Vijay Vibhor की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

रक्त सम्बन्ध

by Vijay 'Vibhor'
  • 17.9k

‘तीस बरस की हो गई है । इस उम्र में कौन तुझसे ब्याह करेगा ?’ मौसी के इन तानों ...

वो करवट फेर कर सो गयी

by Vijay 'Vibhor'
  • 3.9k

राकेश और सरस्वती का विवाह बहुत कम उम्र में हो गया था । सच में तो कानून की दृष्टि ...

नग्न मानसिकता के महिलावादी

by Vijay 'Vibhor'
  • 5.8k

हर जीव् का एक नैसर्गिक स्वभाव होता है.. ठीक वैसे ही पुरुष है।। चरित्र और काम वासना पुरुषो का ...

मास्टर मस्त, शिक्षा पस्त

by Vijay 'Vibhor'
  • 4.4k

जब से इस धरती पर जीवन का विकास हुआ है तभी से जीवों में अपने वजूद को संभालने या ...

नाख़ून - 2

by Vijay 'Vibhor'
  • 3.6k

लेकिन नहीं, माँ को तो घर में बहू चाहिए थी। बे–मन शादी के लिए हाँ कर दी थी। फिर ...

नाख़ून - 1

by Vijay 'Vibhor'
  • 3.6k

उन दिनों बहुत कम घरों में फोन होते थे। सुविधानुसार लैंडलाईन पर बात करने के लिए मोहल्ले वाले अपनी ...

लाख़ बहाने

by Vijay 'Vibhor'
  • 2.8k

पण्डित भगवानदास जी का भरापूरा परिवार है। परिवार में सात बेटे, बेटों की पत्नीयाँ। पन्द्रह पोते-पोतियों की किलकारियों के ...

हट जा ताऊ पाछै नै

by Vijay 'Vibhor'
  • 5k

हरियाणा में 'ताऊ' मात्र एक शब्द भर नहीं है, बल्कि बहुत सम्मानजनक सम्बोधन और सामाजिक, पारिवारिक पदवी है। यहां ...

देखत जग बौराना, झूठे जग पतियाना………

by Vijay 'Vibhor'
  • 5.8k

पांच सौ साल पहले कबीर ने साधु को पहचानने की यह निशानी बताई थी – “साधु ऐसा चाहिए, जैसा ...

कहाँ जाना है, कहाँ जा रहे हैं?

by Vijay 'Vibhor'
  • 7.6k

आधुनिक मध्यम वर्गीय परिवारों में इतनी-सी सम्पन्नता तो आ ही गयी है कि वह विज्ञापनों से प्रभावित होकर बाजार ...