सहजीवन Learn Hindi - Story for Children

हिंदी   |   05m 09s

Zippy the Zebra, is totally bugged with fleas. Find out how Zippy gets rid of these fleas with the help of his new friends. सहजीवन लेखिका - उर्मिला एलप्पन ज़िप्पी ने लम्बी दूरी तय की अफ्रीका के सवाना के मैदान में एक छोटी-सी झील तक पहुँचने के लिए। उसने बड़े चाव से अपनी प्यास बुझायी और बौबाब के पेड़ की शीतल छाया में आराम करने के लिए गया। ज़िप्पी ने सोना चाहा लेकिन उसे बड़ी बेचैनी और खुजली हुई। कई दिनों तक उसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे पिस्सू छा गए। उसने अपने तन पर पूँछ मार-मारकर पिस्सुओं से राहत पाने की कोशिश की। उसने अपने चारों पैरों को एक-एक कर ज़मीन पर पटक-पटक कर पिस्सुओं से राहत पाने की कोशिश की। उसने चारों पैरों को एक साथ पटका भी। उसने पेड़ के तने से अपने पूरे शरीर को रगड़ा। उसने अपनी लम्बी जीभ से चेहरे को चाटकर पिस्सुओं से राहत पाने की कोशिश की। लेकिन उसकी कोई युक्ति काम न आई। पिस्सुओं से राहत नहीं मिली पूँछ मारने-चाटने रगड़ खाने और पैर पटकने का नहीं हुआ कोई असर। अंत में वह इतना थक गया और चिड़चिड़ा गया, वह ज़मीन पर लुढ़का उसने अपने पैर ऊपर उठाए। मज़बूत बौबाब के पेड़ की डाल पर बैठी दो चिड़ियों को उसने देखा। चिड़ियाँ ख़ूब चहकीं परस्पर आँखें मिचकाकर नीचे झपटीं। अरे, वहाँ कुछ तो है, \"तुम ठीक तो हो, पिक?\" \"जी हाँ, पैक, मैं ठीक हूँ, अरे मैं पिक हूँ!\" \"और भाई, मैं पैक हूँ!\" संकोच-भरी मुस्कान के साथ ज़िप्पी खड़ा हुआ \"ओह आपसे मिलकर अच्छा लगा, मैं ज़िप्पी हूँ।\" \"तुम पर तो बड़े स्वादिष्ट और मोहक पिस्सू छाए हुए हैं।\" पिक और पैक ज़िप्पी की पीठ पर बैठ गए। \"स्वादिष्ट?\" ज़िप्पी कराहा, \"मैं इनसे बड़ा परेशान हूँ! मैं इनसे राहत नहीं पा सका, हालाँकि मैंने भरपूर कोशिश की।\" \"ज़िप्पी हमें बड़ी भूख लगी है और हमें पिस्सू बड़े भाते हैं, तुम कहो तो हम इन सब घिनौने जीवों को चट कर जाते हैं?\" पिक और पैक ने पूछा। \"क्यों नहीं! तुम मेरे अतिथि बनो!\" ज़िप्पी ख़ुशी से चिल्लाया। चिड़ियों ने चुगना शुरू किया। उन्होंने पिस्सुओं को पहले चेहरे और टाँगों से चट किया फिर ज़िप्पी के पेट पर से खाया और उसके बाद ज़िप्पी की पीठ से चुगा। ज़ेब्राा बिना हिले-डुले खड़ा रहा चिड़ियों ने भरपेट पिस्सू खाए। और आख़िर में वे सभी ख़ुश थे। ज़ेबरा को कष्टप्रद पिस्सुओं से मुक्ति मिली और दोनों चिड़ियों ने बढ़िया भोजन का आनंद उठाया। \"मेरे शरीर से घिनौने पिस्सुओं को चुगने के लिए तुम्हारा शुक्रिया\" \"अरे शुक्रिया तो हमें करना चाहिए इतना बढ़िया पिस्सुओं का मुफ़्त भोजन हमें खिलाने के लिए।\" जैसे पिक और पैक ने ज़िप्पी की मदद की, उसी तरह जानवर एक-दूसरे की मदद करते हैं। इसे सहजीवन कहते हैं। Narration: Makrand Shukla Illustrations: Emanuele Scanziani Animation: BookBox Music & Art Direction: Holger Jetter Translation: Ram Gopal Singh

×
सहजीवन Learn Hindi - Story for Children