Dr Yogendra Kumar Pandey की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

मोहे रंग दो श्री राम

by Yogendrakumar Pandey
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आज होली का दिन है।श्री राम और लक्ष्मण माता सीता की खोज करते हुए किष्किंधा राज्य में हैं।यहां वानरराज ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 50 - अंतिम भाग

by Yogendrakumar Pandey
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50.आनंद समाधि पांडवों का प्रस्ताव रखने पर महाराज धृतराष्ट्र ने पूछा। महाराज धृतराष्ट्र: हे श्री कृष्ण! पांडव क्या चाहते ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 49

by Yogendrakumar Pandey
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49. वापस मिल गया खोया मन अर्जुन के मन में संदेह के मेघ छंटने लगे थे और ज्ञान के ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 48

by Yogendrakumar Pandey
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48.पा लो सारे सुख अर्जुन ने श्री कृष्ण से वास्तविक सुख की परिभाषा पूछी। अर्जुन: सुख क्या है प्रभु?जो ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 47

by Yogendrakumar Pandey
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47.तप है जीवन अर्जुन का जीवन एक तरह से श्रीकृष्ण के सानिध्य में ही बीता है। द्वारका आने के ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 46

by Yogendrakumar Pandey
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46.जीत स्वयं पर स्वयं अर्जुन कृष्ण के बिना अपूर्ण है। श्री कृष्ण उनके प्रेरक और मार्गदर्शक हैं। वे सोचने ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 45

by Yogendrakumar Pandey
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45.मैं तुम हो और तुम मैं हूं चतुर्भुजी विष्णु रूप के बाद श्री कृष्ण अपने मनोहरी मानव रूप में ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 44

by Yogendrakumar Pandey
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44.यह तो होना ही है इस विश्वरूप के एक भाग में जब अर्जुन ने बड़े गौर से देखा तो ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 43

by Yogendrakumar Pandey
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43.तुम्हें देखने चाहिए दिव्य आंखें अर्जुन के हाथ प्रणाम मुद्रा में हैं। श्री कृष्ण कालों के काल महाकाल हैं। ...

कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 42

by Yogendrakumar Pandey
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42.तेरा विस्तार अर्जुन ने श्री कृष्ण का मानव रूप देखा हुआ है। जब से श्री कृष्ण ने उन्हें ब्रह्मांड ...