Rama Sharma Manavi की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

दूसरा अध्याय

by Rama Sharma Manavi
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अभी मेरी अपनी एक सहेली रिया से पूरे दो घंटे बात हुई,वह बेहद व्यथित एवं उद्वेलित थी,कारण ऊपरी तौर ...

किस्सा एक लवारेंज मैरिज का

by Rama Sharma Manavi
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आजकल का जो नया चलन प्रारंभ हुआ है उसमें अक्सर युवक-युवती जब प्रेम करते हैं या एक-दूसरे को पसंद ...

अब क्या कहूँ

by Rama Sharma Manavi
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आजकल मैं अत्यधिक चिंतित रहती हूँ।अपनी इस परेशानी को किसी से बांट भी तो नहीं सकती, बस ईश्वर से ...

आख़िर मैं चुप क्यों हूँ?

by Rama Sharma Manavi
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बेटे ने झुँझलाकर कहा,"ओफ्फोह, माँ, आपने औऱ पापा ने अपनी जिंदगी में कितने डिसीजन सही लिए हैं, यह आप ...

एक खूबसूरत सफर

by Rama Sharma Manavi
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सत्य ही कहा गया है कि दुनिया बहुत छोटी है, कब किस मोड़ पर कौन बिछड़ा हुआ मिल जाय ...

कथित आशिक़ी

by Rama Sharma Manavi
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मेरी इकलौती 19 वर्षीया बेटी शिवी बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा है,बेहद चुलबुली,हमेशा खिलखिलाने वाली लेकिन पढ़ाई के प्रति ...

फेसबुक आशिक़ी

by Rama Sharma Manavi
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मेरी इकलौती 19 वर्षीया बेटी शिवी बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा है,बेहद चुलबुली,हमेशा खिलखिलाने वाली लेकिन पढ़ाई के प्रति ...

खोखले रिश्ते

by Rama Sharma Manavi
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आराध्या अनमनी सी सोफे पर बैठी विगत जगत में विचरण कर रही थी, सामने टेबल पर रखी चाय भाप ...

लोगों का काम है कहना

by Rama Sharma Manavi
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अभी मैं सुबह के कार्यों से निवृत्त होकर नाश्ता लेकर बैठी थी कि तभी मोबाइल बज उठा,देखा तो सरिता ...

मूंछों वाली अम्मा

by Rama Sharma Manavi
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आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन ...