सुबह के 9 बज चुके हैं, धूप धीरे-धीरे खिसकती हुई खिड़की तक आ पहुँची है और शेखर अभी भी ...
यह शाम भी बीती पिछली दो शामो की तरह ही उमस भरी थी। इसी उमस भरी शाम में एक ...