उसी समय विभीषण दरबार मे चले आये"यह दूत है।औऱ दूत की हत्या नियम विरुद्ध है विभीषण की बात का ...
इको फ्रेंडली गोवर्धन गोवर्धन पूजा का समय है, ब्रजवासी हैं, तो गोवर्धन पर्व हमारे लिए कुछ विशेष महत्व ...
ज्ञानम (प्रेरणादायक एवं स्वास्थ्य ज्ञान)उपवास करने और मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गिरजाघर आदि में पूजा करने से भगवान आपको आर्शीवाद ...
और हनुमानजी पेड़ो से स्वादिष्ट पके हुए फल तोड़कर खाने लगे।काफी देर बाद वन की रखवाली कर रहे रक्षकों ...
मैं रामदूत हनुमान हनुमान का इस तरह विभीषण जो रावण का भाई था से परिचय हुआ था।बातों ही बातों ...
एक समय जब माता पार्वती मानसरोवर में स्नान कर रही थी तब उन्होंने स्नान स्थल पर कोई आ न ...
और बाली बाण लगते ही गिर पड़ा"राम तुंमने मुझे धोखे से मारा है।बाली ने राम को काफी कुछ कहा ...
आगे मिसेज शर्मा कहती है! " अभी तो आया है ! इसे थोड़ा आराम तो करने दे! आये नहीं ...
तभी दरवाजा खुलने की आवाज आती है! रतन छुप जाता है| नयन अंदर बड़बड़ाते हुए आती है और केहती ...
ध्रुव जाने ही वाला होता है के अभी नयन बोली! "भाई मैं ...
सारे लोग मिसेज शर्मा की और आश्चर्यचकित होकर देखने लगते हैं! नयन अपने भाई की और देखकर मनमे बोलती ...
इन सबसे अंजान ध्रुव वहासे चला जाता है | अस्पताल से पता चलता है , के उस लड़के को ...
तभी पीछेसे कोई आता है ! और नयन के गले में प्यारसा नेकलेस पेहना देता है| नयन पीछे मुड़ती ...
जिंदगी के कुछ पहलू ऐसे होते हैं, जो रिश्ते में उलझे रह जाते हैं| ख़ुशी- गम या नफ़रत जैसे ...
इंद्रप्रस्थ राजकुमार अर्जुन इस समय अपना धनुष हाथ में लिए सजग मुद्रा में खड़ा था। अर्जुन को सूचना मिली ...
काशीवाले महाराज श्रीअनिरुद्धसिंहजी (करैया-दतिया) महान् धर्मात्मा थे। इनकी रानी का नाम विजयकुँवरि था। ये भी भगवद्भक्ता एवं पतिव्रता थीं। ...
भगवान् सूर्य की पत्नी संज्ञा से आपका प्रादुर्भाव हुआ है। आप कल्पान्त तक संयमनीपुरी में रहकर जीवों को उनके ...
जन्मकर्मवयोरूपविद्यैश्वर्यधनादिभिः । यद् यस्य न भवेत्स्तम्भस्तत्रायं मदनुग्रहः ॥(सुन्दर कुल में जन्म, अच्छे कर्म, युवावस्था, सुन्दर रूप, अर्थकरी विद्या, बड़ा ...
इक्ष्वाकुवंशीय सम्राट् दिलीप के पुत्र ही भगीरथ नाम से विख्यात हुए। उनके पूर्वपुरुषों ने कपिल की क्रोधाग्नि से भस्मीभूत ...
"नही साधु महाराज हम रास्ता नही भटके है"रास्ता नही भटके तो इस जंगल मे कोमल शरीर के बालक नंगे ...
इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नाम के चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्र का नाम रोहित था। रोहित से हरित का ...
जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी॥ करहिं अनीति जाई नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर ...
श्री परशुरामावतार की कथा—(वाल्मीकि रामायण के अनुसार) साक्षात् ब्रह्माजी के पुत्र राजा कुश के चार पुत्रोंमें से कुशनाभ दूसरे ...
श्रीवामनावतार की कथा—भगवान् की कृपा से ही देवताओं की विजय हुई। स्वर्ग के सिंहासन पर इन्द्र का अभिषेक हुआ। ...
श्रीनृसिंह-अवतार की कथाजब वराहभगवान् ने हिरण्याक्ष का वध कर डाला था, तब उसकी माता दिति, उसकी पत्नी भानुमती, उसका ...
कमठ (कच्छप) अवतार की कथाजब दुर्वासा जी के शाप से इन्द्रसहित तीनों लोक श्रीरहित हो गये। तब इन्द्रादि ब्रह्माजी ...
(२) श्रीवराह-अवतार की कथा— ब्रह्मा से सृष्टिक्रम प्रारम्भ करने की आज्ञा पाये हुए स्वायम्भुव मनु ने पृथ्वी को प्रलय ...
सृष्टि के प्रारम्भ में जब ब्रह्मा ने सनकादि पुत्रों को उत्पन्न किया और वे निवृत्ति परायण हो गये तब ...
अचिन्त्य परमेश्वर की अतर्क्स लीला से त्रिगुणात्मक प्रकृति द्वारा जब सृष्टि-प्रवाह होता है तो उस समय रजोगुण से प्रेरित ...
उलूपी ऐरावत वंश के कौरव्य नामक नाग की कन्या थी। इस नाग कन्या का विवाह एक बाग़ से हुआ ...