kaushlendra prapanna की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

पढ़ने का धैर्य

by kaushlendra prapanna
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कौशलेंद्र प्रपन्न शायद दुनिया में यदि कोई कठिन और श्रमसाध्य कार्य है तो वह पढ़ना ही है। कोई भी ...

बाजार बड़ ठगनी हम जानि

by kaushlendra prapanna
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बाजार ने ख़ासकर महिलाओं के सौदर्य आकर्षण को अपना शिकार बनाया है। महिलाओं में सुंदर दिखने की सहज प्रवृत्ति ...

मॉल की शरण में

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छोटे और मंझोले शहरों की जिंदगी भी बदली है वह भी परिवर्तन के साथ कदम ताल कर रहे हैं। ...

शादी और प्यार

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Kaushlendra Prapanna k.prapanna@gmail.com शादी के इस पार प्रिय! प्रेम विवाह है, उस पार न जाने क्या होगा शादी लव ...

भाषायी विविधत का उत्सव

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हर अकादमिक सत्र के लिए आर्थिक सहायकता राशि का प्रावधान होता ही है। इसी के तहत विभिन्न गोष्ठियों और ...

डिजिटल इंडिया में बच्चों की दुनिया

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डिजिटल इंडिया में जितनी तेजी से सूचनाएं विस्तारित और दुनिया भर में फैलती हैं यदि इसकी अहमियत को बच्चे ...

तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा

by kaushlendra prapanna
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कई बार शिक्षा की ओर बहुत उम्मीद से ताकता हूं कि क्या कहीं किसी नीति व समिति या फिर ...

कोना फटा पोस्टकार्ड

by kaushlendra prapanna
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यदि निगम बोध घट गए हों तो देखें होंगे कि एक साथ छह, आठ और बारह लोगों के जलने ...

हिन्दी शिक्षा और शिक्षण

by kaushlendra prapanna
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हिन्दी शिक्षा और शिक्षण की वर्तमान स्थिति को बिना समझे हम हिन्दी शिक्षा कैसी दे रहे है इसका इल्म ...

भाषायी विस्थापन

by kaushlendra prapanna
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भाषायी विस्थापन के दौर में कौशलेंद्र प्रपन्न व्यक्ति के साथ भाषा भी विस्थापित होती है। व्यक्ति जीवन यापन के लिए ...