मेरा स्वर्णिम बंगाल होम पेपरबैक मेरा स्वर्णिम बंगाल पेपरबैक Name : मेरा स्वर्णिम बंगाल नाम Mallika Mukherjee(लेखक) इस पुस्तक में भारत-पाक विभाजन से उपजी विस्थापन की पीड़ा और स्मृतियों दर्शाया गया है और साथ ही भारत-पाकिस्तान युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के विभाजन से उपजी विस्थापन की पीड़ा तथा स्मृतियों का चित्रण भी है। अखंड भारत का ‘पूर्वी बंगाल’, देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना और ‘पूर्वी पाकिस्तान’ कहलाया, पाकिस्तान से स्वतंत्र होकर ‘बांग्लादेश’ बन गया। इन विभाजनों ने सिर्फ सरहदें ही नहीं खींचीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव और साझा संस्कृति की विरासत को भी नष्ट कर दिया। मनुष्यता को राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ा दिया गया। इस किताब में एक आम आदमी की निजी यात्रा का वर्णन है, जिसकी प्रेरणा पिता की स्मृतियाँ हैं, उनकी छूटी जन्मभूमि को देखने की भावुकता है। उस देश में रह गये कुछ अपने लोगों से मिलने की उम्मीद है। अपनी मिट्टी से मोह, जड़ों से जुड़ाव और उससे सदा के लिए जुदा हो जाने का दर्द, अपने प्रियजनों को हमेशा के लिए खो देने का दुःख, भीतर-ही-भीतर सूख चुके आँसुओं का गीलापन है। यह पुस्तक सिर्फ़ यात्रा-वृतांत नहीं है, बल्कि उस अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा है, जिसे विभाजन के बाद एक पीढ़ी ने भुगता और उसकी संततियों ने अपनी रगों में महसूस किया। यह यात्रा संस्मरण देश के विभाजन से उपजा विस्थापन, संबंधों के विस्थापन, जड़ों से विस्थापन और संरक्षा-सुरक्षा के भरोसे के विस्थापन की बात करता है, जिससे आजकी पीढ़ी लगभग अनजान है। खरीदें शेयर करे बिक्री की किम्मत : 225 महत्तम बिक्री किम्मत : 250 आपकी बचत : 25 निशुल्क पहुँचाया जाएगा (७ से १० दिनों में भारत देश में )मौजूद है . अपना नया पता यहाँ लिखें नाम : पूरा नाम लिखें मोबाईल : अपना मोबाईल नम्बर लिखें पते की प्रथम पंक्ति : अपना पता लिखें पते की द्वितीय पंक्ति : अपना पता लिखें शहर : अपने शहर का नाम खोजें राज्य : अपने राज्य का नाम खोजें पते का प्रकार: Select Office Home पते का प्रकार चुनें पिनकोड : पिनकोड लिखें खरीदें मूल्य की जानकारी मूल्य (1 वस्तु ) 250 वस्तु पहुँचाने का शुल्क निशुल्क छूट 25 भुक्तान की रकम 225 संख्या : { 1 { 2 { 3 { 4 { 5 { 6 { 7 { 8 { 9 { 10 ऑर्डर पल कुल बचत 25