संघर्ष ही जीवन है और जो संघर्ष से डरता नहीं, उसे कामयाबी मिलती है. इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं Asian Champion शिवालिक राज. शिवालिक का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा हुआ था. 5 वर्ष की उम्र में माँ का देहांत हो गया और जिसके चलते वो अपना घर छोड़कर भाग गए. उन्होनें दर-दर की ठोकरें खाईं, स्टेशन पे सोए, झूठा खाना खाया और पेट भरने के लिए चाय की स्टाल्स पे काम भी किया. शिवालिक ने हर मुसीबत का डट कर सामना किया. उनके जीवन को दिशा तब मिली जब सलाम बालक ट्रस्ट में गए. वहां उन्होनें कराटे सीखना शुरु किया और धीरे-धीरे किक-बॉक्सिंग करने लगे जिसमें शिवालिक ने बहुत अच्छा परफोर्म किया. शिवालिक आजतक कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. इस दौरान उन्होनें कई गोल्ड मेडल जीते. देखिये शिवालिक के जीवन की प्रेरणादायक कहानी इस जोश Talk में.
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