मुफ्त में हिंदी किताबें और कहानियां पढ़ें और PDF में डाउनलोड करें होम किताबें हिंदी किताबें उपन्यास प्रकरण सत्या - 3 by KAMAL KANT LAL (2) 122 सत्या 3 कंधे पर एक छोटा सा बैग लटकाए सत्या मानगो पुल के पास ऑटोरिक्शा से उतरा. सड़क पार करते समय बेख़्याली में वह एक तेज रफ्तार ट्रक के ... मिखाइल एक रहस्य - 2 by Hussain Chauhan (5) 162 मेरे प्यारे जोनाथन,जेड हमेशा कहा करती थी ज़िन्दगी भी एक जादूगरी ही है, हर पल हर वक़्त रहस्य और रोमांच से भरी पड़ी हुई, कोई भी नही कह सकता ... बड़ी बाई साब - 6 by vandana A dubey (12) 312 बड़ी हुई तो दादी उसकी शादी को लेकर अतिरिक्त चिन्तित नज़र आईं. चिन्ता की वजह था नीलू का बढ़ता वज़न. रंग भी बहुत साफ़ नहीं था नीलू का,. लेकिन ... चिंटू - 18 by V Dhruva (11) 244 रिया ने अपने ग्रुप में सबसे पूछ लिया था। उसके साथ उसे और चिंटू को मिलाकर पंद्रह लोग हो गए थे। उसने और चिंटू ने सबकी बुकिंग एजंट के ... सत्या - 2 by KAMAL KANT LAL (1) 122 सत्या 2 सुबह काफी तड़के सत्या उठ गया. उसने साईकिल निकाली और धीरे-धीरे साईकिल चलाता हुआ सड़क के दोनों तरफ नज़र दौड़ाने लगा, इस उम्मीद में कि शायद उसका ... चिंटू - 17 by V Dhruva (12) 264 आज पुनिश ने अपने सभी फ्रेंड्स को शाम पार्टी के लिए बुलाया था। और राजदीप भी था आया था। पुनिश को वह सुमति से पहले से जानता था तो ... जीनी का रहस्यमय जन्म (श्राप) - 2 by Sohail Saifi (4) 183 संध्या का मन मोह लेने वाला समय जंगल के वातावरण को बड़ा ही शोभनीय दर्शा रहा हैँ इसी आनंदित करने वाले वातावरण मे एक गरीब चरवाहा आपने पशुओ को जंगल ... सत्या - 1 by KAMAL KANT LAL (4) 335 सत्या पहला पन्ना 1970 के दशक के प्रारंभ की बात है. तब मैं काफी छोटा था. एक दिन सुबह सवेरे मेरे पिता के एक जूनियर कुलीग हमारे घर पर ... चिंटू - 16 by V Dhruva (16) 298 आज पुनिश ने अपने सभी फ्रेंड्स को शाम पार्टी के लिए बुलाया था। और राजदीप भी था आया था। पुनिश को वह सुमति से पहले से जानता था तो ... मिखाइल: एक रहस्य by Hussain Chauhan (4) 245 आज 'धी ग्रेट म्यूजिशियन ऑफ शिकागो' का आखिरी शो था और उसके प्रमुख जादूगर मुरली सिवाल का भी जिसने बरसो पहले अमरीकी महिला जेड सिल्विया से शादी करके मिखाइल ... बड़ी बाई साब - 5 by vandana A dubey (16) 394 दादी के बेहिसाब लाड़-प्यार में पली नीलू बचपन से ही भरे बदन की थी. ये भरा बदन, उम्र के साथ-साथ मोटापे में तब्दील हो गया. बचपन में प्यारा लगने ... सिर्फ जिस्म नहीं मैं - 2 by Divya Sharma (12) 368 फोन को डिसकनेक्ट कर वह आरती के बगल में बैठ जाता है।माथे पर पसीने की बूंद उभर आती है।टेंशन में आरती के हाथ पर दबाव डालने लगता है।दर्द से ... बड़ी बाई साब - 4 by vandana A dubey (18) 383 ाशाह रवैया नहीं अपनाया या ऐसा फ़ैसला जिसे ग़लत ठहराया जा सके, लिया भी नहीं. गौरी की शादी के वक़्त जब बड़ी बाईसाब खुद बारात में आईं, तो लोगों ... चिंटू - 15 by V Dhruva (28) 614 स्नेहा के हाथ से न्यूज पेपर पढ़कर राहुल का मुंह भी खुला का खुला रह जाता है। दोनों सुमति की ओर देखते है। सुमति- क्या हुआ? आप लोग मुझे ... चिंटू - 14 by V Dhruva (24) 294 कोचिंग सेंटर पहुंचकर चिंटू और रिया सारी फॉर्मेलिटी खत्म कर बाहर आते है। रिया चिंटू को कॉफी शॉप ले जाती है। वह चिंटू से कहती है- अभी क्लास शुरू ... चिंटू - 13 by V Dhruva (16) 287 सुमति बेहोश हो गई थी और उसके तीनो चाहने वाले उसको होश में लाने की कोशिश कर रहे थे। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने उन्हें सुमति को एक सोफे पर ... बड़ी बाई साब - 3 by vandana A dubey (19) 320 ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व के धनी बहुत कम होते हैं, सो उनके जोड़ की बहू कैसे मिलती? सब उनसे उन्नीस ही थे. बीस कोई मिला ही नहीं, या उन्होंने खोजी ... चिंटू - 12 by V Dhruva (17) 277 रिया को मिलने का टाइम साढ़े पांच बजे का था तो चिंटू ने सोचा के मै सुमति से मिलने साढ़े चार बजे पहुंच जाता हुं, मनाने में थोड़ा वक्त ... बड़ी बाई साब - 2 by vandana A dubey (23) 398 नीलू कब मुस्कुराने लगी, कब करवट लेने लगी, कब पलटने लगी, गौरी को पता ही नहीं. उसकी सहेलियां पूछतीं-”बिटिया अब तो पलटने लगी होगी न गौरी? खूब ध्यान रखना ... चिंटू - 11 by V Dhruva (25) 734 अगले दिन पूरा दिन सुमति काम में व्यस्त रही। आज बॉस ने सबको जल्दी छुट्टी दे दी थी। सब के साथ स्नेहा और राहुल भी सुमति को लेकर जल्दी ... बड़ी बाई साब - 1 by vandana A dubey (22) 580 “ ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !!.......नीचे मंडप में पंडित जी कलश स्थापना कर रहे थे. खिड़की से सिर टेके खड़ी गौरी चुपचाप सारे ... दोस्त की संघर्ष भरी जिंदगी... - 1 by NR Omprakash Athak (3) 287 दोस्त की संघर्ष भरी जिंदगी। (1)रघुनाथ नहा धोकर अपनी स्त्री को आवाज लगता हुआ बोला - अरे सुनो देवी मैं जरा बाहर उध्यान तक टहलकर आता हूँ ।इन्दिरा अपना बेग ... सिर्फ जिस्म नहीं मैं - 1 by Divya Sharma (23) 711 मैं सिर्फ एक जिस्म नहीं..शॉवर के नीचे खड़ी हो अपने शरीर को तेज हाथों से रगड़ने लगी।हाथों का दबाव लगातार बढता जा रहा था और आँखों से निकलता सैलाब ... घरोंदा और अन्य कहानिया - बुढ़िया by Prashant Vyawhare (7) 278 ! बुढ़िया ! सड़क के किनारे कचरे के ढेर में एक बूढ़ी औरत कचरा चुनने का प्रयास कर रही थी ! मैले कपडे, चिपके और कचरे से सने सफ़ेद ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा उपन्यास प्रकरण प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं चिंटू - 10 by V Dhruva (19) 530 सुमति जब सौम्या बनकर खुश थी वहां चिंटू की परेशानियां बढ़ रही थी। सुमति के जाने के बाद उसे पता चला उसने क्या खोया है। सुमति ने अपना नंबर ... चिंटू - 9 by V Dhruva (14) 326 सुमति कुछ देर बाद किसी से बात करके वापस आती है। वह अब नॉर्मल दिख रही थी। काफी समय हो गया तो राजदीप और सुमति घर जाने के लिए ... चिंटू - 8 by V Dhruva (20) 311 डीएसपी वर्मा सर का घर बांद्रा में था। वह एक बारह मंजिला टॉवर में दसवीं मंजिल पे रहते थे। वैसे पार्टी टॉवर के सेक्रेटरी की परमीशन लेकर टैरेस पर ... घरोंदा और अन्य कहानिया - स्टंट मैंन by Prashant Vyawhare (1) 181 ! स्टंट मैंन ! भररर…. आवाज के साथ आज तौफीक ने उसके मोटर साइकिल दौड़ाई, रास्ते पर चल रहे उस्मान चाचा को उसका धक्का लगते लगते बचा ! ... अच्छाईयां - ३७ - अंतिम भाग by Dr Vishnu Prajapati (6) 295 भाग – ३७ अंतिम भाग ‘फिर क्या हुआ गुड्डी का...?’ सूरजने पूछा | ‘वो बारबार भागने की कोशिश कर रही थी, उसके बाप तेजधार को डराना चाहते थे ... चिंटू - 7 by V Dhruva (16) 365 राजदीप सुमति को एक रेस्टोरेंट के पास ले आता है। सुमति यह देख उसे कहती है- ये तो बहुत महंगा रेस्टोरेंट है। हम यहां नहीं खाएंगे। राजदीप- महंगा नहीं ...