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चिठिया हो तो हर कोई बांचे

by Prafulla Kumar Tripathi
  • 2.2k

जबसे लैपटाप और मोबाइल युग आया है हम सभी के जीवन से पत्र लेखन ,मनन और वाचन की विधा ...

रिश्ता चिट्ठी का - 5

by Preeti Pandey
  • 2.4k

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं ...

रिश्ता चिट्ठी का - 4

by Preeti Pandey
  • 2.3k

प्रोफेसर! कैसे हैं? कल आपकी आवाज़ ने क्या ही कहर ढा दिया। किस मुँह से भगवान से कहूं की ...

रिश्ता चिट्ठी का - 3

by Preeti Pandey
  • 2.3k

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? वैसे ये सवाल केवल एक औपचारिकता लगती है, लेकिन ख़त बिना इस सवाल कुछ अधूरा ...

रिश्ता चिट्ठी का - 2

by Preeti Pandey
  • 2.1k

प्रोफेसर! तबियत आज कुछ ठीक नहीं थी सुबह से, लेकिन किसी से कहा नहीं, परेशान हो जाते सब। लेकिन ...

रिश्ता चिट्ठी का - 1

by Preeti Pandey
  • 3k

प्रोफेसर!मौसम का मिज़ाज बदल रहा यहाँ! ठण्ड अपने पूरे शबाब पर है।वहां मौसम के क्या हाल? गर्मी के कहर ...

रिश्ता चिट्ठी का

by Preeti Pandey
  • 2.7k

दिनांक:26/12/2022प्रोफेसर!मालूम है तारीख़ गलत लिखी है, लेकिन 26 तारीख़ अब शायद ही मैं कभी भूल सकूंगी। जो हुआ उस ...

बर्बरता का समाधान क्या हैं ?

by Rudra Sanjay Sharma
  • 2.4k

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके ...

सर्व समर्थ जागरूकता की उपलब्धता का पथिक हूँ मैं ..!

by Rudra Sanjay Sharma
  • 2.4k

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके ...

राख!!

by Madhu
  • 2.4k

अरे ये क्या कह रही हो तुम अभी कुछ दिन पहले हि हमारी बात हुई थी तब तो सब ...

मुमुक्षु अवचेतन की चेतन मन को प्रतिक्रिया

by Rudra Sanjay Sharma
  • 2.9k

मेरे मुमुक्षु अवचेतन मन की, मुक्त यानी पूर्ण मृत निराकार चेतन मन के प्रेम पूर्ण आमंत्रण की प्रतिक्रिया ..!!मैं ...

कुछ शब्द!!

by Madhu
  • 3.4k

उस दिन तुम्हारे बारे में किसी और से मालूम हुआ मुझे उस बात तनिक भी खबर ना थी जब ...

कुछ बाते....

by Madhu
  • 3.4k

क्यो क्यो हर बार हम अपने जाबान्ज वीरो को खो दे रहे हैं सिर्फ़ कुछ गद्दारो जिस देश का ...

मेरा प्रेम पत्र

by Rudra Sanjay Sharma
  • 4.4k

सही गलत दों हैं और वास्तविकता एक मात्रता का नाम, इसका मतलब हैं जहाँ सही और गलत हों सकता ...

गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?

by Rudra Sanjay Sharma
  • 3.9k

अपमान कर्ता शब्दों के प्रयोग, कलंक या निंदा की बात अर्थात् अपशब्दों यानी गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?जो ...

एक चिट्ठी प्यार भरी - 4

by Shwet Kumar Sinha
  • 5k

प्रिय प्रियतमा, आज एकबार फिर तुम्हारी नगरी में हूं। पर सबकुछ कितना बदल गया है यहां! या फिर शायद ...

मोटे अनाज मल्टीग्रेन की संक्षिप्त जानकारी 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष

by JUGAL KISHORE SHARMA
  • 4.5k

एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में कदन्न अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। कदन्न अनाज ...

आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा समकालीन अध्ययन के सार

by JUGAL KISHORE SHARMA
  • 3.5k

आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा, समकालीन अध्ययन के सार स्वयं और व्यक्तियों को अक्सर समकालीन दर्शन में ...

तुम्हारे नाम एक पत्र और

by SURENDRA ARORA
  • 4k

आज चालीस साल बाद एक बार फिर तुम्हें चिट्ठी लिखने की इच्छा हुई है। इच्छा, आज ही नहीं सच ...

પ્રિય ભાઈ

by Dave Tejas B.
  • 3.6k

પ્રિય ભાઈ આજે તારા વિશે મારા મનમાં ઉઠતા વિચારના મોજાને કલમે કંડારવની ઈચ્છા થઇ પરંતુ વિડંબના એ છે કે ...

I Hate You I Love You - 13

by Swatigrover
  • 5.7k

13 आदित्य ने सिद्धार्थ की बात सुनकर गाड़ी अपने घर के रास्ते कर दी । सिद्धार्थ अपने घर के ...

एक चिट्ठी प्यार भरी - 3

by Shwet Kumar Sinha
  • 3.9k

प्रिय श्वेत शुभाशिर्वाद, तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर खुशी हुई कि तुम कठिन परिश्रम कर रहे हो। इसी तरह hard ...

राजस्थान की कहावतें

by JUGAL KISHORE SHARMA
  • 17.5k

छोटी मोटी कामणी सगळी विष की बेल (छोटी या बड़ी, सभी कामिनियाँ जहर की बल । अथवा विषय वासना ...

एक चिट्ठी प्यार भरी - 2

by Shwet Kumar Sinha
  • 4.3k

प्यारी बहना, रक्षाबंधन की सुबह तुम्हारी भेजी हुई राखी पहन ऑफिस तो चला गया, पर न जाने क्यूं कहीं ...

एक चिट्ठी प्यार भरी - 1

by Shwet Kumar Sinha
  • 6.8k

प्रिय पापा, सबसे पहले तो मुझे क्षमा करें मैने आपके लिए आदरणीय के स्थान पर प्रिय शब्द का इस्तेमाल ...

आदर्श अभिभावकों को कैसा होना चाहियें?

by Rudra Sanjay Sharma
  • 3.6k

पक्षी को कोई उड़ना नहीं सिखाता, बस इस कदर उड़ने की आवश्यकता होनी चाहियें कि उसके अलावा उनके पास ...

मेरी अभिव्यक्ति किसके लियें हैं?

by Rudra Sanjay Sharma
  • 4k

मेरी अभिव्यक्ति किनके लियें हैं?ईश्वर ने सभी को अलग-अलग दिमाग दियें हैं इसका मतलब हैं कि वह चाहता हैं ...

सत्य को स्वार्थी नहीं होना चाहियें।

by Rudra Sanjay Sharma
  • 4k

लेखक और लेखन के संबंध में।मेरी अभिव्यक्ति केवल मेरे लियें हैं यानी मेरी जितनी समझ के स्तर के लियें ...

Why are most people unable to understand me?

by Rudra Sanjay Sharma
  • 5.2k

क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहते हैं?किसी का भी मुझे समझ नहीं सकने का सही अर्थों में ...

मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं?

by Rudra Sanjay Sharma
  • 4.8k

■ मैं संसार से पूर्णतः विरक्ति के पश्चात भी सांसारिक क्यों और कैसे हूँ?मैं संसार से पूर्णतः विरक्त हूँ ...