ये बात आज से बहुत पहले की है जब सामाजिक कुरीतियों और वीभत्स प्रथाओं का समय हुआ करता था। ...
ये समूचा विश्व सिर्फ एक भावना के चलते गतिमान है वो है विश्वास, कहा जाता रहा है कि " ...
संभोग मानव जीवन की एक अमिट कड़ी है। दुनियाँ में जहाँ ऐसा बहुत कुछ है जो एक व्यक्ति को ...
• 1. (ईश्वर का सम्बोधन) मैं ईश्वर हूँ, में कभी कुछ नही कहता किसी से नहीं कहता बस सुनता ...