Divya Sharma की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

रोशनी - 2

by Sharma Divya
  • 3.7k

खट खट खट ….खट खट खट…..उसके दिमाग में एक शोर सुनाई दे रहा था जैसे कोई पुकार रहा हो….रौशनी…..रौशनी… ...

रोशनी - 1

by Sharma Divya
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जैसे ही उस पर नजर पड़ी वह किनारे से निकलने लगा।पर वह जीने के बीचोबीच आ धमकी। कबीर को ...

मरुस्थल

by Sharma Divya
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……….."कहाँ खोई हो अपेक्षा?""इन तितलियों में।"गार्डन में फूलों पर मंडराती तितलियों की ओर इशारा कर अपेक्षा ने जवाब ...

एहसानों की कीमत

by Sharma Divya
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आज पूरे दो साल बाद वह वापस उस घर की दहलीज पर लौटी थी।कभी इस घर में अरमानों को ...

तेरे नाम से शुरू तेरे नाम पर खत्म

by Sharma Divya
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___________________________“क्या देख रहे हो!हाँ जानती हूँ थोड़ी मोटी हो गई हूँ पर उम्र भी तो देखो पूरी पैंतालीस साल ...

नादान दिल - 3

by Sharma Divya
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स्वप्निल मुझे डर लग रहा है अगर घरवालों को पता चल गया कि हम जिंदा है तो जिंदा जला ...

सिर्फ जिस्म नहीं मैं - 2

by Sharma Divya
  • (4.6/5)
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फोन को डिसकनेक्ट कर वह आरती के बगल में बैठ जाता है।माथे पर पसीने की बूंद उभर आती है।टेंशन ...

सिर्फ जिस्म नहीं मैं - 1

by Sharma Divya
  • (4.1/5)
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मैं सिर्फ एक जिस्म नहीं..शॉवर के नीचे खड़ी हो अपने शरीर को तेज हाथों से रगड़ने लगी।हाथों का दबाव ...

नादान दिल - 2

by Sharma Divya
  • (4/5)
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पता नहीं क्या सुलग रहा था उसके अंदर।वह खामोशी से वैन की खिड़की से बाहर देखने लगी।कुछ दूरी पर ...

नादान दिल - 1

by Sharma Divya
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"वक्त किसी के लिए नहीं रुकता स्वप्निल।""हाँ निशा!सच में वक्त से बड़ा बेवफा कोई नहीं।"निराशा से स्वप्निल ने आह् ...