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आखेट महल

by Prabodh Kumar Govil
  • 3.5k

एकआखेट महल के परकोटे के सामने आज सुबह से ही चहल-पहल थी। बड़ी मोटर अभी-अभी आकर लौट चुकी थी। ...

तमस ज्योति

by Dr. Pruthvi Gohel
  • 56k

"दोस्तो! मैं हूं इस शो की होस्ट अमिता। आप सभी का तहे दिल से स्वागत करती हूं हमारी इस ...

रेत होते रिश्ते

by Prabodh Kumar Govil
  • 26.6k

एकरात के दो बजे थे, लेकिन कमरे की बत्ती जली हुई थी। मँुह से चादर हटाकर मैंने देखा तो ...

व्रत

by Sonali Rawat
  • 15.4k

साल में 2 बार नवरात्रे आते हैं. उन दिनों में अनिल की शामत आ जाती. घर में खेती कर ...

एक रिश्ता ऐसा भी.

by Poonam Kuhar
  • 26.5k

यह कहानी हैं अंजू और मनीष नाम के लड़के - लड़की की, जिनकी एक अनोखी शादी होती हैं क्योंकि ...

सहारा

by Sonali Rawat
  • 19.7k

मोहित को घर जाने के लिए सिर्फ 1 सप्ताह की छुट्टी मिली थी. समय बचाने के लिए उस ने ...

सौगन्ध

by Saroj Verma
  • 66k

रात्रि का दूसरा पहर,आकाश में तारों का समूह अपने धवल प्रकाश से धरती को प्रकाशित कर रहा है,चन्द्रमा की ...

अंधेरा बंगला

by Mansi
  • 44.3k

यह कहानी है रहीमपुर गांव में मोजूद "अंधेरा बंगला" की ,एक ऐसा बंगला जिसका नाम लेने की भी गांव ...

प्यार का दाग

by SWARNIM स्वर्णिम
  • 32.7k

बाहर बारिश हो रही है। बारिश की आवाज अक्सर मुझे परेशान करती है। उसके ऊपर, आधी रात की बारिश ...

राज-सिंहासन

by Saroj Verma
  • 95.3k

सूरजगढ़ के राजा सोनभद्र अपने कक्ष में अत्यधिक चिन्तित अवस्था में टहल रहें हैं,उनके मस्तिष्क की सिलवटें बता रहीं ...

दो बहने

by Mansi
  • 75.5k

प्रीतमपुरा गाओ मे एक मध्यम वर्गीय पति पत्नी रहते थे जिनका नाम सरला ओर खिमजी था।उनकी १५ ओर १६ ...

वेश्या का भाई

by Saroj Verma
  • (4.5/5)
  • 131.9k

वेश्या या तवायफ़ एक ऐसा शब्द है जिसे सुनने के नाम मात्र से ही घृणा होने लगती है,सभ्य समाज ...

ख़ाम रात

by Prabodh Kumar Govil
  • (4.2/5)
  • 75.6k

मैंने नींद से जाग कर फ़ोन हाथ में उठाया ही था कि उस व्हाट्सएप मैसेज पर नज़र पड़ी। लिखा ...

वचन

by Saroj Verma
  • 127.6k

वचन--भाग(१) चंपानगर गाँव____ सेठ मनीराम अपनी दुकान में बैठकर सामान को तुलवा ...

रत्नावली-संस्कृतानुवादकः पं.गुलामदस्तगीरः

by रामगोपाल तिवारी
  • 149k

ऐतिहासिकग्रन्थानां नायकनायिकानां चरित्रचित्रणविषये लेखनस्य परम्परा भारतीयसाहित्यक्षेत्रे समादृता अस्ति। आदिकाव्यस्य रामायणस्य उपजीविकाव्यमस्ति गोस्वामितुलसीदासेन रचितम् ‘रामचरितमानसम्’ इति। रामचरितमानसस्य रचनाकारस्य गोस्वामितुलसीदासस्य जन्मभूमिः ...

इश्क़ 92 दा वार

by Deepak Bundela AryMoulik
  • 85.9k

वो मोहब्बत की चिंगारी 90 के दशक से सुलगना शुरू हों चुकी थी... मौसम वसंती हो कर अपने शवाब ...

बाली का बेटा

by राज बोहरे
  • 162k

1 ...

धरना

by Deepak Bundela AryMoulik
  • 34k

शाम हों चली थी, सूरज वसुंधरा को कल आने का वादा करके जा चूका था.. शहर की सड़कों पर ...

मर्डर मिस्ट्री

by Vismay
  • (3.9/5)
  • 275.5k

" लगातार बज रहीं टेलीफोन की घंटी की वजह से हवलदार मातरे की नींद खुल गई." ...

अब लौट चले

by Deepak Bundela AryMoulik
  • 74.7k

अब लौट चले आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मै सच में आज़ाद हूं, सारी दुनियां आज पहली ...