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जरूरी था - 2

by Komal Mehta
  • 423

जरूरी था तेरा गिरना भी,गिरके उठना भी,जिंदगी के मुकाम को ,हासिल करना भी।जब तुम टूट जाते हो पूरी तरह ...

हिन्दी दिवस १४ सितंबर

by Abhishek Chaturvedi
  • 2.5k

हिन्दी दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, और इसके पीछे एक रोचक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है जो ...

कुछ सवाल खुद से

by ArUu Prajapat
  • 3.8k

कुछ लोग या कहूं भारत में अधिकांश लोग ये कहते हुए बहुत गर्व महसूस करते है की हम हिंदू ...

मणिपुर

by ABHAY SINGH
  • 3.6k

राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रॉकिंग स्पीच के बीच इस महत्वपूर्ण भाषण को सुना जाना चाहिए। ●●भारत का ...

संवर रहा है वृन्दाबन की बंगाली विधवाओं [माइयों]का जीवन

by Neelam Kulshreshtha
  • 3.6k

[नीलम कुलश्रेष्ठ ] कहतें हैं लेखकों के काम की कीमत उनके मरने के, दुनियाँ से जाने के बाद पहचानी ...

प्रारब्ध का सत्य

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 4.5k

होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान ...

नर नारायण

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.8k

नर नारायण--ब्रह्मांड के दो प्रमुख अवयव है जो परब्रम्ह परमात्मा कि कल्पना रचना कि वास्तविकता है प्रथम प्रकृति है ...

हिंदी व्यंग्य में स्तम्भ लेखन की भूमिका

by Yashwant Kothari
  • 4.1k

यशवंत कोठारी स्तम्भ लेखन की परिभाषा क्या होनी चाहिए ? एक मित्र के अनुसार किसी पत्रिका के एक स्तम्भ ...

सत्यार्थ -सात भागो में

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.8k

सत्यार्थ - प्रथमप्राणि के जन्म जीवन की खास बात यह है कि जो उसके निहित स्वार्थ शुख बैभव भोग ...

परमात्मा और परमार्थ

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.6k

परमात्मा और परमार्थ -परमात्मा वास्तव में आत्मा कि परम यात्रा का ही सत्यार्थ है या कुछ अन्य आत्मा किवास्तविकता ...

सोशल मिडिया पर हिन्दी का सुनहरा भविष्य

by Yashwant Kothari
  • 4.6k

यशवंत कोठारी सोशल मीडिया पर हिंसी व् हिंदी सहिय बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. वास्तव में पिछले ...

जीवन मे सफलता के सिंद्धान्त प्रतिस्पर्धा एव धैर्य

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 5.5k

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य---प्रतिस्पर्धा ,चुनौती जिन्दंगी के जंग का हिस्सा है जिंदगी जंग है जिंदगी ...

वैचारिक ऊर्जा

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 4k

वैचारिक ऊर्जा जीवन दर्शन कि सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों ...

हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.5k

हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना---1-हिंदी कविताओं में राष्ट्रीय भक्ति भवना--राष्ट्रीय चेतना प्रेम एव राष्ट्रिय भावना ही राष्ट्रीयता कहलाती है राष्ट्रीयता ...

संस्कारिक क्रांति का शंखनाद

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 2.9k

भारत कि मूल संस्कृति के संस्कारिक क्रांति का शंखनाद स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री ...

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतीयां एव समाधान

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.5k

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतियां एव समाधान -लोक तंत्र के वर्तमान स्वरूप को स्थिर करने में चार महत्वपूर्ण ...

भारत एव मीडिया

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.8k

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी ...

स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य के विविध आयाम

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.6k

स्वातंत्रयोत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य की विविध आयाम - (क)-उपन्यास क्या है-उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है इस ...

आस्था एव श्रद्धा

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.6k

आस्था एवं श्रद्धा -आस्था अर्थात अनुभूति का याथार्त आस्था अस्तित्व का वह बोध जो स्वयं के होने के प्रमाण ...

नशा नाश का मार्ग

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 4.7k

नशा या नाश का मार्ग - भाग तीनमदिरा, शराब ,वाइन ,लीकर,दारू समय के साथ साथ बदलते नाम लेकिन प्रकृति ...

समाचार जहात में लेख

by Yashwant Kothari
  • 3.5k

आज के दैनिक समाचार जगत के साप्ताहिक स्तम्भ ढूँढाड़ के सर्जक में प्रकाशित मन को झकझोरने वाली तथा असंगतियों ...

गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 2

by Neelam Kulshreshtha
  • 4.8k

एपीसोड --2 मेरा सं 2018 में व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ था, ``महिला चटपटी बतकहियाँ `.मुझे नहीं पता गुजरात से ...

ज्योतिष एवं स्वप्न विवेचना

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 4.4k

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना--मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके ...

भारत मे शिक्षा

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 4.2k

--- *भारत में शिक्षा * ---- 1- *शिक्षा का महत्व* ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास ...

गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1

by Neelam Kulshreshtha
  • 5.4k

नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड ---1 गुजरात में जो साहित्य महिलायों ने स्वतंत्रता के बाद लिखा गया है, मैं उसकी चर्चा ...

भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.6k

1-भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत---भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग ...

पंडित राहुलसंस्कृत्यायन एव बौद्ध दर्शन

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.6k

पण्डित राहुल सांकृत्यायन एव बौद्ध दर्शन-----जीवन परिचय-----पंडित राहुल सांकृत्यायन को उनकी अन्वेषी प्रबृत्ति उन्हें घुमक्कड़ बनाती विश्व के अनेक ...

अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1

by Sandeep Singh (ईशू)
  • 8.2k

अंतर्मन अर्थात अपने मन की वो असीम गहराई जहां हित, नात , यार, मित्र, समाज, रिश्ते नाते, कार्य, प्रतिभा, ...

संत कबीर सत्य के प्रतीक

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 4k

संन्त कबीर सत्य के प्रतीक----कबीर ऐसे व्यक्तित्व जिनके विषय में स्पष्ट कहा जा सकता है कि संत सत्य निरपेक्षता ...

धैर्य कि दृष्टि धनपत राय कि लेखनी

by नंदलाल मणि त्रिपाठी
  • 3.3k

धैर्य कि दृष्टि धनपत राय की लेखनी -मुंशी प्रेम चन्द्र जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के ...