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खईंच

by Alok Sharma
  • 4.8k

शहर में अपने भाई से मिलने आया एक लड़का जो ग़लत पते पर पहुंच जाता है

जीवन पर 8 कविताएँ

by Alok Sharma
  • 11.5k

दुनिया इतनी सरल नही दुनिया इतनी सरल नही जो नज़र आये अक्सर नए राही को दूर के ही डोल ...

उजरिया

by Alok Sharma
  • 8.6k

शहर से दूर एक जंगल के बीच मे कुछ अनुसूचित जनजाती के लोगो का एक छोटा सा कस्बा ...

पत्तियाँ

by Alok Sharma
  • 7.4k

आकाश अपने माता पिता का इकलौता पुत्र था। उसके माता पिता उसे दुनिया में बहुत ही प्रिय थे । ...

सोंचना एक अच्छी आदत - 1

by Alok Sharma
  • 9.8k

हम हमेशा क्यों सोंचते हैं क्योंकि सोंचना एक अच्छी आदत है । जरूरी नही की आप क्या सोंचते ...

प्रकृति के प्रति मानवी संघर्ष

by Alok Sharma
  • 12k

पृथ्वी पर समस्त जीवों मे मानव प्राणी सबसे ज्ञानी और उत्तम प्रकृति का है तथा मनुष्य मानव सभ्यता के ...

उज्जड्

by Alok Sharma
  • 7k

वह व्यक्ति जो बिना सोंचे समझे बगैर जाने बूझे किसी कार्य को करने के लिए तैयार हो जाता है ...

नाटक-बहूधन

by Alok Sharma
  • 10.3k

नाटक- बहूधन लेखक- आलोक कुमार शर्मा दृश्य-1 (सेठ जी के घर पर एक व्यक्ति कमल अपनी पत्नी के साथ ...

अब क्या होगा ?

by Alok Sharma
  • 14.9k

अब क्या होगा? सुरेश नरेश आपस में एक अच्छे मित्र होतें है सुरेश गम्भीर और नरेश थोड़ा मजाकिया ...

आज और कल

by Alok Sharma
  • 5.1k

अंकुर के 8वीं का परिणाम घोषित हुआ । अंकुर के दो मित्र आनन्द और अभिषेक उसके घनिष्टट मित्र थे। ...