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शब्दों का बोझ

by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR
  • 24.1k

जब कोई चीज़ को बार-बार बोलना पड़े, फिर इन सब का मतलब शून्य हो जाता है। कई बार लगता है ...

तेरी मेरी यारी

by Ashish Kumar Trivedi
  • 65.1k

ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा था। स्कूल के बाहर आइसक्रीम बेचने वाले आकर खड़े हो ...

श्रेष्ठ बाल कथाएं

by MB (Official)
  • 81.4k

एक छोटा सा गाँव था जहाँ सुंदर बगीचे, ऊँचे-ऊँचे पेड़ और रंग-बिरंगे फूल खिले रहते थे। इसी गाँव में ...

पर-कटी पाखी

by Anand Vishvas
  • 71.3k

बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ...

दानी की कहानी

by Pranava Bharti
  • (4.5/5)
  • 472.6k

दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा ...

गोलू भागा घर से

by Prakash Manu
  • 228.5k

आखिर जिस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, वही हुई। गोलू घर से भाग गया। गोलू के मम्मी-पापा, बड़ा भाई ...

एक था ठुनठुनिया

by Prakash Manu
  • 179.5k

एक था ठुनठुनिया। बड़ा ही नटखट, बड़ा ही हँसोड़। हर वक्त हँसता-खिलखिलाता रहता। इस कारण माँ का तो वह ...

इतिहास का वह सबसे महान विदूषक

by Prakash Manu
  • 219.8k

कोई छह सौ वर्ष पुरानी बात है। विजयनगर का साम्राज्य सारी दुनिया में प्रसिद्ध था। उन दिनों भारत पर ...

डोर टू डोर कैंपेन

by Prabodh Kumar Govil
  • 52.3k

दुनिया भर में लोग कुत्ते पालने का शौक़ सबसे ज़्यादा रखते हैं। हज़ारों नस्लों के छोटे - बड़े डॉगी ...

जंगल चला शहर होने

by Prabodh Kumar Govil
  • 98.1k

नहीं नहीं!ऐसा नहीं था कि जंगल हमेशा चुपचाप रहता हो। बहुत आवाज़ें थीं वहां।सुबह होते ही जब सूरज निकलता ...

निडर

by Asha Saraswat
  • 66.7k

यह कहानी बहुत छोटी है, परंतु इससे सीख बहुत बड़ी मिलती है । आत्मविश्वास एवं कर्मठता ...

रघुवन की कहानियां

by Sandeep Shrivastava
  • 234.2k

रघुवन में ऊँचे ऊँचे पेड़ों पर मधुमक्खी के छत्ते लगे हुए थे मधुमक्खियों का दल दिन भर ...

शुभि

by Asha Saraswat
  • 86.2k

एक चिड़िया आती है,चिव-चिव गीत सुनाती है, दो दिल्ली की बिल्ली है,देखो जाती दिल्ली है, ...

भोला की भोलागिरी.

by SAMIR GANGULY
  • 112k

भीड़ में भी तुम भोला को पहचान लोगे. उसके उलझे बाल,लहराती चाल,ढीली-ढाली टी-शर्ट, और मुस्कराता चेहरा देखकर. भोला को गुस्सा कभी ...

मोबाइल में गाँव

by Sudha Adesh
  • 155.7k

सुनयना को जैसे ही उसके ममा-पापा ने बताया कि इस बार क्रिसमस की छुट्टियों में उसके दादाजी के पास ...

मूर्ति का रहस्य

by रामगोपाल तिवारी (भावुक)
  • 101.5k

पुराने किलांे और महलों के बारे में कई तरह की अफवाहें प्रचलित हैं, ऐसी ही एक इमारत का रोचक ...

सीमा पार के कैदी

by राजनारायण बोहरे
  • 108.4k

फौजी जासूस केदारसिंह अपने दोनों बेटों के साथ सीमा की एक चौकी पर आये हुए थे और सब लोग ...

छूना है आसमान

by Goodwin Masih
  • 123.1k

“छूना है आसमान“, बाल उपन्यास कल्पना कम, हकीकत अधिक है। चेतना से मेरा परिचय किसी और नाम से हुआ ...

आसमान में डायनासौर

by राज बोहरे
  • 89.4k

आसमान में डायनासौर 1 बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे ...

सोलहवाँ साल

by ramgopal bhavuk
  • 143.8k

उपन्यास सोलहवाँ साल ...