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ज़िन्दगी सतरंग.. - 4

by Sarita Sharma
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अम्मा जी और फ़ौजी अंकल अब बूढ़े हो चुके थे..ईर्ष्या,काम, क्रोध, लोभ, मोह.. इन सबसे कोसो दूर..हां क्रोध और ...

ज़िन्दगी सतरंग.. - 3

by Sarita Sharma
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इंसान के अंदर अगर ज़िन्दगी जीने इच्छा हो तो चाहे कितनी भी मुश्किलें हो, कोई न कोई बहाने निकल ...

सिर्फ तुम.. - 5

by Sarita Sharma
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सिर्फ तुम-5 चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ, फिर से किसी मोड़ पर मिलें, और फिर से ...

ज़िन्दगी सतरंग.. - 2

by Sarita Sharma
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लोग कोरोना से कम पुलिस के डर से घरों में बैठे थे..इसलिए मौका देखकर बाहर घूम रहे थे और ...

ज़िन्दगी सतरंग.. - 1

by Sarita Sharma
  • (4.9/5)
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अम्मा की नजरें सामने आती स्कूटी की तरफ़ ही टिकी हुई थी.. कौन है? कौन नहीं ये जानने के ...

सिर्फ तुम.. - 4

by Sarita Sharma
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सिर्फ तुम-4खत्म हो जाते हैं कुछ रिस्ते यूँही,बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,और साथ में खत्म हो जाती है ज़िन्दगी,जो ...

सिर्फ तुम.. - 3

by Sarita Sharma
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सिर्फ तुम-3दर्द जब हद से बढ़ जाता है,चीखना चाहते है..चिल्लाना चाहते है. मन में जमी धूल एक पल ...

ममता की छाँव - 3

by Sarita Sharma
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मौली अपनी माँ को खो चुकी थी। हालांकि उसका इसपर विस्वास कर पाना मुश्किल था, क्योंकि अभी कल की ...

सिर्फ तुम.. - 2

by Sarita Sharma
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दिन बीत रहे हैं बोझिल से,मेरे हर दिन के,हर हिस्सों मे तुम सुर्ख़ियों में हो,मैं गुमनाम कहीं खोयी हूं,गुमनामी ...

सिर्फ तुम..

by Sarita Sharma
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सिर्फ तुम... यकीन नहीं होता कभी हम मिले थे कुछ तुम दर्द में थे, कुछ हमें भी गिले थे.. ...