पन्ना आगे मत पलटो Learn Hindi - Story for Children and Adults

हिंदी   |   06m 49s

Little Sami like most kids, puts off going to bed for as long as possible. But reading a story about Little Bear's bedtime inspires Sami. पन्ना आगे मत पलटो रेचेल बर्क द्वारा रचित “सोने से पहले कहानी सुनोगी?” माँ ने पूछा। सैमी ने हामी भरी। “मैं सोना नहीं चाहती। मैं अभी थकी नहीं हूँ।” “ठीक है,” माँ ने कहा। “तुम पढ़ने के लिए कोई किताब क्यूँ नहीं ले लेती?” सैमी ने अलमारी से एक नई किताब निकाली। “सिर्फ पहला पन्ना पढ़ो,” सोफे पर चढ़ते हुए उसने कहा। माँ ने पढ़ा... सूरज ढल गया और सो गया। चाँद आसमान पर ऊपर चढ़ आया। बड़े जंगल के छोटे भालू ने भी बिस्तर पर जाने की तैयारी कर ली। “बस आगे नहीं,” सैमी ने कहा। “पन्ना आगे मत पलटो।” माँ ने पन्नों के बीच एक पुस्तकचिन्ह लगा दिया। सैमी पलभर सोचने लगी। “भालू बिस्तर पर जाने के लिए कैसे तैयार होते हैं?” उसने पूछा। “मुझे नहीं पता,” माँ ने कहा। सैमी ने पन्ने के किनारे को उठाया और किताब में झाँका। उसे तस्वीर पसंद आई। “इसमे क्या लिखा है?” उसने पूछा। माँ ने पढ़ा... उनींदा भालू का बच्चा अपनी गुफा में गया। और, एक ज़ोरदार जम्हाई लेते हुए, उसने अपना पजामा और सोने वाले मोज़े पहने। सैमी ने भी ज़ोर से जम्हाई ली। “मैं भी छोटे भालू की तरह अपना पजामा पहनूँगी,” उसने कहा। “बस, यहीं रुको। पन्ना आगे मत पलटो।” माँ ने सैमी को पजामा और सोने वाले मोज़े पहनने में मदद की। “क्या भालू भी सोने से पहले कहानी सुनते हैं?” सैमी ने पूछा। माँ ने कंधे उचका दिए। “शायद हमें पता करना चाहिए,” सैमी ने कहा। माँ ने पढ़ा... जब छोटा भालू ने सोने के लिए कपड़े पहने, उसने एक कहानी की किताब उठाई। फिर उसने मोतियों की तरह जगमगाते अपने दांतों को कल कल बहते झरने के पास साफ़ किया। सैमी ने हाथ उठा कर कहा, “आगे और नहीं। पन्ना आगे मत पलटो।” माँ और सैमी कुछ क्षण शांत बैठे रहे। “छोटे भालू ने अपने दाँत साफ़ किये, इसलिए मैं भी करुँगी,” सैमी ने कहा। “लेकिन मैं अभी सोऊँगी नहीं।” “चलो ठीक है,” माँ ने कहा। सैमी ने नल चालू किया। “जब तक मैं ब्रश कर रही हूँ तब तक आप कहानी सुना सकती हैं,” उसने कहा। इसलिए माँ ने आगे पढ़ा... भालू माँ ने अपने छोटे भालू को बिस्तर पर चढ़ने में मदद की, ताकि वह उसे गले लगा सके। और उसका उनींदा सिर अपने कंधे पर रख सके। सैमी ने अपनी आँखे मलीं। “आप भी मुझे गले लगाओगी ना?” वह माँ को अपने कमरे की ओर ले जाने लगी। दोनों गलबहियाँ डालकर लेट गईं। “पता नहीं कहानी में आगे क्या हुआ होगा,” माँ ने कहा। “ठीक है मैं आपको एक पन्ना और पढ़ने दूँगी,” सैमी ने कहा। माँ ने पढ़ा... जैसे ही झींगुरों ने लोरी गई। जैसे ही तारों ने सपनीली रौशनी बिखराई, उसकी माँ ने परियों की कहानी सुनाई और अपने बच्चे से कहा ‘गुड नाईट’। माँ के चेहरे पर शिकन आई। “रुको!” सैमी ने उनके होठों पर उँगली रखी। “अभी ‘गुड नाईट’ कहने का समय नहीं है,” उसने कहा। “पन्ना आगे मत पलटो।” “चलो, ये कहानी मैं तुम्हारे टेडी बेयर को सुना देती हूँ,” माँ ने कहा। सैमी ने अपने भालू को गले लगाया। “ठीक है,” वह बोली। “लेकिन बस थोड़ी सी। वह भी थका नहीं है।” उसने अपनी आँखें बंद कीं और सुनने लगी। अगर तुम लचीले बैंत के पेड़ों के नीचे खर्राटों की आवाज़ सुनो तो, तो ये बीहड़ जंगलों के छोटे भालू की आवाज़ है जो अपना तकिया लगाए सो रहा है। “अब मैं आगे पन्ना पलटूँ?” माँ ने पूछा। सैमी ने कोई जवाब नहीं दिया। माँ ने देखा वह हल्के-हल्के खर्राटे ले रही थी। उन्होंने पन्ना पलटा और आगे पढ़ा… समाप्त Author: Rachelle Burk Illustrator: Julie Downing Narration: Tara Kothari Music: Rajesh Gilbert Animation: BookBox

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