Kishanlal Sharma की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 14

by किशनलाल शर्मा
  • 276

उसी समय विभीषण दरबार मे चले आये"यह दूत है।औऱ दूत की हत्या नियम विरुद्ध है विभीषण की बात का ...

बन्धन प्यार का - 28

by किशनलाल शर्मा
  • 396

हिना ने जो सुना और पढ़ा था।आंखे बंद करके उसे याद करने लगीं।स्विट्जरलैंड यूरोप का ही एक देश है।यह ...

खामोशी का रहस्य - 8

by किशनलाल शर्मा
  • 708

माया ने उन कागजो को पढ़ा था।फिर बोली,"तुंमने तो जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया था।""हैं""फिर अब क्या ...

खामोशी का रहस्य - 7

by किशनलाल शर्मा
  • 714

माया को जब होश आया तब उसने अपने को अस्पताल में पाया थाजैसे ही उसे होश आया एक महिला ...

बन्धन प्यार का - 27

by किशनलाल शर्मा
  • 735

बहू बैठो।हिना बैठ गयी थी।सास अंदर किचन में चली गयी थी।तब नरेश बोलारात को स्विट्जरलैंड चलना हैक्योशादी के बाद ...

खामोशी का रहस्य - 6

by किशनलाल शर्मा
  • 855

और अनुराग टूर पर जाता तो माया को साथ ले जाने लगा। अब पति के टूर पर जने पर ...

बेजुबान - 5

by किशनलाल शर्मा
  • 1k

पढ़ लेती,"वह बोला ,"मा का है"किसी दूसरे के नाम की चिट्ठी नही पढ़नी चाहिए।"उसकी बात सुनकर वह बोली थी"तुम ...

खामोशी का रहस्य - 5

by किशनलाल शर्मा
  • 1.1k

"मैं तुम्हारे लायक नही हूँ"क्यो"क्योकि मैं परित्यक्ता हूँ।तलाकशुदा"यह तुंमने पहले कभी बताया नही।""पहले कब यह बात चली।आज चली है ...

बेजुबान - 4

by किशनलाल शर्मा
  • 936

और शबनम उसे कोई काम नही करने देती थी।वह शबनम के इशारे और क्या बोलती है कुछ कुछ समझने ...

बेजुबान - 3

by किशनलाल शर्मा
  • 939

और वह उससे पूछता रहा वह कागज पर लिखती रही।और उसने जो बताया निम्न थाजाकिर अपनी बीबी सलमा के ...