क़ायनात में दिलों से नफ़रतों को मिटाते चलो l प्यार मोहब्बत के धर धर दिये जलाते चलो ll ...
o o o o o o o o o o o o o o o o o o o ...
जीवन के कोरे काग़ज़ को पढ़ सको तो पढ़ो l चंद लम्हों की मीठी यादे भर सको तो भरो ...
आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर,अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा ...
हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के ...
बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा ...
*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_*पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा ...
सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या ...
सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्यौं, अपने अस्त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ ...
चतुर्थ अध्याय सरित तीर पर, बुर्ज बैठकर, जल प्रवाह की क्रीड़ा देखी। उठते थे बुलबुले, घुमड़ती , अन्तर मन ...
इच्छांचा सागर दूरवर पसरला आहे. एका इच्छेने पृथ्वी आणि स्वर्गाला स्पर्श केला आहे. एक सौंदर्यवती आहे जिने आज ...
स्वीकारो इस पाबन जल को, मुझको यहां मिलाओ। खुशी हुआ तब सुनत मैंगरा, आओ भाई आओ।। चीनौरिया मिल, चला ...
आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता ऐसा दिन था जब रोता देख मुझे,वो ...
नौं सौ रसियों की रसभीनी, मन अबनी सरसाई। गौरव बांटत दोनों कर, बनवार शहर पर आई।। अवध धाम बनवार ...
ख्वाइशों का समंदर बहुत दूर तक फेला हुआ हैं l एक आरज़ू ने ज़मीं से लेकर अर्श को छुआ ...
एक छोटीसी कहानि है जो हमने कविता मे पिरोई है,कहानी उनपे है जो अपनों के लिए अपने घर से ...
दूसरा अध्याय बांटत द्रव्य अपार, चल दई आगे गंगा माई। पर्वत काटत चली, गुप्त कहीं प्रकट दिखाई।। पर्वत अन्दर ...
जड़ – जंगम, घबड़ाये भारी, हिल गए पर्वत सारे। त्राहि। त्राहि मच गई धरा पर, जन जीवन हिय हारे।। ...
प्रथम अध्याय पंचमहल और गिर्द स्थली, अब कब होगी गुल्जार। कई दिनौं से प्रकृति यहां की,करती रही विचवार।। विनपानी ...
पूर्व से गभुआरे घन ने, करी गर्जना घोर। दिशा रौंदता ही आता था, तम का पकड़े छोर।। ग्राम मृतिका ...
खण्ड काब्य-जीवन सरिता नौंन (लवणा सरिता) ‘परोपकाराय बहन्ति नद्याः’ अर्पण – परम पूज्या – लवणसरिता – (नौंन नदी) ...
निगाहों से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध क्यूँ? अदाओं से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध ...
उजड़े हुए शहरो में आशियाना न ढूंढ़ा कर l इन्सानों के चहरों को नजदीक से पढ़ा कर ll ...
मेरे पापा शिक्षक थे | बचपन से ही देखती आई थी कि पूरे गाँव के लोग उनका काफी सम्मान ...
सुहाना नशीला मौसम दिल को बहका रहा हैं l रंगबेरंगी फ़ूलोंका गुलदस्ता मन बहला रहा हैं ll लाखों ...
(१) मेरी हरकतें कभी कभी बस यूँही,महसूस करती हूँ तुझे। अपने बालों को,धीरे से हटाकर शरमा जाती हूँ।। ...
हर कसमें, हर वादे, हर वफा, की हमें कीमत मिली।मौत भी मुझे आई तो कमजर्फ के गलियों में।।अप तो ...
"कविता संग्रह"'मन के विचार 'सोचता हूं क्या करूं?मन के विचारों को कैसे व्यक्त करूं?दुनिया है ऐसी जहां अच्छे शब्दों ...
श्रद्धा भाव से जीवन जीना आसान हो जाता हैं l दुःख के दिनों में हंसने का हौसला लाता हैं ...
1.किताब की दोस्ती बहुत कमाल की होती हैं...बात तो नहीं होती, पर बहुत कुछ सिखाती हैं...!2.शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ...