे, उस समुंदर में कोई रहस्य है — अगर कोई उसे सच में समझ ले, तो...
1. रश्मि का मॉर्निंग मिशन“अरे माँ! मेरी शर्ट आयरन नहीं हुई क्या?”“बेटा, तू इतनी रात को उठती है कि सुबह तो आयरन भी डर जाती है।”सुधा देवी की ये बात सुनकर रश्मि की नींद उड़ गई।वो 24 स...
सुबह की हल्की धूप परदे से झाँक रही थी। होटल के कॉरिडोर में वही रोज़ की रौनक थी, पर आज कियारा को हर चीज़ अलग लग रही थी — जैसे सबकुछ वैसा ही था, मगर उसका दिल बदल गया था।वो कॉफ़ी मशीन...
जानवी :- बस थोड़ा सा और । हो गया हो गया ।जानवी बहोत ही प्यार और आराम से आदित्य के जख्म को साफ करके नई पट्टी लगा देती है । जिससे आदित्य को बहोत अच्छा लगता है । पट्टी हो जाने के बाद...
अध्याय 6: “सीरत-ए-इल्म — यमन का आख़िरी दरवेश”(जहाँ रूह की तलाश, ख़ज़ाने से बड़ी साबित होती है…) यमन की ज़मीन, रूह की ख़ुशबूछह दिन की यात्रा के बाद, रैयान और ज़ेहरा यमन की पहाड़ियों...
"लड़के कभी किसी एक का होकर नहीं सकते हैं "और हम लड़कियां कितनी बेवकूफ होती हैं न , उस एक इंसान को अपना सबकुछ मान लेते । सिर्फ उस शख़्स का होकर रहना चाहते हैं।उनके झूठे वादों पर आंख...
[16]“मैं बताती हूँ। उस प्रदर्शनी में मैंने अपना कोई शिल्प नहीं रखा था। किन्तु वहाँ मुझे सब के सम्मुख बाँसुरी बजाने का सौभाग्य मिला था। मेरी बाँसुरी सुनकर वत्सर मेरे पास आया था और क...
कई अनुसंधान और विश्लेषण से ये संकेत मिलते है कि मानव देह पचास साल तक या उससे कुछ ऊपर तक मन के अधीन काम करती है। एक उम्र की सीमा रेखा पार होने के बाद शरीर क्षय होती जिंदगी का अनुभव...
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