Nirpendra Kumar Sharma की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

सागर का तूफान

by Nirpendra Kumar Sharma
  • 10.3k

आज एक लेख प्रस्तुत कर रहा हूँ कृपया समीक्षा अवश्य लिखें।"सागर का तूफान", !! आप सोच रहे होंगे ये ...

मज़बूरी

by Nirpendra Kumar Sharma
  • 8.7k

"मज़बूरी"नन्ही रौनक गुब्बारे को देख कर मचल उठी, अम्मा अम्मा हमें भी गुब्बारा दिलाओ ना दिलाओ ना हम तो ...

नीलकण्ठ की अविस्मरणीय यात्रा

by Nirpendra Kumar Sharma
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अगस्त, 2007 बरसात अपने पूरे यौवन पर थी बादल कई बार दिन को ही रात बनाकर खेल रहे थे। ...

हमारी बद्रीनाथ धाम की यात्रा

by Nirpendra Kumar Sharma
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आज दिनांक,19 मई 2018 , मैं और मेरे 4 मित्र बद्रीनाथ यात्रा पर निकले हैं।उमंगित ,उल्लासित, भक्तिरस में डूबे।सुबह ...

जैसा खाये अन्न

by Nirpendra Kumar Sharma
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कुछ दिन से चिंटू(चूहे) में जीवन मे कुछ अलग अनुभव हो रहा है, वह जब भी किसी छोटे जानवर ...

कर्तव्य,,

by Nirpendra Kumar Sharma
  • 9.2k

बाहर शहनाइयों का शोर, मेहमानों की चहलपहल और शादी की सजावटों के बीच सुरेखा सोच रहीं थी की अब ...

भूल,

by Nirpendra Kumar Sharma
  • (4.3/5)
  • 6.6k

मनोहर , पच्चीस वर्ष का मेहनती किसान है, सांवला मज़बूत दरमियाना कद ऊंचे चौड़े मज़बूत कंधों बाला आकर्षक युवक। ...

और वह मर गयी

by Nirpendra Kumar Sharma
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नदी किनारे गांव के एक छोर पर एक छोटे से घर में रहती थी गांव की बूढी दादी माँ। ...

रुख़सार,,

by Nirpendra Kumar Sharma
  • 6.8k

साल 1992 उत्तरप्रदेश का एक छोटा सा गांव -अम्मी,, अम्मी आप समझाइये ना अब्बू को,,, रुखसार अपनी बड़ी-बड़ी काली ...

मूर्ति

by Nirpendra Kumar Sharma
  • (4.5/5)
  • 8.6k

आज फिर खाना नहीं बना फूलो?? हारा थका लालू झोंपड़ी के बाहर ठंडे चूल्हे को गीली आंखों से देखता ...