सर्वश्रेष्ठ महिला विशेष कहानियाँ पढ़ें और PDF में डाउनलोड करें

त्रिशा... - 20

by vrinda
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"अरे वाह!!!! तुम्हारे जन्मदिन की तैयारी तुम्हारे शादी के पहले‌ फंक्शन में काम आ गई।।।" महक ने हंसते हुए ...

त्रिशा... - 19

by vrinda
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"भाभी यह गोल्डन बार्डर वाली लाईट पिंक कलर की साड़ी अच्छी लग रही है। और यह ज्यादा हैवी भी ...

त्रिशा... - 18

by vrinda
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"यह झुमकियां मुझे राजन जी ने दी है।मेरा बर्थ डे गिफ्ट।।।।।" महक की नाटक भरी बातें सुनने के बाद ...

त्रिशा... - 17

by vrinda
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"मोनिका!!!!!!!!! त्रिशा को थोड़ी देर में नीचे ले आना कोई साड़ी पहना कर अपनी, वो लोग आज ही रुकाई ...

तपस्विनी

by Raj Phulware
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तपस्विनीलेखक राज फुलवरेदिशाएँ उस दिन असामान्य रूप से शांत थीं. सूर्य ढलने को था, पर उसकी किरणें जंगल के ...

नारीशक्ति

by Raj Phulware
  • 987

नारीशक्तिलेखक राज फुलवरेसांझ ढल चुकी थी। जंगल के ऊपर हल्का-हल्का धुंध पसरा हुआ था। हवा में ठंडी सरसराहट थी ...

ठुमकी (एक ठुमकती हुई ज़िन्दगी का असमय अंत )

by Rinki Singh
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ससुराल से एक साल बाद मायके पहुँची थी |बरामदे की चौखट पार की ही थी कि सामने से फूला ...

वह लड़की… जो आईना बन गई

by Pappu Maurya
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— “वह लड़की, जो सफर में मिली थी”दिन: पता नहीं किस तारीख का था।बस इतना याद है कि हवा ...

फूल की कहानी

by KANKSHA VASNIK
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फूल.... नाम के अनुरूप वो कोमल थी पर उसकी जोड़ेंगी वैसी नहीं थी मां बाप उसे लड़की होने से ...

जहरीला घुंगरू - भाग 2

by Raj Phulware
  • 1.1k

जहरीला घुंगरू भाग 2लेखक- राज फुलवरेअध्याय–7अतीत की धधकती राख**महल के लंबे गलियारों में सन्नाटा पसरा था।राजा वज्रप्राण अपने कक्ष ...

फूल की किस्मत - 1

by KANKSHA VASNIK
  • 2k

फूल.... नाम के अनुरूप वो कोमल थी पर उसकी जोड़ेंगी वैसी नहीं थी मां बाप उसे लड़की होने से ...

जहरीला घुंगरू - भाग 1

by Raj Phulware
  • 1.6k

जहरीला घुंगरू भाग 1“दवंडी की गूँज और पहला तूफ़ान”राज्य की शाम हमेशा शांत हुआ करती थी,लेकिन आज हवा में ...

अनकही मोहब्बत - 6

by Kabir
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ढाका, 1965 – उमस, बारिश और धीमी जलती मोहब्बतभाग 1: उसका दीदार… जैसे हवा भी ठहर जाएकमलगंज की गली ...

गुनाहों की सजा - भाग 28

by Ratna Pandey
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नताशा का प्रश्न सुनने के पहले ही वरुण ने कहा, "जानता हूँ नताशा। मैं कौन हूँ ...? माही से ...

मृदुला

by Rinki Singh
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  • 1.6k

मृदुला के घर से फिर वही आवाजें उठ रही थीं..चीखें, रोने की, बर्तनों के गिरने की, बच्चों के सिसकने ...

आखिरी कॉल - आखिरी मुलाकात

by KANKSHA VASNIK
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मयंक और महिरा दोनो ने अपना ग्रेजुएशन साथ साथ किया दोनो एक दूसरे से प्यार करते थे और शादी ...

इंतेक़ाम - भाग 17

by Mamta Meena
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निशा अपना ससुराल छोड़कर और अपने बच्चों को लेकर घर से आ तो गई लेकिन उसे यह चिंता सता ...

तुझ संग प्रीत लगायी ....

by bhasha
  • 1.6k

क्या हो जब प्रेम प्रताड़ना बन जाय और जीने का सबब भी...मैं वैभव ....आज दोसाल बाद कैलिफ़ोर्निया से वापस ...

अधूरा रिश्ता

by Tanya Singh
  • (4.9/5)
  • 1.7k

(एक टूटी हुई शादी की कहानी)शादी के पाँच साल बाद, आर्या और नील के घर में अब सिर्फ दो ...

गुनाहों की सजा - भाग 27

by Ratna Pandey
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  • 1.5k

नताशा की याद में वरुण रात भर ठीक से सो नहीं पाया। उसकी पूरी रात बेचैनी में कटी। अपनी ...

क्षितिज के पुष्प

by bhasha
  • 2.5k

सुबह साढ़े छह बजे तेजस ने ट्रेडमील की स्पीड बढ़ायी और साथ ही अपने पैरों की गति भी । ...

तन्हाई - 4

by Deepak Bundela
  • (4.9/5)
  • 2.1k

एपिसोड 4तन्हाईशरीर और आत्मा का एक होनाशाम ढल चुकी थी बाहर आसमान में काले बादलों की परतें किसी अनकहे ...

गुनाहों की सजा - भाग 26

by Ratna Pandey
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तब वरुण और माही ने मिलकर उन्हें उनकी पूरी योजना विस्तार से बताई भी और समझाई भी। यह सब ...

तन्हाई - 3

by Deepak Bundela
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  • 1.6k

एपिसोड 3तन्हाईभावनाओं की सीमाएँ और समाज का भयसंध्या के ऑफिस में अब हर दिन कुछ अलग महसूस होता था, ...

तन्हाई - 2

by Deepak Bundela
  • 1.9k

एपिसोड 2तन्हाईउम्र का अंतर भूलकर मन का कंपनसुबह की ठंडी हवा ऑफिस की इमारत के लॉन में हल्के-हल्के बह ...

तन्हाई - 1

by Deepak Bundela
  • (3.7/5)
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एपिसोड 1 –तन्हाईअकेलेपन की गूंज और अधूरी चाहतों की शुरुआतशहर के सबसे शांत और प्रतिष्ठित इलाके में, सफ़ेद दीवारों ...

माँ सावित्री

by naina khan
  • (4.9/5)
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*"वो माँ जो हारना नहीं जानती"*शहर के एक कोने में एक पुरानी सी झोपड़ी थी। बाहर से टूटी-फूटी, लेकिन ...

गुनाहों की सजा - भाग 25

by Ratna Pandey
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आज माही पहले की तरह उदास नहीं लग रही थी। आज तो उसके चेहरे पर जीत की ख़ुशी और ...

गुनाहों की सजा - भाग 24

by Ratna Pandey
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माही और वरुण एक-दूसरे का हाथ पकड़कर मुस्कुराते हुए वहाँ से बाहर निकल गए, लेकिन नताशा का पूरा परिवार ...

तुझ संग प्रीत लगायी ....

by bhasha
  • 2.4k

क्या हो जब प्रेम प्रताड़ना बन जाय और जीने का सबब भी...मैं वैभव ....आज दोसाल बाद कैलिफ़ोर्निया से वापस ...