जैसे ही उस पर नजर पड़ी वह किनारे से निकलने लगा।पर वह जीने के बीचोबीच आ धमकी। कबीर को ...
"वक्त किसी के लिए नहीं रुकता स्वप्निल।"हाँ निशा!सच में वक्त से बड़ा बेवफा कोई नहीं।"निराशा से स्वप्निल ने आह् ...
मैं सिर्फ एक जिस्म नहीं..शॉवर के नीचे खड़ी हो अपने शरीर को तेज हाथों से रगड़ने लगी।हाथों का दबाव ...