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अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका)

by संदीप सिंह (ईशू)
  • 9.9k

अंतर्मन अर्थात अपने मन की वो असीम गहराई जहां हित, नात , यार, मित्र, समाज, रिश्ते नाते, कार्य, प्रतिभा, ...

उजाले की ओर

by Pranava Bharti
  • (4.3/5)
  • 802.2k

मित्रों ! प्रणाम जीवन की गति बहुत अदभुत है | कोई नहीं जानता कब? कहाँ?क्यों? हमारा जीवन अचानक ...

एक देशभक्त सन्यासी

by संदीप सिंह (ईशू)
  • 4.9k

एक विदेश यात्रा और विश्व के मानसपटल पर भारत और सनातन, अध्यात्म को कीर्तिमान कर दिया। आज ऐसे ही देशभक्त ...

बेटी की अदालत

by Ratna Pandey
  • 8.8k

18 साल की स्वीटी के सामने एक बहुत ही विकट समस्या थी। वह समस्या थी मम्मी या पापा किसके ...

निरुत्तर

by Ratna Pandey
  • 8k

वंदना एक बहुत ही कुशल प्रेरक वक्ता थी। वह अपने प्रेरणात्मक भाषणों से समाज को एक नई दिशा देने ...

क्या एकांत ही सुख है ?

by Poonam Kuhar
  • 23.6k

एक तुषांत नाम का लड़का था जो अकेले रहना पसंद करता था और वह किसी से ज्यादा बात करना ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह

by Dr Yogendra Kumar Pandey
  • 93.9k

(महाभारत युद्ध के प्रथम दिवस के युद्ध पूर्व की घटनाओं का चित्रण और भगवान श्री कृष्ण तथा अर्जुन के ...

Bunch of Stories

by Devaki Ďěvjěěţ Singh
  • 28.2k

राहुल और अंकिता बहुत ही खुशहाल दंपति थे। दोनों ही मल्टी नैशनल कंपनी में काम करते थे। अंकिता अपने ऑफिस ...

अम्मा मुझे मना मत करो

by Ratna Pandey
  • 22.4k

रामदीन अपने गाँव की एक सुंदर-सी लड़की वैजंती से प्यार कर बैठा था। वह हर रोज़ वैजंती के घर ...

मोदी: संघर्ष से सफलता की ओर

by बैरागी दिलीप दास
  • 11.7k

गुजरात के वडनगर के शांत शहर में, महानता के लिए तैयार एक बच्चे ने 17 सितंबर 1950 को अपनी ...

गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र

by Dr Yogendra Kumar Pandey
  • (4.1/5)
  • 351.9k

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है:- कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्। अनार्यजुष्टमस्वर्ग्यमकीर्तिकरमर्जुन।।2/2।। इसका अर्थ है,"हे अर्जुन! इस विषम समय पर तुम्हें यह ...

महान सोच

by r k lal
  • 20.7k

बहुत दिनों से रुद्रांश एक मकान तलाश रहे थे । वे अपनी पत्नी रश्मि और अपने पेरेंट्स के ...

मंगलसूत्र.

by Stylish Prince
  • 16.6k

बड़े बेटे संतकुमार को वकील बना कर, छोटे बेटे साधुकुमार को बी.ए. की डिग्री दिला कर और छोटी लड़की ...

अपने साथ मेरा सफ़र

by Prabodh Kumar Govil
  • 33.8k

मुझे अपने आरंभिक दिनों से ही ऐसा लगता था कि समाज के कुछ लोग मेरे मन पर बहुत असर ...

आँगन की चाँदनी

by Sabreen FA
  • 40.8k

प्यार करना मतलब कुछ नहीं है, प्यार करने लायक बनना थोडा बहोत अच्छा है लेकिन प्यार करने और साथ ...

तीन घोड़ों का रथ

by Prabodh Kumar Govil
  • 38.8k

हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ़र में ...

मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां)

by Pooja Singh
  • 37.5k

कभी सोचा नहीं था ...मैं सेना में भर्ती हो पाऊंगा बस मन में उमंग और दिल में जज्बा था ...

गुरुदेव

by नन्दलाल सुथार राही
  • 43.6k

हमारी जिंदगी में कोई न कोई व्यक्ति हमें ऐसा अवश्य मिलता ही है ,जिसको देखने से ही हमारे रोम-रोम ...

यह कैसी विडम्बना है

by Ratna Pandey
  • 54.4k

जगमगाती हुई बल्बों की सीरीज, आसमान पर चमकते पटाखों की सुंदर रौशनी, घोड़े पर सवार वह शख़्स जो आज ...

हम कैसे आगे बढे

by Rajesh Maheshwari
  • 26.5k

यह घटना मगध की है। मगध के एक छोटे से राज्य के राजा की कोई सन्तान नहीं थी। जब ...