Medha Jha की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

आंखों ही आंखों में

by Medha .
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आज फिर आंख खुलते ही आंखों के समक्ष उभरी एक जोड़ी जीवंत सी आंखें।" अरे, आप यहां, किसके लिए। ...

भोर का शहर

by Medha .
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पछाड़ खाती तीव्र लहरों का काले पत्थरों से टकरा कर लौटना, बीच से एक श्यामल सी मोहक छवि का ...

ख्वाबों के दिन

by Medha .
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सालों बाद फिर उसी वीरान वृहत शिला खंडों से समृद्ध नीरव सौंदर्य से परिपूर्ण इस भू भाग से गुजरती ...

इडली सांभर

by Medha .
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" हेल्लो, मैं नीतेश, अभी दिल्ली में हूं। सिर्फ दो दिन के लिए आया हूं। आज कल तो कभी ...

गोविंद दियो मिलाय

by Medha .
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गोविंद दियो मिलाय गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय। अब पाय तो ...

तुम ना जाने किस जहां में खो गए..... - 19 - लव इज नॉट ब्लाइंड

by Medha .
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गो एंड गेट मैरिडपूरे सप्ताह फिर समय नहीं मिला मुझे। अंदर से आक्रोश से भरी थी मैं। उस दिन ...

तुम ना जाने किस जहां में खो गए..... - 18 - मोह भंग

by Medha .
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आज का सारा काम बाकी रहा था मेरा और अब हिम्मत भी नहीं थी। ६बजे करीब घर पहुंची। बहन ...

तुम ना जाने किस जहां में खो गए..... - 17 - आह्लाद के दिन

by Medha .
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तुम बदल रहे थे और इस बार तो साफ मैंने महसूस किया यह बदलाव। क्या कारण था। तुम कोशिश ...

तुम ना जाने किस जहां में खो गए..... - 16 - कब आओगे हर्ष

by Medha .
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कुछ दिन बैठने के बाद एक मित्र के सहयोग से दुबारा नौकरी मिल गई मुझे।मशीनी जिंदगी हो गई थी ...

रक्षाबंधन

by Medha .
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#रक्षाबंधन के बहानेअबके बरस भेज भैया को बाबुल, सावन में लीजो बुलाय रेछलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन ...