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दोहा - कहें सुधीर कविराय

by Sudhir Srivastava
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दोहा - कहें कविराय सुधीर ********युवा, नशा, नाश, अंजान, तन******युवा नशे में चूर हैं, अभी न उनको ज्ञान।नशा नाश ...

में और मेरे अहसास - 100

by Darshita Babubhai Shah
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टूटी हुई उम्मीदों का घाव सबसे गहरा होता है l गुज़रा हुआ प्यारा वक़्त वहीं पे ठहरा होता है ...

गजल संग्रह

by डॉ अनामिकासिन्हा
  • 1.6k

"खुशनसीब हूँ मैं जो हसरत-ए-दीदार कर सकी.. वक्त के पहले ईद का चांद भी नज़र नहींआता है.."खा़लिक़ तुझसे गुजा़रिश ...

में और मेरे अहसास - 99

by Darshita Babubhai Shah
  • 783

पिंजरा सोने का पिंजरा हैं फिर भी पंछी उदास हो रहा है l खुले आसमाँ की तरह मुकम्मल ...

एक पहेली

by Nandita Pandya
  • 1.2k

हर पल कुछ नया सीखा कर जाती हे ये जींदगी, हर रोज एक नया मोड लेती के ये जींदगी, ...

में और मेरे अहसास - 98

by Darshita Babubhai Shah
  • 1.4k

मन्नत के धागों से ख़ुदा को मनाना छोड़ दिया l अपने और अपनों के लिए सताना छोड़ दिया ll ...

काव्यांजलि, कविता संग्रह - 3

by Bhupendra Kuldeep
  • 2.2k

यह कृति मन से उपजी हुई भावनाएँ है जिसे काव्य के रूप में अर्थ दिया गया है। इस संग्रह ...

शायराना फिज़ा... 2 - किस्से, तेरे-मेरे।

by Utpal Tomar
  • 2.1k

~किस्से तेरे-मेरे ~कुछ किस्से बुनूं, तेरे और मेरे ,कुछ ख्वाब देखू जिनमें, मैं हूं और तू हो लिखूं कुछ ...

अधूरे प्यार की कहानी - 3

by duniya bhurihe
  • 1.8k

घर माइक्रोसॉफ्ट 365विषय संदेश पर जाएं️ लोकतंत्र प्रेम की एक अधूरी कहानीचर्चा विकल्प कुर्ता1605तांबे का योगदानकर्ता‎अप्रैल 28 2021 03:41 ...

में और मेरे अहसास - 97

by Darshita Babubhai Shah
  • 1.1k

बेरोजगारी ओ महगाई का प्रश्न तो खड़ा है l जवाब देने जाओ तो मसला बहुत बड़ा है ll ...

कुएं का मेंढक

by Choudhary SAchin Rosha
  • 1.7k

"कुएं का मेंढक” तीन कविताओं का संग्रह है. क्या है, कैसी है यह तो आप पाठकगण ही बताएं तो ...

प्रेरक कविताएँ

by Vishal Dhusiya
  • 2.4k

1 पापा मेरे पापा मेरे सुबह सूरज निकलने से पहले घर छोड़ देते मेरे खुशियों के खातिर दिनभर हैं ...

ADHURA ISHQ

by Raj Mishra
  • 1.6k

1. सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ याजितना था वो काफी ना था,नहीं समझ पाया तो समझा ...

काव्यांजलि, कविता संग्रह - 2

by Bhupendra Kuldeep
  • 1.3k

अर्थ दिया गया है। इस संग्रह में विभिन्न् विषयों वाले काव्यों का संकलन है। यह आवश्यक नहीं है कि ...

अधूरे प्यार की कहानी - 2

by duniya bhurihe
  • 1.9k

हर दौर की प्रेम कहानी अलग होती है। हालांकि उनमें भावना और एहसास वही होते हैं पर फिर भी ...

काव्यांजलि, कविता संग्रह - 1

by Bhupendra Kuldeep
  • 2.9k

भाग1यह कृति मन से उपजी हुई भावनाएँ है जिसे काव्य के रूप में अर्थ दिया गया है। इस संग्रह ...

में और मेरे अहसास - 96

by Darshita Babubhai Shah
  • 1.2k

हुश्न की खूबसूरती आज जी भर के देखते हैं l नज़रे बचाके महफिल में ठहर के देखते हैं ll ...

शायराना फिज़ा... 1 - कुछ अनकहे ज़ज्बात

by Utpal Tomar
  • 3.9k

रहने दे मोहब्बत में डूबने को, ऐ परिंदे आसमाँ के...ये दरिया है नादान, बेमौत मारा जाएगा || ~ याद ...

शब्दों की बारात

by Preetam Gupta
  • 2.5k

~कोई ख्याल बचा कर रखो प्रीतम ~ इरादे उम्मीदों के, सख़्त लगते हो, तुम मुझे मेरा, बुरा वक्त लगते ...

आह्वान प्रेम का

by Choudhary SAchin Rosha
  • 2.3k

आह्वान प्रेम का1. तेरी यादों को मैं कितना भुलाऊं,बेझिझक चली आती है चाहे मैं बुलाऊं या न बुलाऊं और ...

में और मेरे अहसास - 95

by Darshita Babubhai Shah
  • 2k

सर्दी के दिन अपना रंग दिखाने लगे हैं l लोग घरों में बंध रह दिन बिताने लगे हैं ll ...

POEM

by vishram goswami
  • 2.4k

कुछ पल कभी-कभी कुछ पल मन को, बहुत दूर ले जाते हैं परिचित सी मधुर आवाजों से, मीठा ...

आज फिर मुझे नज़र आई वो...

by Utpal Tomar
  • 3.3k

~उनसे बिछड़ना था~तन्हा होना था, सुकून पाना था खुद से मिलना था, सो उनसे बिछड़ना था lआवारा फिर ना ...

में और मेरे अहसास - 94

by Darshita Babubhai Shah
  • 1.6k

नया साल आया खुशियां मनाओ l आज घर आँगन फूलों से सजाओ ll नव स्फूर्ति भर दो नव ...

अवध में राम आएँगे

by Vishal Dhusiya
  • 3.4k

1 फूलों से सजादो राहों को फूलों से सजा दो राहों को भगवान आएँगे फूलों से सजा दो राहों ...

बेफिक्री लड़की

by Khushboo Tiwari
  • 2.9k

1] अजीब सी लड़की..मैं हूं लड़की अजीब सी.....सुनती तो सबकी, मगर करती सिर्फ अपने मन की हूं..जब भी बारिश ...

में और मेरे अहसास - 93

by Darshita Babubhai Shah
  • 1.5k

यमुना तट पर कृष्णा रास खेले राधा संग l सखी सहियर कृष्णा रास खेले राधा संग ll ...

आंसू

by Devansh
  • 3.3k

आंसू आंसू की बात करती है दुनिया कुछ लोग बिन आंसू रोते हैं... अकेले में खुद को ही वो ...

गुलदस्ता - 19

by Madhavi Marathe
  • 1.8k

११८ कलियोंने हलकेसे फुलों को कहाँ बताओ तो जरा, कैसे दिख रही है दुनिया, तुम्हारे खिल जाने से क्या ...

में और मेरे अहसास - 92

by Darshita Babubhai Shah
  • 2.5k

दिलवाला प्यार बेशुमार करता है l इज़हारे इश्क बार बार करता है ll खुश रहने की भरपूर कोशिश ...