मंजन करना मज़ेदार नहीं है! Learn Hindi - Story for Children and Adults

हिंदी   |   05m 55s

Rohan does not like to brush his teeth or take a bath. But his sister Riya tells him a secret that changes his mind! मंजन करना मज़ेदार नहीं है! लेखिका - श्रीविद्या वेंकट रोहन जागते ही अपने पालतू कुत्ते जिमी के साथ खेलने लगा। \"खेलने से पहले कुछ और भी करना चाहिए ना!\" उसकी बड़ी बहन रिया ने कहा। \"चलो उठो, मंजन करो!\" भौं भौं! \"मैं मंजन नहीं करना चाहता! जिमी भी तो मंजन नहीं करता!\" \"जानवर भी अपने दाँतों का ध्यान रखते हैं, लेकिन उनके तरीके अलग होते हैं! कीटाणुओं से बचने के लिए हमें अपने दाँतों को साफ़ रखना चाहिए।\" \"कीटाणु?\" \"कीटाणु बहुत ही छोटे-छोटे जीव होते हैं जो हमें दिखाई नहीं देते। अगर तुम दाँतों को मंजन और ब्रश से अच्छी तरह से साफ़ नहीं करते तो वह मुँह में रह जाते हैं और तकलीफ़ पैदा करते हैं!\" \"उफ़!\" \"हाँ! इसीलिए हमें अपने दाँतों की अच्छी तरह देखभाल करनी चाहिए – हर रोज़ दो बार, सुबह और रात को मंजन करना चाहिए!\" \"लेकिन दाँत माँजना बड़ा ही बेकार का काम लगता है!\" \"मैं तुम्हें एक राज़ की बात बताती हूँ, रोहन!\" रोहन मुस्करा दिया। तभी माँ ने आवाज़ लगायी, \"चलो, नाश्ता तैयार हो गया है!\" \"लेकिन नाश्ते से पहले हमें हाथ धोने चाहिएँ,\" रिया बोली। भौं भौं! \"लेकिन जिमी तो कभी हाथ नहीं धोता!\" रिया हँसते हुए बोली, \"भई, वह अपने हाथ, यानी पंजों से खाता ही नहीं है! लेकिन हम तो अपने हाथों से ही खाते हैं ना। इसलिए, हमें खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने चाहिएँ, ताकि हाथों में कीटाणु ना रहें।\" \"क्या हमारे हाथों में भी कीटाणु होते हैं?\" \"कीटाणु हर जगह होते हैं!\" भौं भौं! बाद में रिया ने रोहन को ठीक तरह से हाथ धोना सिखाया। \"अपने हाथों को पानी से भिगो कर, नल बंद कर दो। फिर थोड़ा सा साबुन अपनी हथेली पर मलो, हाथों के पीछे और उँगलियों के बीच में भी लगाओ। हाथों को बीस सेकंड तक अच्छी तरह से रगड़ो। अब हाथों को पानी से अच्छी तरह धो कर सुखा लो!\" \"लेकिन इतनी देर तक? \"याद है ना मेरा राज़?\" रोहन मुस्करा दिया। जब दोनों बाहर से खेल कर घर लौटे, तो रिया ने रोहन को याद दिलाया, \"कुछ करना चाहिए हमें... सबसे पहले!\" माँ शरारत भरी मुस्कराहट के साथ बोलीं, \"कुछ देर और खेलना चाहिए?\" \"नहीं, नहाना चाहिए!\" \"कीटाणु हर जगह मौजूद हैं। हम उन्हें देख नहीं सकते, लेकिन वे हमारे शरीर पर और कपड़ों पर चिपटे रहते हैं!\" इसीलिए हमें रोज़ाना नहाना चाहिए... ...और इस तरह उनसे छुटकारा पाना चाहिए!\" \"सबसे पहले अपने ऊपर डालो पानी!\" माँ ने कहा। \"फिर सारे शरीर में साबुन लगाओ!\" माँ साबुन लगा रही थीं तो रिया और रोहन को ऐसा लग रहा था जैसे वे उन्हें गुदगुदा रही हों। वे दोनों ‘ही ही ही ही’ करके हँसने लगे। \"चलो अब और पानी डालो और साबुन के झाग धो डालो! और अब साफ़ तौलिए से पोंछ डालो!\" अब हो गये बिलकुल साफ़-सुथरे!\" भौं भौं![SM2] \"कहानी सुनोगे?\" पापा ने पूछा। \"पापा! लेकिन उससे पहले हमें कुछ और करना है!\" रोहन को अपनी तरफ़ खींचते हुए रिया बोली। \"अपनी जादुई[Unknown A3] तरक़ीब से किट किट कीटाणुओं का सफ़ाया करना है!\" रोहन ने रिया की बात पर हामी भरते हुए सिर हिलाया। कुछ ही मिनट बाद माँ और पिताजी को एक जानी-पहचानी धुन सुनाई दी। \"तो यह है तुम्हारा रहस्य!\" पिताजी बोले। \"दाँतों में मंजन करते समय गीत गुनगुनाना!\" \"और हाथों को धोते समय भी!\" \"सचमुच बढ़िया तरक़ीब है!\" माँ ने कहा। रोहन और रिया को अपना ध्यान ख़ुद रखने में मज़ा आता है। और आपको? Story: Srividhya Venkat Illustrations: Anupama Ajinkya Apte Translator: Deepa Tripathi Narration: Neha Gargava Music: Rajesh Gilbert Animation: BookBox

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