सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़ें और PDF में डाउनलोड करें

संघर्ष

by Varun Kumar
  • 234

एक बहुत छोटा शब्द है संघर्ष लेकिन इस शब्द का मतलब केवल वह जानता है जिसमें कुछ करने की ...

स्वच्छ पर्यावरण

by Sudhir Srivastava
  • 207

आलेख -स्वच्छ पर्यावरण मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जिस तरह से वह अपने जीवनचर्या का क्रियान्वयन और ...

दिए की रात

by Rahul Vyas
  • 318

भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे तब से उनके आने की खुशी मे लोगों ने दिवाली का त्योहार मनाना ...

बेजुबान - 5

by किशनलाल शर्मा
  • 486

पढ़ लेती,"वह बोला ,"मा का है"किसी दूसरे के नाम की चिट्ठी नही पढ़नी चाहिए।"उसकी बात सुनकर वह बोली थी"तुम ...

खामोशी का रहस्य - 5

by किशनलाल शर्मा
  • 717

"मैं तुम्हारे लायक नही हूँ"क्यो"क्योकि मैं परित्यक्ता हूँ।तलाकशुदा"यह तुंमने पहले कभी बताया नही।""पहले कब यह बात चली।आज चली है ...

सिर्फ एक रात का मौका दे दे....

by Sharovan
  • 591

सिर्फ एक रात का मौका दे दे. . . कहानी / शरोवन *** चार साल और छः माह के ...

उजाले की ओर –संस्मरण

by Pranava Bharti
  • 453

प्रिय मित्रो! स्नेहिल नमस्कार आशा है सब स्वस्थ वआनंदित हैं और आने वाले त्योहारों की तैयारियों में पूरे जोशो-खरोश ...

जंगल की अद्भुत दुनिया

by anokhi jha
  • 672

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में तीन प्यारे बच्चे रहते थे - सोनू, मोनू और ...

बेजुबान - 4

by किशनलाल शर्मा
  • 768

और शबनम उसे कोई काम नही करने देती थी।वह शबनम के इशारे और क्या बोलती है कुछ कुछ समझने ...

बेजुबान - 3

by किशनलाल शर्मा
  • 783

और वह उससे पूछता रहा वह कागज पर लिखती रही।और उसने जो बताया निम्न थाजाकिर अपनी बीबी सलमा के ...

खामोशी का रहस्य - 4

by किशनलाल शर्मा
  • 882

सपना देखने लगा।माया को अपनी पत्नी बनाने का।उसे अपना जजजीवन साथी बनाने का।उसकी चाहत एक तरफा थी।माया के दिल ...

बेजुबान - 2

by किशनलाल शर्मा
  • 975

उस रात वह बिस्तर में लेटा हुआ था।मोबाइल का जमाना था नही।मतलब हमारे यहाँ मोबाइल नही आया था।टेलिविजन हमारे ...

ईमानदारी का असली इनाम

by anokhi jha
  • 735

ईमानदारी का असली इनाम एक समय की बात है, पहाड़ों के बीच बसा एक छोटा सा गाँव था जिसका ...

समय का महत्व और जादुई घड़ी

by anokhi jha
  • 1.1k

बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में राघव नाम का एक लड़का रहता था। राघव होशियार और मेहनती ...

बन्धन प्यार का - 26

by किशनलाल शर्मा
  • 675

नही ये नही होगा"अम्मी क्या सोच रही होबेटी की बात सुनकर वह अतीत से वर्तमान में लौट आयी"मे तेरा ...

जिंदगी

by veena kumari
  • 675

'जिंदगी ' कितना सुकून देता है यह शब्द ।मतलब कितना प्यारा शब्द है ।सिर्फ सोचने से ही मन में ...

अनुशासन का महत्व

by anokhi jha
  • 1k

**कहानी: अनुशासन का महत्त्व** बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था ...

बेजुबान - 1

by किशनलाल शर्मा
  • 2.6k

एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर ...

उजाले की ओर –संस्मरण

by Pranava Bharti
  • 489

स्नेहिल सुभोर प्रिय मित्रो कैसे हैं आप सब? ज़िंदगी इक सफ़र है सुहाना, यहॉं कल क्या हो किसने जाना? ...

खामोशी का रहस्य - 3

by किशनलाल शर्मा
  • 882

छुट्टी वाले दिन दीपेन देर से उठता औऱ सारे काम धीरे धीरे से पूरे करता।छुट्टी वाले दिन वह घर ...

शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 18

by Kaushik Dave
  • 468

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१८)संतान जब बड़े हो जाते है तब माता पिता को अपना ...

खामोशी का रहस्य - 2

by किशनलाल शर्मा
  • 1.4k

ट्रेन आने से पहले ही प्लेटफार्म पर खड़े लोग हरकत में आ गए थे।दीपेन ने उस युवती का हाथ ...

उजाले की ओर –संस्मरण

by Pranava Bharti
  • 714

================== स्नेहिल नमस्कार प्यारे मित्रों आशा है सब कुशल-मंगल हैं | श्राद्ध-पक्ष के बाद त्योहारों का मौसम आ गया ...

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 105

by कैप्टन धरणीधर
  • 738

अभय केतकी बदली तीनो मीरा होटल मे प्रवेश करते हैं । बदली ने साड़ी पहन रखी है । किन्तु ...

खामोशी का रहस्य - 1

by किशनलाल शर्मा
  • 4k

सीट पर बैठते ही दीपेन की नजर खिड़की के पास बैठी युवती पर पड़ी थी।उसे वह पहली बार देख ...

अकेलापन जिंदगी - 1

by Wow Mission successful
  • 2.2k

आपके पास चाहे जितना भी दोस्त ही, रिश्तेदार हों,कोई भी यकीनन हर इंसान के जिंदगी में एक समय,एक ऐसा ...

गधे से बहस मत करो

by Nikhil Sharma
  • 930

गधे ने बाघ से कहा: "घास नीली है।" बाघ ने उत्तर दिया: "नहीं, घास हरी है।" उनकी चर्चा गरमा ...

महाराजा - फिल्म रिव्यु

by jitendra Kumar
  • 498

आज हर कोई नाई की कहानी पर चर्चा कर रहा है, जो कि एक अनोखी और दिलचस्प फिल्म है। ...

उजाले की ओर –संस्मरण

by Pranava Bharti
  • 621

================== स्नेहिल सुप्रभात पाठक मित्रों हर समय किसी से नाराज़ रहने में आखिर क्या मिल जाएगा? जीवन के जिन ...

उजाले की ओर –संस्मरण

by Pranava Bharti
  • 804

================= . नमस्कार स्नेही पाठक मित्रों आशा है सब स्वस्थ व प्रसन्न हैं | जीवन बड़ा अद्भुत् है | ...