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बंधन प्यार का

by Kishanlal Sharma
  • 81.2k

नरेश से आकर एक युवती टकरायी तो उसके हाथ से बेग गिर गया।नरेश बेग उठाने को झुका तो वह ...

खामोशी का रहस्य

by Kishanlal Sharma
  • 12.4k

सीट पर बैठते ही दीपेन की नजर खिड़की के पास बैठी युवती पर पड़ी थी।उसे वह पहली बार देख ...

शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल

by Kaushik Dave
  • 22.3k

हिंदी में पहली बार एक धारावाहिक लिख रहा हूं। शायद पसंद आयेगी। धारावाहिक के मुख्य किरदार शुभम है जो एक डॉक्टर ...

बेजुबान

by Kishanlal Sharma
  • 6.9k

एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर ...

सावन का फोड़

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 31.2k

तपती गर्मी लोग परेशान चारो तरफ हाहाकार जेठ कि भयंकर गर्मी भुवन भास्कर का कहर जैसे आग उगल रहे ...

सन्यासी

by Saroj Verma
  • 60.8k

कभी कभी इन्सान अपने जीवन से विरक्त होकर इस सांसारिक जीवन से सन्यास लेकर सन्यासी बन जाता है, लेकिन ...

पर्दाफाश

by Ratna Pandey
  • 17.4k

14 वर्ष की आहुति ने अपना पूरा मन बना लिया था कि अब वह घर में नहीं रहेगी, उसे ...

गुलकंद

by श्रुत कीर्ति अग्रवाल
  • 19k

मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से नहीं, स्वयं अपने-आप ...

सर्कस

by Madhavi Marathe
  • 39.9k

हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते ...

कंचन मृग

by Dr. Suryapal Singh
  • 90.6k

स्कन्द पुराण में बुन्देलखण्ड का नाम राज्य के रूप में जुझौती उपलब्घ होता है। इसमें 42000 गाँव सम्मिलित थे। ...

वह आखिरी पल

by Ratna Pandey
  • 10.4k

90 वर्ष की उम्र पार कर चुकी कावेरी अम्मा अब तक तो एकदम टनकी थीं। लेकिन पिछले कुछ दिनों ...

कलयुग के श्रवण कुमार

by संदीप सिंह (ईशू)
  • 29.3k

अभी अभी बेटे से फोन पर बात हुई थी। फोन कट चुका था। लगभग 40 वर्ष की उषा और ऐसे ...

MY HERO

by shama parveen
  • 24.1k

कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और ...

एक अदद औरत

by Kishanlal Sharma
  • 18.3k

बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाई दुख किस बात का कुछ देर बाद फिर बुदबुदाई पश्चाताप किस बात ...

मुझसे शादी कर लो

by Kishanlal Sharma
  • 42.3k

"अपनी औकात देखी है राघव का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था।खाने के लाले।रोज काम ढूंढते।काम मिल ...

शाकुनपाॅंखी

by Dr. Suryapal Singh
  • 122.9k

यह इक्कीसवीं शती का प्रारंभ है। पूर्व और पश्चिम की विकास यात्रा में नव उदारीकरण की लहलहाती फसल के ...

मैं ग़लत था

by Ratna Pandey
  • 43.9k

भले राम और छोटे लाल एक छोटे से गाँव में रहते थे। दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी। वे ...

अपना आकाश

by Dr. Suryapal Singh
  • 112.2k

उपन्यास समाज का यथार्थ बिम्ब है विविधता से भरा एवं चुनौतीपूर्ण । उपन्यास लिखना इसीलिए समाज को विश्लेषित करना ...

मुजाहिदा - ह़क की जंग

by Chaya Agarwal
  • 132.2k

तलाक .....तलाक ......तलाक....... इन तीन अल्फ़ाजों को, बिल्कुल किसी मालिकाना हक की तरह बोल कर, उसका शौहर आरिज़ कमरें ...

युगांतर

by Dr. Dilbag Singh Virk
  • 107.1k

हर अन्याय का अंत होता है, ग़लत कार्य करने वालों को सज़ा मिलती है। देर हो सकती है, लेकिन ...