लोगों का काम है कहना Rama Sharma Manavi द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें महिला विशेष किताबें लोगों का काम है कहना लोगों का काम है कहना Rama Sharma Manavi द्वारा हिंदी महिला विशेष 756 2.3k अभी मैं सुबह के कार्यों से निवृत्त होकर नाश्ता लेकर बैठी थी कि तभी मोबाइल बज उठा,देखा तो सरिता का फ़ोन था।थोड़ी देर सामान्य बातों के उपरांत उसने किंचित रोषपूर्ण स्वर में बताना प्रारंभ किया,"अरे लता,तुम्हें पता है, अभी ...और पढ़ेजी को गुजरे 16 दिन हुए हैं और दीपिका ने नर्सिंग होम जाना प्रारंभ कर दिया।ऐसा भी क्या पैसे का हवस कि एक माह पति के गुजरने का शोक भी न मना सकी।और तो औऱ, सफ़ेद साड़ी तो छोड़ो,रँगीन सलवार-कुर्ते में जा रही है, उसपर बिंदी,लिपिस्टिक भी लगा लिया।हद है बेशर्मी की,कम से कम दुनियादारी का ही ख्याल रख लेती।हम कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें लोगों का काम है कहना अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Rama Sharma Manavi फॉलो