राजेश ओझा की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

दिमाग बनाम दिल

by राजेश ओझा
  • 4.1k

मंहगू, छोटे भाई सहतू को जैसे ही हमेशा की तरह थाने से छुड़वा कर लाया ,घर वाले पिल पड़े..पत्नी ...

सम्पादक

by राजेश ओझा
  • 5k

नीलेश अपने प्रथम लघुकथा संग्रह के कवर पेज को लेकर द्वन्द में था..तीन चार स्केच सामने विखरे पड़े थे..एक ...

दिव्यांग

by राजेश ओझा
  • 8.2k

"अम्मा ,फूल वाली बटुली में थोड़ी सी आग रख दो,हमें अपनी शर्ट प्रेस करनी है" पदारथ तेवारी का बड़ा ...

हरी चूड़ियाँ

by राजेश ओझा
  • (4.2/5)
  • 11.8k

शब्बीर चच्चा आज जैसे बाजार से घर आये..बच्चों ने रोज की तरह घेर लिया..'मेरे लिये क्या है-मेरे लिये क्या ...

गंधैला

by राजेश ओझा
  • (4.3/5)
  • 5.8k

रमेसर तिवारी जमींदार खानदान से थे..जमींदारी उन्मूलन भले हो गयी हो पर 'मुई हाथी तौ सवाव लाख' वाली बात ...

नींव की ईंट

by राजेश ओझा
  • 8.3k

वह बूढ़ी औरत पसीने से तर-बतर थी..पर बूढ़ी हड्डियों में जोश और उत्साह देखते बनता था..सर पर तीन ईंटे ...

चार बीघा खेत

by राजेश ओझा
  • (4.4/5)
  • 6.7k

दल थम्हन शुकुल ने जैसे ही जलेबी को दही में लपेटा था कि मोबाइल बज उठी..अनमने होकर जलेबी को ...

बेहया के फूल

by राजेश ओझा
  • (4.4/5)
  • 12.4k

'सुनिए, आप जहां भी हैं, वहां से जल्दी आ जाइए!' फोन पर पत्नी वैदेही की अकुलाहट भरी आवाज़ सुनकर ...

सलोनी का फोन

by राजेश ओझा
  • (4/5)
  • 7.4k

आज होली के त्योहार में जहां सब मगन थे वहीं महंगू का चित्त खोया खोया था..महंगू की दुलहिन अंदाजा ...

सत्ते मास्साब

by राजेश ओझा
  • (4.8/5)
  • 7.1k

सत्ते मास्साब जितने योग्य अध्यापक हैं उतने ही अच्छे विद्यार्थी भी थे..छात्र जीवन से प्रारंभ हुआ उनका प्रतिभा प्रदर्शन ...