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अपराध ही अपराध - भाग 4

by S Bhagyam Sharma

अध्याय 4 “मैंने तो शुरू में ही बोल दिया… हम किसी भी बात के लिए कोर्ट और पुलिस ...

अपराध ही अपराध - भाग 3

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 3 पिछला सारांश- ‘कार्तिका इंडस्ट्रीज’ संस्था के इंटरव्यू के लिए गए साइकोलॉजी मे पोस्ट डिग्री तक पढ़ें ...

अपराध ही अपराध - भाग 2

by S Bhagyam Sharma
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(अध्याय 2) “बहुत अच्छी बात है, ‘पानीपत युद्ध कब हुआ? केनेडी को शूट करके करने वाले का नाम क्या ...

अपराध ही अपराध - भाग 1

by S Bhagyam Sharma
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इंदिरा सौंदराराजन इंदिरा सौंदराराजन तमिल के बहुत बड़े और प्रसिद्ध लेखक हैं। आपने बहुत से उपन्यास और कहानियां लिखीं ...

हमराज - 3

by Gajendra Kudmate
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ज़ेबा अभी थोड़ी ही संभली थी के उसे यासीन का फोन आया और उसने कहा, " हेलो ज़ेबा, क्या ...

Black Queen ( A Mysterious Girl )

by Tanisha Bohat
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Rathore's club ( काल्पनिक नाम )यह एक बहुत बड़ा क्लब था जो चारों तरफ से लाइटों से सजाया गया ...

एसीपी रुद्र - 1

by rk bajpai
  • 1.5k

महानगर का सबसे बड़ा कॉलेजसफाई कर्मचारी वीरू सुबह 6 बजे अपनी धुन में गाता हुआ सफाई कर रहा हैंवीरू ...

अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 2

by Abhishek Chaturvedi
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अधूरी चाहत मरता परिवार,भाग -२जासूसी की शुरुआतआरव की अचानक मौत से रोहित के मन में संदेह घर कर गया ...

अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 1

by Abhishek Chaturvedi
  • 2.9k

अधूरी चाहत और मरता परिवार(उपन्यास)भाग-१अधूरी ख़्वाहिशें डॉ. अनामिका एक बेहद काबिल और मशहूर डॉक्टर थीं। उनकी ...

बर्बादी का SmS और ब्लैक फैंटम

by Abhishek Chaturvedi
  • 1.7k

एक संदेश की शुरुआतरात के लगभग दस बजे थे। अमन, जो एक साधारण नौकरीपेशा व्यक्ति था, अपने मोबाइल पर ...

लापता - बीस साल पहले

by किशनलाल शर्मा
  • 1.1k

नहीप्रदीप हड़बड़ा कर उठ बैठा"क्या हुआपति को बड़बड़ाता देखकर रमा की नींद खुल गयी थी।"कुछ नही"कुछ नही तो उठ ...

हमराज - 1

by Gajendra Kudmate
  • 2.1k

खिड़की खुली जरा, जरा परदा सरक गया बहोत ही खबसूरत सा गाना सोनू नीगम का गाया हुआ रेडिओ पर ...

अनसुनी दास्तां..... 2

by piku
  • 1.4k

आज अनसुनी दास्तानें में हम कहानी बताने जा रहे हैं 2008 के उस हत्याकांड की, जिससे पूरा मुंबई सिहर ...

सावन का फोड़ - 27

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
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हासिल अधिक से अधिक हो कम से कम कानूनी शिकंजे के आप सरदार गेरुआधारी के भक्त ही हो गए ...

सूनी हवेली - भाग - 20

by Ratna Pandey
  • 1.3k

वीर जिसने अपनी प्रेमिका को ऐसा काम करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया था; वह भी पछता कर केवल ...

सावन का फोड़ - 26

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 834

कर्मा चलती ही जा रही थी उसको खुद नही पता था की वह जा कहां रही है वह चलती ...

सूनी हवेली - भाग - 19

by Ratna Pandey
  • 1.1k

हवेली से कुछ दूरी पर एक परिवार था जिसका हवेली में आना जाना था लेकिन उन्हें भी इस सब ...

सावन का फोड़ - 25

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 910

जब तक आग बुझती तब तक कर्मा का घर एव घर का समान स्वाहा हो चुका था डर यह ...

सावन का फोड़ - 24

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 984

समरेंद्र प्रताप सिंह मीटिंग समाप्त होते ही सब इंस्पेक्टर बुरहानुद्दीन से मिले बुरहानुद्दीन ने समरेंद्र प्रताप सिंह को सारी ...

सूनी हवेली - भाग - 18

by Ratna Pandey
  • 1.2k

हवेली से जाते समय दिग्विजय को अनन्या की चीखें सुनाई दे रही थीं लेकिन उसकी चीखों को सुनकर उसे ...

सावन का फोड़ - 23

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 825

सवारथ ने थोड़ा गम्भीर होते हुए जोहरा से कहा मैं गारंटी तो नही लेता लेकिन मैं तुम्हे और तुम्हारे ...

सूनी हवेली - भाग - 17

by Ratna Pandey
  • 1.2k

वीर के हाथ से फ़ोन गिरने के बाद यदि रेवती उन दोनों की बातें सुनकर गुस्से में आग बबूला ...

सावन का फोड़ - 22

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 813

जोहरा जल्दी से जल्दी कर्मा तक सुभाषिनी को पहुँचाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहती थी वह भागती ही ...

सूनी हवेली - भाग - 16

by Ratna Pandey
  • 1.3k

अनन्या नहीं चाहती थी कि दिग्विजय इस तरह सो जाए। इसलिए वह उसे जगाने की कोशिश कर रही थी ...

सावन का फोड़ - 21

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 747

करोटि काठमांडू से लौटकर कर्मा के पास गया और उसने कर्मा को हिदाययत देते हुए कहा कि जोहरा को ...

सूनी हवेली - भाग - 15

by Ratna Pandey
  • 1.4k

अनन्या अब भी हवेली में ही थी। वह खुश थी और अपने स्वार्थ की माला में सफलता के मोती ...

सावन का फोड़ - 20

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 897

होली के दो दिन बाद जोहरा ने बच्चे को जन्म दिया कोशिकीपुर गांव में तरह तरह कि अफवाहें आम ...

सूनी हवेली - भाग - 14

by Ratna Pandey
  • 1.4k

हवेली छोड़ कर जाने से पहले यशोधरा एक बार फिर से दिग्विजय के कमरे में आई और उससे कहा, ...

सावन का फोड़ - 19

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
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कर्मा दीदी पर मेरा कोई बोझ नही था उन्हें मेरी बदनामी और इज़्ज़त का डर था वह मुझे कुछ ...

सावन का फोड़ - 18

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
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कोशिकीपुर के बच्चे पूरे दिन जोहरा को पागल समझ कर परेशान करते जोहरा भी पागल का किरदार निभाते ऊब ...