प्रशांत कनौजिया का जन्म Mumbai के slum में रहने वाले एक गरीब dalit परिवार में हुआ. लेकिन गरीबी उनके जीवन की एकमात्र समस्या नहीं थी. भारतीय समाज में गरीब होने से बड़ा गुनाह है एक Dalit होना. प्रशांत कनौजिया संघर्ष और प्रेरणा की जीती-जागती मिसाल है. बचपन से ही जातिवाद और गरीबी झेल चुके प्रशांत ने अपनी 12वीं तक की पढाई English Medium स्कूल से की, समाज वालों ने प्रश्न उठाये कि एक गरीब दलित का बच्चा अंग्रेज़ो माध्यम में कैसे पढ़ सकता है, पर प्रशांत के माता-पिता ने सबको नज़रअंदाज़ करके उन्हें पढ़ाया क्यूंकि वे जानते थे कि इस समाज में हक़ की लड़ाई के लिए पढाई कितनी आवश्यक है. प्रशांत जी ने अपनी 12वीं की पढाई ख़त्म करते ही घर की आर्थिक अवस्था को सुधारने के लिए कई नौकरियाँ कीं. हमेशा से कुछ बड़ा करने की चाह रखने वाले प्रशांत ने अपनी जॉब के बाद mass communication किया. आज प्रशांत एक successful और नामी journalist हैं. जानिये कैसे प्रशांत ने भेदभाव को पार करते हुए सफलता हासिल की.
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