जी उठा तुलसी का पौधा “बन्नो तेरी अँखियाँ सुरमे दानी, बन्नो तेरा टीका लाख का रे......” | शुभदा बड़ी ...
जब दुःख बढ़ जाता है तो अपने ही याद आते हैं, पर जब दुःख का कारण अपने प्रिय जन ...