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यादों की अशर्फियाँ

by Urvi Vaghela
  • 42.5k

में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की ...

गोमती, तुम बहती रहना

by Prafulla Kumar Tripathi
  • 15.3k

अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी ...

गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन में

by Kishanlal Sharma
  • 68.9k

Your life partner will be beautiful But not easy to live with her ऐसा नही है कि हरेक के साथ इत्तफाक ...

प्रफुल्ल कथा

by Prafulla Kumar Tripathi
  • 88.4k

मेरा जन्म गोरखपुर से लगभग 20 कि.मी.दूर खजनी के एक गाँव विश्वनाथपुर में को हुआ था | यह गाँव ...

असमर्थों का बल समर्थ रामदास

by ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙
  • 85.8k

युगों-युगों से पृथ्वी पर महापुरुषों का आगमन होता आया है। उनके द्वारा ज्ञान, ध्यान, निःस्वार्थ प्रेम और भक्ति से ...

महावीर लचित बड़फूकन

by Mohan Dhama
  • 24.8k

अपने महापुरुषों का स्मरण भारत में एक श्रेष्ठ परम्परा रही है। कथा-कहानियों से लगाकर पुस्तकों तक उनके कर्तृत्व और ...

श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार (श्रीभाईजी)

by Shrishti Kelkar
  • 191k

दिव्य जीवन की एक झलक हमारा सौभाग्य है कि हमारी वसुन्धरा कभी संतों से विरहित नहीं रही। संतों की चेष्टायें ...

महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन्

by Praveen kumrawat
  • 94.4k

किसी भी विषय में विशिष्ट ख्याति पाने के साथ असाधारण प्रतिभा से विभूषित व्यक्ति बहुत ही कम होते हैं। ...

भूली बिसरी खट्टी मीठी यादे

by Kishanlal Sharma
  • 127.3k

"क्या देख रही हो?" उन दिनों मैं साल 1966 की बात कर रहा हूँ।तब कालेज आज की तरह जगह जगह ...

शिवाजी महाराज द ग्रेटेस्ट

by Praveen kumrawat
  • (4.6/5)
  • 127k

छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है। सैन्य-प्रबंधन, रक्षा ...

वीर सावरकर

by Veer Savarkar
  • 61.1k

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। — श्रीमद्भगवद्गीता संसार में दो प्रकार के पुरुष होते हैं। एक तो वह ...

महापुरुष के जीवन की बात

by Pandya Ravi
  • (4.9/5)
  • 70.1k

महापुरुष के जीवन की बात Ravi Pandya ભારત માતા કી જય . मैं अपने जीवन में ...

चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा

by Suraj Prakash
  • 614.6k

ऊना को चार्ली चैप्लिन होने का मतलब फ्रैंक हैरीज़, चार्ली चैप्लिन के समकालीन लेखक और पत्रकार ने अपनी किताब चार्ली ...

यादों के झरोखे से

by S Sinha
  • 126k

यादों के झरोखे से ====== मेरे जीवनसाथी की डायरी के कुछ पन्ने - मैट्रिक , ...

चार्ल्स डार्विन की आत्मकथा

by Suraj Prakash
  • 148.9k

महान प्रकृतिविज्ञानी चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन (12 फरवरी 1809- 19 अप्रैल 1882) को प्रजातियों के विकास की नयी अवधारणाओं के ...

पके फलों का बाग़

by Prabodh Kumar Govil
  • 81.5k

बाग़ के फल अब पकने लगे थे। लेकिन माली भी बूढ़ा होने लगा। माली तो अब भी मज़े में ...

मेरे घर आना ज़िंदगी

by Santosh Srivastav
  • 229.2k

मेरे घर आना ज़िंदगी आत्मकथा संतोष श्रीवास्तव (1) ज़िंदगी यूँ हुई बसर तनहा काफिला साथ और सफर तनहा जो ...

तेरे शहर के मेरे लोग

by Prabodh Kumar Govil
  • 133.6k

( एक )जबलपुर आते समय मन में ठंडक और बेचैनियों का एक मिला- जुला झुरमुट सा उमड़ रहा था ...

बहीखाता

by Subhash Neerav
  • 329.2k

पहला कदम बचपन की पहली याद के बारे में सोचती हूँ तो मुँह पर ठांय-से पड़े एक ज़ोरदार थप्पड़ की ...

शौर्य गाथाएँ

by Shashi Padha
  • 122.9k

(कैप्टन अरुण जसरोटिया, अशोक चक्र, सेना मेडल, निशाने पंजाब ) 'संत सिपाही', विरोधाभास लगता है न आप सब को, कि ...