Sringeri Srinivas had very long hair. He wanted it cut on Annual Haircut Day. Everyone was busy. You will never guess who helped him that day. सालाना बाल-कटाई दिवस लेखिका – नोनी सृंगेरी श्रीनिवास के लिए वह बहुत ख़ास दिन था – उसका सालाना बाल-कटाई दिवस। हमेशा की तरह, वह गाँव के नाई के पास जाने के लिए घर से निकल पड़ा। परन्तु नाई ने कहा, माफ़ करना, इतने लम्बे बाल काटने के लिए आज बिलकुल समय नहीं है!\" उदास, सृंगेरी श्रीनिवास बीवी से मदद माँगने वापस घर लौटा। परन्तु बीवी ने कहा, इतने लम्बे बाल काटने के लिए आज मेरे पास बिलकुल वक़्त नहीं है!\" गुस्से में, सृंगेरी श्रीनिवास अपने दोस्त, दर्ज़ी के पास पहुँचा। परन्तु दर्ज़ी ने कहा, इतने लम्बे बाल काटने के लिए आज मुझे फुर्सत नहीं!\" हैरान-परेशान, सृंगेरी श्रीनिवास अपने दूसरे दोस्त बढ़ई के पास गया। परन्तु बढ़ई ने भी वही कहा, भई, इतने लम्बे बाल काटने के लिए आज मेरे पास समय नहीं है! बेचारा सृंगेरी श्रीनिवास। लगता है इस सालाना बाल-कटाई दिवस पर कोई उसके बाल नहीं काटेगा। रोते हुए वह अकेले गाँव के जंगल से गुज़रा। और गुफ़ा के पास बैठ कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा। शाम भी हो गई। अब मैं अपने बाल काटने का वादा कैसे पूरा करूँगा? हे भगवान, मेरी मदद करो! गुफ़ा के अंदर चैन से सोया शेर इस शोर से तंग आ गया। वह दहाड़ते हुए बाहर निकला और सृंगेरी श्रीनिवास के सामने अपने भारी-भरकम पंजे हिलाने लगा। बेचारा सृंगेरी श्रीनिवास इतना डर गया, इतना डर गया कि... ... उसके सर के सारे बाल गिर गए! सृंगेरी श्रीनिवास दौड़ते हुए अपने गाँव लौटा। और शेर अपनी गुफ़ा में दोबारा चैन से सो गया। अब तो सृंगेरी श्रीनिवास को बहुत लम्बे समय तक बाल नहीं काटने पड़ेंगे। Story: Noni Illustrations: Angie & Upesh Music: Jerry Silvester Vincent Translator: Ritu Singh Narrator: Bhupesh Bhayana Animation: BookBox
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