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लेकिन की दुनिया

by RTJD
  • 1.2k

लेकिन की दुनियाकहते हैं - ‘लेकिन’ से पहले कही गई सारी बातें झूठी होती हैं,और यह बात सच भी ...

सत्य मीमांसा - 3

by Rudra Sanjay Sharma
  • 2.7k

जो हमारी उपस्थिति अनुभव हो रही हैं, वहीं तो सर्वशक्तिमान के प्रभाव की उपस्थिति का अनुभव हैं, उसकी उपस्थिति, ...

सत्य मीमांसा - 2.5

by Rudra Sanjay Sharma
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  • 2.4k

जो हमारी उपस्थिति अनुभव हो रही हैं, वहीं तो सर्वशक्तिमान के प्रभाव की उपस्थिति का अनुभव हैं, उसकी उपस्थिति, ...

सत्य मीमांसा - 2

by Rudra Sanjay Sharma
  • 2.4k

Already Recognised, Too much Admired, no need for Admiration and Recognition, I know who am I, no one/ nobody, ...

सत्य मीमांसा - 1

by Rudra Sanjay Sharma
  • 4.7k

अपेक्षाओं का होना किसी भी संबंधी में, संबंध के लिए बीमारी होती हैं, बगैर अपेक्षाओं के कोई हमारी जरूरतों ...

टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 11

by Ayesha Sheikh
  • 3.2k

9.श्री पी. उपेन्द्र को पत्रडॉ. पीसीसी राजाश्रीपी. उपेन्द्र,माननीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री,भारत सरकार,नई दिल्ली।महोदय,मैं कालीकट के ज़मोरिन परिवार का ...

अधूरी चिट्ठी

by Giraj Khatik
  • 2.5k

गाँव के पुराने डाकघर में रखी एक लकड़ी की अलमारी में बहुत-सी पुरानी चिट्ठियाँ धूल खा रही थीं।डाकिया रामलाल ...

टीपू सुल्तान

by Mini Kumari
  • 2.7k

हाल ही में, भारतीय इतिहास के अभिलेखों को विकृत और मिथ्या बनाने का एक संगठित प्रयास किया गया है, ...

उन दोस्तों के लिए जिन्होंने लिखना छोड़ दिया

by Rohan Beniwal
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  • 4.8k

जब मैंने लिखना शुरू किया, तब मुझे लगता था कि लोग मेरे शब्दों को पढ़ेंगे और तारीफ करेंगे। मैं ...

Letter From Me - 5

by Rudra Sanjay Sharma
  • 7k

(०)करनें वाला राम और करानें वाला भी राम, मैं समुद्र के असीम जल की वों बूंद हूँ जो अपनें ...

Letter From Me - 4

by Rudra Sanjay Sharma
  • 4.6k

Yes having lack of trust in connections where connected ones not deserving us like that is not ok including ...

हिन्दी का इतिहास और विकास

by Abhishek Chaturvedi
  • 6k

हिन्दी का इतिहास और विकासहिन्दी भाषा की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसका इतिहास वैदिक काल से जुड़ा है, जब ...

एक पत्र ज़िंदगी के नाम

by उषा जरवाल
  • (5/5)
  • 6.4k

एक पत्र - ज़िंदगी के नाम प्रिय ज़िंदगी, मधुर स्मृति कैसी हो तुम ? बहुत दिनों से तुमसे मुलाक़ात ...

Letter From Me - 2

by Rudra Sanjay Sharma
  • 7.3k

Friends! what I sense, feel or observed, based on the same, do according to you, am I am doing ...

एक आखिरी खत उसे

by Prahlad Verma
  • (0/5)
  • 8.4k

hiii पागल दुआ करता हूं कि तुम अच्छी होगी, कभी सोचा नहीं था कि मुझे कभी तुम्हे इस तरह ...

चिठिया हो तो हर कोई बांचे

by Prafulla Kumar Tripathi
  • 9.9k

जबसे लैपटाप और मोबाइल युग आया है हम सभी के जीवन से पत्र लेखन ,मनन और वाचन की विधा ...

रिश्ता चिट्ठी का - 5

by Preeti Pandey
  • 9.8k

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं ...

रिश्ता चिट्ठी का - 4

by Preeti Pandey
  • 7.8k

प्रोफेसर! कैसे हैं? कल आपकी आवाज़ ने क्या ही कहर ढा दिया। किस मुँह से भगवान से कहूं की ...

रिश्ता चिट्ठी का - 3

by Preeti Pandey
  • 7.7k

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? वैसे ये सवाल केवल एक औपचारिकता लगती है, लेकिन ख़त बिना इस सवाल कुछ अधूरा ...

रिश्ता चिट्ठी का - 2

by Preeti Pandey
  • 7.5k

प्रोफेसर! तबियत आज कुछ ठीक नहीं थी सुबह से, लेकिन किसी से कहा नहीं, परेशान हो जाते सब। लेकिन ...

रिश्ता चिट्ठी का - 1

by Preeti Pandey
  • (4/5)
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प्रोफेसर!मौसम का मिज़ाज बदल रहा यहाँ! ठण्ड अपने पूरे शबाब पर है।वहां मौसम के क्या हाल? गर्मी के कहर ...

रिश्ता चिट्ठी का

by Preeti Pandey
  • (5/5)
  • 10.7k

दिनांक:26/12/2022प्रोफेसर!मालूम है तारीख़ गलत लिखी है, लेकिन 26 तारीख़ अब शायद ही मैं कभी भूल सकूंगी। जो हुआ उस ...

बर्बरता का समाधान क्या हैं ?

by Rudra Sanjay Sharma
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  • 9.2k

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके ...

सर्व समर्थ जागरूकता की उपलब्धता का पथिक हूँ मैं ..!

by Rudra Sanjay Sharma
  • (5/5)
  • 9.3k

(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके ...

राख!!

by Madhu
  • (4.7/5)
  • 8.7k

अरे ये क्या कह रही हो तुम अभी कुछ दिन पहले हि हमारी बात हुई थी तब तो सब ...

मुमुक्षु अवचेतन की चेतन मन को प्रतिक्रिया

by Rudra Sanjay Sharma
  • (5/5)
  • 9.2k

मेरे मुमुक्षु अवचेतन मन की, मुक्त यानी पूर्ण मृत निराकार चेतन मन के प्रेम पूर्ण आमंत्रण की प्रतिक्रिया ..!!मैं ...

कुछ शब्द!!

by Madhu
  • (5/5)
  • 8.9k

उस दिन तुम्हारे बारे में किसी और से मालूम हुआ मुझे उस बात तनिक भी खबर ना थी जब ...

कुछ बाते....

by Madhu
  • (4.7/5)
  • 8.3k

क्यो क्यो हर बार हम अपने जाबान्ज वीरो को खो दे रहे हैं सिर्फ़ कुछ गद्दारो जिस देश का ...

मेरा प्रेम पत्र

by Rudra Sanjay Sharma
  • (5/5)
  • 10.7k

सही गलत दों हैं और वास्तविकता एक मात्रता का नाम, इसका मतलब हैं जहाँ सही और गलत हों सकता ...

गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?

by Rudra Sanjay Sharma
  • (4/5)
  • 9.6k

अपमान कर्ता शब्दों के प्रयोग, कलंक या निंदा की बात अर्थात् अपशब्दों यानी गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?जो ...